11+कोटा में घूमने की जगह | Kota Me Ghumne Ki Jagah
राजस्थान राज्य में चंबल नदी के किनारे पर बसा कोटा जिला जयपुर और उदयपुर के बाद तीसरा सबसे बड़ा शहर है। कोटा शहर प्राचीन विरासत, संस्कृति, ऐतिहासिक इमारत और चंबल नदी के किनारे पर प्राकृतिक मनमोहक दृश्यों के लिए जाना जाता है। शहर में स्थित हरियाली से भरे गार्डन, मंदिर, महल प्राचीन इतिहास की झलक प्रस्तुत करते हैं। चंबल नदी के तट पर बना हाईड्रो पॉवर प्लांट अधौगीकरण की नई परिभाषा व्यक्त करता है। शहर में नदी और झीलों के साथ हरियाली से भरपूर वादियों का दीदार कर सकते हैं। भौगोलिक दृष्टि की वजह से कोटा में कई फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है जिसमें बॉलीवुड फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया और मर्दानी-2 शामिल है। लेख में कोटा में घूमने की जगह (Kota Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में काशी कहा जानें वाला कोटा शहर पर्यटन की दृष्टि से काफी उभर कर सामने आया है। भारत में शैक्षणिक शहर कोटा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जैसे आईआईटी, NEET, और सरकारी नौकरी की परीक्षाओं की तैयारी के लिए सर्वाधिक लोकप्रिय है। शहर में स्थित सैकड़ों की संख्या में कोचिंग सेंटर के कारण कोटा कोचिंग राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। भारत के अनेकों शहरों से विद्यार्थी कोटा में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है और सफल भी होते हैं। Kota Factory Web Series के बाद कोटा को भारत में और अधिक पहचान मिल सकी। इसी लेख में कोटा के स्थानीय पर्यटन स्थलों को अच्छे से जान सकते हैं।
कोटा में घूमने की जगह | Kota Me Ghumne Ki Jagah
कोटा शहर के बरे में महत्वपूर्ण जानकारी
- आधुनिक सुव्यवस्थित शहर के रूप में विकसित कोटा राजस्थान राज्य के प्रमुख शहरों में से एक है। कोटा राजस्थान का शहर है इसके बावजूद कोटा वर्तमान में आधुनिक परिवेश में सुव्यवस्थित महानगरों की श्रेणी में शामिल है।
- चंबल नदी पर बना कोटा का रिवर फ्रंट विश्व धरोहर के रूप में पहचान स्थापित किए हुए है। रिवर फ्रंट अपनी खूबसूरत भव्यता से जादुई चुंबकत्व का मायाजाल रचता है जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से खींचे चले आते हैं।
- कोटा पूर्व में बूंदी साम्राज्य का हिस्सा था। मुगल बादशाह शाहजहां के शासनकाल के दौरान 1631 में कोटा को बूंदी साम्राज्य से प्रथक कर बूंदी साम्राज्य के शासक नरेश राव रतन सिंह के पुत्र माधव सिंह को कोटा का महाराज घोषित कर दिया गया। देश स्वतंत्र होने के बाद राजस्थान राज्य का जिला बना।
- वर्तमान में कोटा शैक्षणिक नगरी के रूप में जाना जाता है। शहर में खुले कोचिंग संस्थान शहर की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
1. सात अजूबा पार्क (Seven Wonders Park Kota)
Seven Wonders Park कोटा की सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। कोटा में तैयारी करने वाले छात्र अपने खाली समय में घूमने के लिए जाते है। यदि आपका बजट कम है और दुनियां के सात अजूबे देखने का सपना देखते हैं तो पार्क में जाकर दुनियां के सात अजूबे देख सकते हैं। 50 एकड़ के क्षेत्र में बने पार्क में दुनियां के सात अजूबों के प्रतिरूप को हुबहू बनाया गया है। पार्क में रोम का कोलोशियम, मिस्त्र के पिरामिड, ताजमहल, स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी, पीसा की मीनार, एफिल टॉवर, जैसी अनमोल धरोहर को देख सकते हैं। सात अजूबा पार्क किशोर सागर तालाब के ठीक सामने बना हुआ है।
