Top 10 औरंगाबाद में घूमने की जगह, अजंता एलोरा गुफाओं का भ्रमण
महाराष्ट्र में स्थित औरंगाबाद शहर अपने ऐतिहासिक स्थलों के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। औरंगाबाद शहर में ईसा पूर्व और मुगल काल में बनी शाही इमारतें और हिंदू बौद्ध प्रतिमाएं प्राचीनकाल की कहानी प्रस्तुत करती हुई नजर आती हैं। भारत की सबसे अनोखी अजंता एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद में ही स्थित है। गुफाओं के अंदर दीवारों पर हिंदू बौद्ध धर्म की अदभुत कलाकृतियों को देखते हुए यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में जगह दी है। आज के लेख में उन्हीं ऐतिहासिक धरोहर से रूबरू कराने के साथ औरंगाबाद में घूमने की जगह (Places to Visit in Aurangabad) के विषय में जानकारी देने जा रहे हैं।
भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की झलक प्रस्तुत करते औरंगाबाद के पर्यटन स्थल इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आते हैं। ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के साथ ही औरंगाबाद शहर मनोरंजन स्थलों से भरा हुआ है। जहां सप्ताह के अंत में जाकर भरपूर आनंद उठाया जा सकता है। शहर में हिंदू, बौद्ध, मुगल काल और जैन धर्म स्मारकों को एक साथ देखने का मौका मिलता है।
औरंगाबाद शहर में एतिहासिक स्मारकों को देखने के साथ क्षेत्रीय भोजन का लाज़वाब स्वाद उठा सकते हैं। शहर में स्थित अनेकों होटल और रेस्टोरेंट में रसोइया चटकारे भोजन का स्वाद देते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक शहर में स्थित घृणेश्वर मंदिर में दर्शन करके यात्रा को सफल बना सकते हैं।
औरंगाबाद में घूमने की जगह | Places to Visit in Aurangabad
1. बीबी का मकबरा, औरंगाबाद
आगरा के ताजमहल की भांति बीबी का मकबरा पश्चिम का ताजमहल कहलाता है। मकबरे को 16वी शताब्दी के दौरान औरंगजेब ने अपनी पहली बेगम राबिया दुरानी की याद में बनवाया था। राबिया दुरानी को दिलरस बानो बेगम के नाम से भी जाना जाता है।
गुम्मद और चारों कोने पर चार मीनार को बनाते हुए ताजमहल की नकल की गई है। सफेद संगमरमर से बना बीबी का मकबरा मुगल काल की अंतिम शाही स्मारक का परिचय प्रस्तुत करता है। अगर इतिहास को जानने और शाही स्मारक को देखने में रुचि है तो बीबी का मकबरा देखने के लिए जा सकते हैं।
पता : औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से 5 किमी दूर
प्रवेश शुल्क : 25 रूपए भारतीय नागरिक, 300 रुपए विदेशी नागरिक
घूमने के लिए समय : घूमने के लिए निर्धारित समय सुबह 8 से शाम 5 बजे
कौन कौन जा सकता है घूमने : बीबी का मकबरा एक शाही स्मारक है जिसे देखने के लिए आप अपने परिवार बच्चों के साथ जा सकते हैं। मकबरे को देखने के लिए काफी संख्या में प्रेमी युगल भी आते हैं।
2. औरंगज़ेब का मकबरा
औरंगज़ेब मुगल काल का छठवां अंतिम शासक था। सबसे ज्यादा औरंगज़ेब ने सबसे ज्यादा औरंगाबाद में ही शासन किया और उसी के नाम पर शहर का नाम औरंगाबाद प्रचलित हुआ। औरंगज़ेब की मृत्यु के पश्चात औरंगाबाद शहर से 25 किमी दूर खुलताबाद में बहादुर शाह ज़फ़र ने मकबरे का निर्माण करवाया था।
3. अजंता की गुफाएं
गुफाओं की दीवारों पर जातक कथाओं पर आधारित चित्रकारी प्रस्तुत की गई हैं।गुफाओं की कारीगरी और वास्तुशैली को देखते हुए 1983 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के तौर पर शामिल किया है। अपनी खोज से पहले घने जंगलों पर स्थित गुफ़ाएं दुनियां के लिए अनजान थी लेकिन 19वी शताब्दी में जॉन स्मिथ द्वारा खोजी गई दस गुफाओं का समूह बौद्ध समाज के जीवन और रहन सहन का परिचय कराती हैं।
पता : अजंता औरंगाबाद, महाराष्ट्र
प्रवेश शुल्क : 40 रूपए भारतीय नागरिक के लिए और 600 रूपए विदेशी नागरिकों के लिए
घूमने का समय सुबह : 9 बजे से शाम 5 बजे, सोमवार बंद
