14+ त्रिवेंद्रम में घूमने की जगह, पद्मनाभस्वामी मंदिर संपूर्ण यात्रा

त्रिवेंद्रम भारत के केरल राज्य में स्थित एक धार्मिक शहर है। त्रिवेंद्रम जिसे तिरुवनंतपुरम के नाम से भी जाना जाता है। केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम पद्मनाभ स्वामी मंदिर के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है। महात्मा गांधी ने तिरुवनंतपुरम को "नित हरा नगर" यानी हमेशा हरियाली से भरा हुआ शहर कह कर संबोधित किया था। आर्टिकल में हम आपको त्रिवेंद्रम में घूमने की जगह (Trivandrum Me Ghumne Ki Jagah) और पद्मनाभस्वामी मंदिर की यात्रा से जुड़ी सभी जानकारी देने जा रहे हैं।

Trivandrum Me Ghumne Ki Jagah

पद्मनाभ स्वामी मंदिर की गरिमा इतनी अधिक है की देश विदेश से लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं और चढ़ावा चढ़ाते हैं। देवताओं के शहर नाम से लोकप्रिय त्रिवेंद्रम में दर्शन करने के लिए अनेकों प्राचीन मंदिर है। मंदिर के साथ ही खुबसूरत समुद्रीय तट, महल और झीलें घूमने लायक बेहतरीन स्थल हैं।


त्रिवेंद्रम में घूमने की जगह | Trivandrum Me Ghumne Ki Jagah


त्रिवेंद्रम शहर के बारे में जानकारी

भारत आजाद होने के बाद 1956 में जब केरल राज्य का गठन हुआ तब तिरुवनंतपुरम राजधानी बना। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शेष नाग के अनंत स्वरूप के कारण तिरुवनंतपुरम नाम दिया गया।


1. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में विराजमान पद्मनाभ स्वामी मंदिर लगभग 2000 साल से भी अधिक प्राचीन मंदिर है। मंदिर के निर्माण का पुख्ता प्रमाण नहीं मिलता है। लेकिन बाद में त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने अपने शासनकाल के दौरान 17 वी शताब्दी में मंदिर को दुबारा बनवाया था।

Trivandrum Me Ghumne Ki Jagah

वैष्णव पद्मनाभ स्वामी मंदिर के कारण ही तिरुवनंतपुरम पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है।भगवान विष्णु को समर्पित सात मंजिला मंदिर हिंदुओ का प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु पद्मनाभ मुद्रा यानी लेटे हुए मुद्रा में शेष नाग के ऊपर सवार हैं। 

भगवान विष्णु की मूर्ती काले रंग में स्थापित है। लोगों का मत है की विष्णु भगवान की मूर्ति को किसी कारीगर द्वारा नही बनाया गया। यह मूर्ती स्वयं प्रकट हुईं थी। द्रविड़ और केरल वास्तुशैली में निर्मित मंदिर का द्वार सागर शैली में बनाया गया है। मंदिर की बनवाट शैली प्राचीन काल की कारीगरी का बेहतरीन नमूना है।

मंदिर मुख्य रूप से कुंड, तीर्थम मंडप, नवरात्रि मंडप, कुलशेखर मंडप में विभाजित है। मंदिर में बने सात दरवाज़े रहस्यों से परिपूर्ण है। भारत में स्थित सबसे प्रमुख 108 मंदिरों में से एक पद्मनाभ स्वामी मंदिर है जो अपनी पवित्रा और रहस्य के लिए जाना जाता है।


पद्मनाभस्वामी मंदिर का रहस्य

पद्मनाभ स्वामी अपनी पवित्रता के साथ ही रहस्यों से भरा हुआ है। मंदिर में स्थित 6 दरवाज़े रहस्यों से भरे हुए हैं जिन्हे वाल्ट A, B, C, D, E, F यानी तिजोरी कहा जाता है।

मंदिर की तिज़ोरी सोने चांदी से भरी हुई है। पहले कुछ 5 तहखानों को खोला गया है जिसमें 1.75 लाख करोड़ का बहुमूल्य खज़ाना निकला है।

मंदिर में स्थित वाल्ट B रहस्यों से भरा हुआ है जिसे आज तक नही खोला गया है। लोगो का कहना है यदि वाल्ट बी खोला गया तो प्रलय आ जाएगा।