2. किशोर सागर तालाब (Kishore Sagar Talav Kota)
किशोर सागर तालाब कोटा का ऐतिहासिक मानव निर्मित तालाब है। तालाब का निर्माण 1346 में बूंदी के राजकुमार धी देह ने बनवाया था। तालाब की प्राकृतिक सुंदरता और बीच में बना जगमंदिर पर्यटकों को आकर्षित करती है। उदयपुर के जलमंदिर की भांति तालाब के बीच में जगमंदिर का निर्माण 1740 में कोटा के महाराव दुर्जनसाल की पत्नी राजकुमारी रानी बृज कंवर ने शाही राजघराने के लोगों के लिए आराम करने हेतु करवाया था। रात में लाईटों की रोशनी से जगमग मंदिर की भव्यता में चार चांद लग जाते हैं। पर्यटक नाव की सवारी का आनंद लेने के साथ जगमंदिर में दर्शन कर सकते हैं। तालाब के किनारे प्राकृतिक हवा का ऐहसास लेने और शाम के शाम समय व्यतीत करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते है।
3. गढ़ महल कोटा (City Palace Gadh Kota)
गढ़ महल कोटा का ऐतिहासिक महल है। कोटा के गौरांवित इतिहास की दस्ता प्रस्तुत करता गढ़ महल एक विशाल महल है। प्राचीन धरोहर को जीवंत रखे हुए गढ़ महल में बना राव माधोसिंह संग्रहालय प्राचीन इतिहास की दास्तां बयां करता है। संग्रहालय में राजस्थान की संस्कृति को उजागर करते पुराने वाद्ययंत्र शहनाई, हारमोनियम देखने को मिलते हैं। कुर्सी, पुराने समय के ताले, शाही मोहरे, गंजफा देखे जा सकते हैं। दीवारों पर लगी 18 वी शाताब्दी की हस्त निर्मित पेंटिंग आश्चर्यचकित कर देती है। संग्रहालय में पुराने जमाने की तलवारे, भाले, बंदूखे देख सकते हैं। संग्रहालय में कोटा शहर के प्राचीन इतिहास की जानकारी हासिल किया जा सकता है। महल का संग्रहालय सुबह 10 बजे 04:30 तक खुला रहता है। गढ़ महल में भ्रमण करने के लिए टिकट शुल्क लगता है।
4. गोदावरी धाम (Godavari Dham Balaji Temple)
चंबल नदी के तट पर स्थित गोदावरी धाम भगवान हनुमान जी को समर्पित कोटा का लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। मंदिर में भगवान बालाजी की के साथ प्रभु श्री राम जी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति स्वयंभू है जिसे किसी भी कारीगर द्वारा नही बनाया गया है। हनुमान जी की मूर्ति का उद्गम चंबल नदी से ही हुआ है। बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं और मन्नत मांगते हैं। गोदावरी धाम कोटा मुख्य शहर से 5 किमी दूर पर स्थित है।
5. कोटा बैराज
चंबल नदी पर बना कोटा बैराज खाली समय में घूमने के लिए आदर्श जगह है। बैराज में पानी को नियंत्रित करने के लिए 19 गेट बनाए गए है जो नदी की जलधारा को नियंत्रित करते हैं। बैराज दोस्तो के साथ घूमने के लिए बेहद खास जगह है। चारों ओर फैली शांतिपूर्ण वातावरण और बांध से पानी का मनमोहक दृश्य मन को अलग तरह की शांति प्रदान करता है। मानसून के दौरान बैराज पानी से भर जाता है बहते पानी की जलधारा से बांध जलप्रपात का रूप ले लेता है। सुबह और शाम को कोटा बैराज पर घूमने वाले लोगों की अधिक भीड़ रहती है।
6. चंबल रिवर फ्रंट गलियारा
कोटा में चंबल रिवर फ्रंट 1445 करोड़ की लागत में बना 6 किमी लंबा नवनिर्मित पर्यटन स्थल है। चंबल नदी पर बना रिवर फ्रंट 2023 में बनकर तैयार हुआ है। रात को लाईटों की रोशनी में रिवर फ्रंट की सुंदरता और बढ़ जाती है। नदी के दोनों किनारों पर 26 घाटों को निर्मित किया गया है जिन्हें अलग अलग थीम पर डिजाइन किया है। रिवर फ्रंट में फाउंटेन शो और लेजर शो आकर्षण का मुख्य केंद्र है। रिवर फ्रंट में बनी 225 फीट ऊंची चंबल माता की मूर्ति लोगों को आकर्षित करती है। गलियारे के किनारे भारत की ऐतिहासिक इमारतों की प्रति बनाई गई है। अद्वितीय कला का संगम चंबल रिवर फ्रंट में कीमती समय व्यतीत करने और मस्ती करने के लिए राजस्थान से ही नहीं बल्कि भारत के दूसरे शहरों से भी लोग जाते हैं।