पहुंचने का आसन रास्ता : अजंता गुफाएं अजंता नाम गांव से कुछ किमी दूर एक घने जंगल पर स्थित है। सबसे नजदीक लोकप्रिय शहर जलगांव है जो 60 किमी दूर है और भूसावल से करीब 75 किमी दूर स्थित है। ट्रेन द्वारा भूसावल पहुंचकर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं।
4. एलोरा की गुफाएं
एलोरा यानी वेरुल गुफाएं जो एलोरा नामक जगह पर स्थित है। एलोरा गुफाएं 6वी शताब्दी के दौरान बनाई गई प्राचीन 34 गुफाओं का समूह है जो हिंदू , बौद्ध और जैन धर्म की कला और संस्कृति का सम्मानित रूप से परिचय प्रदान करती हैं। गुफाओं का समूह अलग रुप विभाजित है। हिंदू गुफाओं की दीवारों पर हिंदू धर्म के देवी देवताओं को मूर्तियों और कलाकृतियों के रूप में उकेरा गया है।
दीवारों पर चित्रकारी के माध्यम से रामायण और महाभारत काल का अद्भुत चित्रण देखने को मिलता है। वही जैन और बौद्ध धर्म समूह के गुफाओं की दीवारों पर अलंकृत अद्वितीय चित्रकारी देखने को मिलती है। एलोरा की लोकप्रियता का कारण छत्रपति शिवाजी महाराज से भी जुड़ा हुआ है। एलोरा में ही छत्रपति शिवाजी महाराज के दादा मालोजी भोसले रहा करते थे।
पता : एलोरा औरंगाबाद, महाराष्ट्र
प्रवेश समय : सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सप्ताह के मंगलवार को छोड़कर बाकी दिन खुला रहता है।
घूमने का उचित समय : एलोरा की गुफाओं का भ्रमण करने के लिए सबसे उत्तम समय मार्च महीने का रहता है। मार्च में महीने में यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
5. घृणेश्वर मंदिर
घृणेश्वर मंदिर की ख्याति दूर दूर तक फैली हुई है। शिव पुराण में उल्लेखित मंदिर पौराणिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। 13वी शताब्दी में निर्मित मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। भगवान शिव को समर्पित मंदिर के गर्भ गृह में ज्योर्तिलिंग स्थापित है जो हिन्दू लोगों की आस्था का प्रतीक है।
पता : घृणेश्वर मंदिर एलोरा गुफाओं के नज़दीक स्थित है।
6. भद्रा मारुति मंदिर
भद्रा मारुति मंदिर औरंगाबाद में लेटे हुए हनुमान के नाम से जाना जाता है। प्रयागराज और मध्यप्रदेश के जाम सवाली में स्थित मंदिर में भगवान हनुमान जी लेटे हुए मुद्रा में विराजमान हैं। उसी तरह भद्रा मारुति मंदिर में हनुमान जी मंदिर के गर्भ गृह में लेटे हुए मुद्रा में विराजमान है। मेरी जानकारी के अनुसार अभी तक भारत में कुल 3 ही ऐसे मंदिर है जहां हनुमान जी लेटे हुए विराजमान हैं।
यह धार्मिक स्थल औरंगाबाद से 25 किमी दूर खुलदाबाद नामक जगह पर स्थित है। मंदिर के प्रति क्षेत्रीय लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई हैं। आसपास के गांव और कस्बों में काफी लोकप्रिय मंदिर है। औरंगाबाद की यात्रा में भद्रा मारुति मंदिर में जाकर दर्शन करके अपने आपको कृतार्थ कर सकते हैं।
बच्चों के साथ घूमने की जगह
- सिद्धार्थ गार्डेन और चिड़ियाघर
- दौलताबाग किला
- छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूज़ियम
औरंगाबाद के लोकप्रिय पर्यटन स्थल
- लोनार झील
- पंचक्की
- गोगा बाबा पहाड़ी
- सोनेरी महल
- सिद्धार्थ गार्डेन
- बानी बेगम गार्डन
- छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूज़ियम
- दौलताबाद का किला
- पीतलखोरा गुफाएं
लोगों ने जाना (People Also Asked)
1. औरंगाबाद शहर का आधिकारिक नाम क्या है?
औरंगाबाद शहर का आधिकारिक नाम छत्रपति संभाजी नगर है। छत्रपति संभाजी महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र थे उन्हीं के नाम पर औरंगाबाद शहर का आधिकारिक नाम रखा गया है।
2. औरंगाबाद कहां है?
औरंगाबाद नाम के शहर प्रमुख रूप से दो जगह है। एक बिहार राज्य में स्थित औरंगाबाद जिला है और दूसरा महाराष्ट्र राज्य में स्थित जिला है। महाराष्ट्र का औरंगाबाद अजंता एलोरा गुफाओं की वजह से लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।