वाल्ट B के द्वार पर दो सांप बने हुए हैं कहते हैं 1908 में दरवाज़े को खोलने की कोशिश की गई थी लेकीन जैसे ही थोड़ा दरवाजा खोला गया तो काले सांप देखने को मिले थे।


पद्मनाभ मंदिर दर्शन नियम

  1. पद्मनाभ स्वामी मंदिर में दर्शन करने के लिए केवल हिंदू धर्म के लोग ही जा सकते हैं। मंदिर में अन्य धामों के लोगों को दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
  2. भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए भक्त कैमरे लेकर नही जा सकते हैं। अंदर फ़ोटो खींचना या वीडियो बनाने की मनाही है।
  3. मंदिर में किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं है।

 

मंदिर के विषय में जानकारी

पद्मनाभस्वामी मंदिर का निर्माण त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने करवाया था। प्रारंभ से ही मंदिर की देखरेख त्रावणकोर के शाही परिवार द्वारा किया जाता था। परंतु 2011 में दायर की गई याचिका में केरल उच्च न्यायालय ने मंदिर के रख रखाव की जिम्मेदारी में रोक लगा दी।

परंतु 3 जुलाई 2020 को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने केरल उच्च न्यायालय द्वारा 2011 में दिए गए फैसले को पलटते हुए दुबारा त्रावणकोर के परिवार को प्रबंधन की जिम्मेदारी बरकरार रखी।


पद्मनाभस्वामी मंदिर में दर्शन का समय (Padmanabh Swami Temple Timings)

भगवान विष्णु के दर्शन हेतु भक्तो के लिए समय निर्धारित है। निर्धारित समय के अनुसार ही भक्त दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के कपाट भक्तो के लिए सुबह 03:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुले रहते है। इस बीच भक्त आराम से भगवान के दर्शन कर सकते हैं। इसके बाद मंदिर को बंद कर दिया जाता है। शाम को मंदिर 5 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।


पद्मनाभस्वामी मंदिर ड्रेस कोड

पद्मनाभस्वामी मंदिर में भगवान विष्णु जी के दर्शन करने के लिए ड्रेस कोड निर्धारित है। मंदिर में पुरुष कमर के नीचे सफेद धोती और महिलाएं साड़ी पहनकर जा सकती हैं। पद्मनाभ स्वामी में दर्शन के लिए जा रहे हैं तो अपने साथ पहनने के लिए कपड़े जरुर लेकर जाएं।

यदि आप कपड़े लेकर नही जाना चाहते हैं तो मंदिर परिसर में उपलब्ध दुकानों से ख़रीद सकते हैं। निर्धारित ड्रेस कोड के आलावा किसी भी तरह का परिधान पहनकर जानें पर दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाती है।


2. नेपियर संग्रहालय (Napier Museum)

देवताओं के शहर नाम से लोकप्रिय त्रिवेंद्रम हस्तशिल्प कारीगरी के लिए भी जाना जाता है। नेपियर संग्रहालय हस्तशिल्प वस्तुओं के संग्रह का बेहतरीन उदाहरण है। संग्रहालय की स्थापना मद्रास के गवर्नर नेपियर के नाम पर 1855 में किया गया है। संग्रहालय 8वी शताब्दी की प्राचीन बहुमुल्य वस्तुओं को देखने को मिलता है।


3. अत्तुकाल भगवती मंदिर

अत्तुकाल भगवती मंदिर त्रिवेंद्रम में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। पोंगल त्योहार पर मंदिर भक्तो से भर जाता है। त्रिवेंद्रम की यात्रा में मंदिर में जाकर दर्शन कर सकते हैं।


4. करिक्काकोम चामुंडा देवी मंदिर

करिक्काकोम चामुंडा देवी मंदिर त्रिवेंद्रम का लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। माता काली के रूप चामुंडा देवी को समर्पित अंत्यंत प्राचीन मंदिर है।


5. कोवालम बीच (Kovalam Beach)

कोवालम बीच केरल राज्य का प्रसिद्ध बीच है। समुद्र तट के किनारे खड़े नारियल के पेड़ बीच को आकर्षित बनाते हैं। समुद्र तट की सुनहरी रेतीली भूमि पर टहलते हुए प्राकृति का सुंदर नजारा देखने को मिलता है।