7. गडरिया महादेव
गडरिया महादेव चंबल नदी पर बना प्राकृतिक क्षेत्र है। चारो ओर सुरम्य घाटियों से गिरा अदभुत परिदृश्य प्रदान करता है। पास में ही भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। मंदिर में दर्शन करने के बाद प्राकृति के अदभुत नजारे देखें जा सकते है। गडरिया महादेव दोस्तों और परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए मस्त जगह है। गडरिया महादेव कोटा चित्तौड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटा से 25 किमी दूर जंगल में पड़ता है। गडरिया महादेव में घूमने का समय सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक रहता है। आसपास का प्राकृतिक वातावरण फ़ोटो शूट करने के लिए बेहतरीन आइकॉनिक व्यू मिलता है।
8. अभेड़ा महल
अभेडा महल शहर का टूरिस्ट आकर्षण है। महल की खूबसूरत देखने के साथ मुगलशैली में बने गार्डन में समय व्यतीत कर सकते हैं। बच्चों के साथ घूमने के लिए सबसे बढ़िया विकल्प है। पानी के बीच में बना तीन मंजिला भवन फ़ोटो शूट करने के लिए अच्छी लोकेशन है। बहुत से लोग प्री वेडिंग फोटो शूट करने के लिए जाते हैं। बच्चों के साथ बोटिंग करते हुए मनोरंजन कर सकते हैं।
9. सिटी पार्क (City Park Kota Rajasthan)
सिटी पार्क कोटा का सौदर्य से भरपूर फैमिली पार्क है। पार्क में मनोरंजन करने और कीमती समय व्यतीत करने के लिए आदर्श है। सिटी पार्क बड़े क्षेत्र में विकसित किया गया है जिसमे पैदल चलकर घूम सकते या कार्ट में बैठकर पूरे पार्क का भ्रमण कर सकते हैं। सिटी पार्क में बने पानी के फब्बारे फ़ोटो शूट करने के लिए बेहद खूबसूरत सीनरी व्यू प्रदान करते है।
10. चंबल गार्डन
चंबल गार्डन कोटा के सबसे बड़े गार्डन में से एक है। गार्डन के अंदर चारों ओर लगे पेड़ पौधे लोगों को घूमने के लिए विचलित कर देते हैं। चंबल गार्डन के अंदर बना ड्रेगन पार्क को छोटे बच्चों के खेलने के लिए डिजाइन किया गया है। बच्चों के खेलने लायक तरह तरह के झूले लगाए गए हैं। शाम को गार्डन के एक छोर पर बने सूर्यास्त बिंदु से डूबते सूरज का अदभुत परिदृश्य देखने को मिलता है। सप्ताह में छुट्टियों के दिन बच्चों के साथ घूमने के लिए बहुत अच्छा गार्डन है।
11. ब्लू किंगडम वाटरपार्क (Blue Kingdom Waterpark Kota)
ब्लू किंगडम वाटरपार्क कोटा का सबसे बड़ा पार्क है। गर्मियों के मौसम में जलक्रीड़ा और मस्ती करने के लिए पार्क में बड़ी संख्या में लोग जाते हैं। वाटरपार्क में पानी में मस्ती करते हुए आनंद उठा सकते हैं। पार्क के अंदर वाटरलाइड करके मजा उठा सकते हैं। पार्क तक अपने निजी वाहन दो पहिया या चार पहिया द्वारा पहुंच सकते हैं। वाहन खड़ा करने के पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है। सार्वजनिक वाहन द्वारा जाना चाहते हैं तो नयापुर बस स्टैंड से ऑटो या टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं। वाटरपार्क में घूमने का शुल्क सोमवार से शनिवार तक साधारण रहता है जबकि रविवार और राष्ट्रीय त्योहार पर टिकट शुल्क अधिक रहता है। ब्लू किंगडम वाटरपार्क वेदांत इंजीनियरिंग कॉलेज बाईपास रोड के पास स्थित है।
Waterpark Timing : सोमवार से शनिवार तक 10:30 से 06:30
रविवार सुबह 10 बजे से 7 बजे तक
कोटा घूमने की योजना कब बनाएं?
देश के किसी भी शहर से कोटा घूमने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दे कोटा घूमने का सबसे उचित समय सर्दियों में अक्टूबर से फरबरी तक रहता है। इस समय घूमना बिलकुल आरामदायक रहता है। घूमने पर गर्मी का ऐहसास नही होता। वही गर्मियों के मौसम में बहुत तेज गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से घूमना कष्टदायक हो जाता है। यदि आप कोटा में ही रहते हैं तो शाम के समय घूमने के लिए कभी भी जा सकते हैं।
आवागमन का माध्यम : कोटा कैसे पहुंचे?
आवागमन के लिए कोटा तक अनेकों साधन उपलब्ध है। अपनी सुविधानुसार ट्रेन, हवाई जहाज और बस द्वारा पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन द्वारा आवागमन
रेलगाड़ी द्वारा कोटा पहुंचना बहुत ही आसान है। भारत में अधिकांश जनसंख्या आवागमन के लिए रेलगाड़ी का इस्तेमाल करती है। किराए के हिसाब से रेलगाड़ी द्वारा सफर काफी किफायती रहता है। आवागमन के लिए शहर में भारतीय पश्चिम मध्य रेलवे जोन के अंर्तगत कोटा जंक्शन का निर्माण किया गया है। दिल्ली से कोटा पहुंचने के लिए कई ट्रेन है जो नियमित अंतराल पर चलाई जाती है।
हवाई जहाज द्वारा सफ़र
फ्लाइट द्वारा कोटा पहुंचने के लिए सबसे बढ़िया विकल्प जयपुर है। जयपुर शहर में स्थित सांगानेर एयरपोर्ट जो देश के अधिकतर बड़े शहरों से हवाई मार्ग द्वारा सीधा जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता से जयपुर के लिए सीधा फ्लाइट उपलब्ध है। फ्लाइट द्वारा जयपुर पहुंचकर आगे 240 किमी बस द्वारा कोटा पहुंच सकते हैं।
कोटा के पर्यटन स्थलों का भ्रमण
कोटा के स्थानीय पर्यटन स्थलों का दौरा करने के लिए सबसे बढ़िया साधन का विकल्प है। टेंपो, ऑटो रिक्शा या टैक्सी। परिवार के साथ घूमने के लिए जाते हैं तो रेलवे स्टेशन उतरने के बाद ही ऑटो रिक्शा तय करके बुक करके स्थलों पर घुमा जा सकता है। कोटा में कुछ पर्यटन स्थल पैदल चलकर ही घूमा जा सकता है। शहर के बाहर किसी स्थान पर घूमने के लिए योजना बनाते हैं तो वाहन बुक करके की जाएं क्योंकि दूर दराज इलाके में वाहनों का आवागमन कम रहता है।
कोटा के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न - FAQ on Kota Me Ghumne Ki Jagah
1. कोटा से जयपुर कितनी दूर है?
राजस्थान की राजधानी जयपुर से कोटा 240 किमी की दूरी पर पड़ता है। जयपुर से सड़क मार्ग द्वारा सार्वजनिक वाहन या किराए पर बुक करके 3 घंटे में पहुंचा जा सकता है।
2. कोटा की प्रसिद्ध चीज क्या है?
कोटा की सबसे प्रसिद्ध डोरिया साड़ियां है जिन्हें हाथ से तैयार किया जाता है। साड़ियों को उच्च कोटि के सूती धागे या रेशम के धागे से सूई के द्वारा बारीक बना जाता है।
3. कोटा भारत में क्यों प्रसिद्ध है?
कोटा की पहचान भारत में कोचिंग संस्थान की वजह से है। कोचिंग सेंटर में आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कारवाई जाती है। जहां उत्तम कोटि का मार्गदर्शन पाकर विद्यार्थी सफल होते हैं और अपने सपनो को साकार करते हैं।