Trivandrum Me Ghumne Ki Jagah

कोवालम बीच में घूमने के साथ ही समुद्रीय भोजन का आनंद उठा सकते हैं। बीच में चाय पीने के लिए अनेकों होटल और रेस्टोरेंट मौजूद हैं। केरल में केले के चिप्स बहुत ही लोकप्रिय है जिसका स्वाद जरूर ट्राई करना चाहिए।


6. कोवालम लाइटहाउस

समुद्र तट के किनारे स्थित लाइटहाउस लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। लाइटहाउस की मीनार पर चढ़कर आसपास का समुद्र तटीय नजारा देखा जा सकता है। लाइटहाउस सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक घूमने गए लोगों के लिए खुला रहता है।


7. तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर

तिरुवनंतपुरम में स्थित चिड़ियाघर भारत के दूसरे सबसे बड़े और पुराने चिड़ियाघर में से एक है। चिड़ियाघर में अनेक जीवों और वनस्पतियों की प्रजाति देखने को मिलती है। हरियाली से भरपूर चिड़ियाघर में परिवार के साथ पिकनिक का आनंद उठाने के लिए एक आदर्श स्थान है।

चिड़ियाघर का निर्माण त्रावणकोर के महाराजा ने 1857 में बनवाया था। चिड़ियाघर के देखने के लिए जीव जंतुओं की दुर्लभ प्रजाति देखने को मिलती है। पी एम जी संगम तट के किनारे स्थापित चिड़ियाघर सप्ताह के सोमवार को छोड़कर बाकी दिनों में लोगों के लिए खुला रहता है। जिसमें सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक आराम से घूम सकते हैं।


8. शन गुमुघाम बीच

त्रिवेंद्रम शहर अपने खुबसूरत समुद्रीय तटों के लिए भी जाना जाता है। शन गुमुघाम बीच में लोग शाम के समय मनोरंजन करने के लिए जाते हैं। बीच में नौका विहार का लुफ्त उठाते हुए सूर्यास्त का सुन्दर नजारा देखने को मिलता है। बीच अपनी खूबसूरती के साथ ही पवित्रता के लिए भी लोकप्रिय है।

पद्मनाभ स्वामी मंदिर में जब उत्सव मनाया जाता है तब भगवान की मूर्तियों को लाकर इसी बीच में स्नान कराया जाता है। यह बीच त्रिवेंद्रम शहर से 8 किमी दूर त्रिवेंद्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित है।


9. अजिमाला शिव मंदिर

Trivandrum Me Ghumne Ki Jagah

अजिमाला शिव मंदिर अरब सागर तट के किनारे स्थित भगवान शिव को समर्पित हिन्दुओं का प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर है। मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने के बाद समुद्र के किनारे टकराती लहरों का आनंद उठा सकते हैं। दूर दूर तक फैला समुद्रीय नीला पानी एक खुशी की अनुभूति कराता है। मंदिर में झूला टांगने की आस्था है निसंतान महिलाएं संतान पाने की कामना लेकर झूला को टांगती हैं।


10. पोवर आइलैंड

पूवर आइलैंड नौका विहार करने के लिए बेहतरीन जगह है। चारों ओर पेड़ो से घिरे पानी में नाव में बैठकर एक अलग ही अनुभव प्राप्त होता है। पानी के ऊपर बने तैरते हुए घर आकर्षण का केंद्र है। कश्मीर की डल झील की तरह ही बेहतरीन तैरते हुए घर और रेस्टोरेंट देखने को मिलते हैं।


त्रिवेंद्रम के आसपास घूमने की जगह (Places to Visit in Trivandrum)

  1. वाइजिन जाम गांव
  2. वेधशाला तिरुवनंतपुरम 
  3. कनककुन्न महल
  4. अगस्त्य कुडम
  5. बेली लेक
  6. कुठिरा मलिका
  7. आक्कूलम झील
  8. विजिन जम रॉक कट गुफाएं 


त्रिवेंद्रम की यात्रा पर जानें का सबसे अच्छा मौसम

भारत में अधिकतर पर्यटक त्रिवेंद्रम पद्मनाभ स्वामी मंदिर में भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए जाते हैं। मंदिर के कपाट भक्तो के लिए पुरे साल भर खुले रहते हैं। पद्मनाभ स्वामी मंदिर में साल में दो बार मार्च अप्रैल और अक्टूबर नवंबर के बीच महोत्सव आयोजित किया जाता है जिसे स्थानीय लोगों द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

यदि आप त्रिवेंद्रम घूमने के लिए जा रहे हैं तो बताए गए महीनों में जाएं तो अधिक आनंद उठा सकते है। इसके अलावा मानसून सीजन में त्रिवेंद्रम में घूमने का एक अलग ही मजा होता है। चारों ओर फैली हरियाली मन को आकर्षित करती है।


त्रिवेंद्रम कैसे पहुंचे

त्रिवेंद्रम पहुंचने के लिए सभी तरह की यातायात सुविधाएं उपलब्ध हैं। त्रिवेंद्रम शहर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है।

रेलगाड़ी द्वारा

त्रिवेंद्रम में यदि पद्मनाभ स्वामी के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो ट्रेन एक सस्ता यातायात साधन हैं। शहर में स्थित 5 प्लेटफार्म वाला रेलवे स्टेशन आसपास के पड़ोसी राज्यों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। बैंगलोर, चेन्नई, कोच्चि, दिल्ली से त्रिवेंद्रम के लिए प्रतिदिन ट्रेन आती जाती रहती हैं।


वायुयान द्वारा

Trivandrum Me Ghumne Ki Jagah

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुंचने के लिए हवाई जहाज की सुविधा भी उपलब्ध है। तिरुवनंतपुरम में स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक भारत के मुख्य शहर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर, गोवा जैसे शहरों से रोजाना फ्लाईट उपलब्ध रहती हैं।

सड़क मार्ग द्वारा

सड़क मार्ग द्वारा त्रिवेंद्रम पहुंचने के लिए केरल राज्य परिवहन की बसें मुख्य रूप से यातायात साधन हैं। केरल के पड़ोसी राज्यों से बसें त्रिवेंद्रम बस स्टैंड तक पहुंचा देती हैं। चेन्नई, बंगलौर, कोच्चि, मदुरई से अनेकों बस त्रिवेंद्रम के लिए चलती है।


त्रिवेंद्रम में रुकने की जगह

त्रिवेंद्रम में घूमने के लिए जाते हैं तो आपको ठहरने के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। पद्मनाभस्वामी मंदिर के आसपास रुकने के लिए अनेकों होटल और धर्मशाला हैं जहां आप कम बजट में रुक सकते हैं। तिरुवंतपुरम सेंट्रल से पद्मनाभस्वामी मंदिर करीब 1.5 किमी है। आप चाहे तो रेलवे स्टेशन के आसपास होटल में ठहर सकते हैं।

इसके अलावा ठहरने के लिए दुसरा विकल्प है पावोलाम बीच जहां पर आप ठहर सकते हैं। पावोलाम बीच में रूकने का किराया थोड़ा महंगा रहता है वहीं पद्मनाभस्वामी मंदिर के आसपास बहुत ही सस्ते होटल उपलब्ध हैं।


त्रिवेंद्रम के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कैसे करें

त्रिवेंद्रम के स्थानीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए बस, टैक्सी और दो पहिया वाहन मुख्य रूप से यातायात साधन की सुविधाएं है। यदि आप दो लोग हैं और सस्ते में घूमना चाहते हैं तो आपके लिए बेहतर है की दोपहिया वाहन स्कूटी या बाइक किराए पर लेकर घूम सकते हैं।

किराए पर दो पहिया वाहन आपको तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन के आसपास मिल जाएंगे। वाहन का किराया 700 से 800 रूपए प्रति दिन के हिसाब से रहता है।


तिरुवनंतपुरम की यात्रा में कितना खर्चा आएगा

तिरुवनंतपुरम में घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए की कितना खर्चा आएगा तिरुवनंतपुरम में घूमने के लिए कम से कम तीन दिन की यात्रा की की योजना बनानी चाहिए तीन दिन की यात्रा में प्रति व्यक्ति अनुमति खर्चा 8000 से 10000 रुपए तक लग जाता है।


FAQs

1. तिरुवनंतपुरम से कन्याकुमारी की दूरी कितनी है?

तिरुवनंतपुरम से कन्याकुमारी 90 किमी की दूरी पर स्थित है।

2. तिरुवनंतपुरम कहां है?

तिरुवनंतपुरम केरल राज्य में स्थित धार्मिक शहर है। तिरुवनंतपुरम केरल की राजधानी भी है।

3. पद्मनाभ मंदिर निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है?

पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन तिरुवनंतपुरम सेंट्रल स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से मंदिर 2 किमी की दूरी पर स्थित है।

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