कम बजट पर Top 12 राजस्थान में घूमने की जगह
भारत का राजपूताना राज्य राजस्थान अपने गौरवशाली इतिहास और राजपूताना संस्कृति के साथ साथ खुबसूरत पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है। राजस्थान की भूमि पर अनेक महान योद्धाओं राजाओं ने जन्म लिया जिसकी वजह से राजस्थान को राजाओं का स्थान कहा जाता है। अरावली पर्वतमाला श्रृंखला के आगोश में बसा राजस्थान राज्य अपने गर्भ में अनेकों ऐतिहासिक स्थलों, मंदिरो, हिल स्टेशन और झीलों को बसाए हुए है। आर्टिकल के माध्यम से आपको राजस्थान में घूमने की जगह (Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
राजस्थान प्राचीनकाल से ही अपनी समृद्ध संस्कृति, कला और वेशभूषा के लिए जाना जाता है। राजपूत शासकों ने अपने-अपने शासनकाल में अनेकों भवनों और इमारतों का निर्माण करवाया। प्राचीन इमारतों में राजस्थानी इतिहास की झलक देखने को मिल जाएगी। हवेलियों में बनी अद्भुत चित्रकारी आपको आश्चर्य चकित कर देगी। राजस्थान के लोकगीत और लोकनृत्य आपको थिरकने के लिए मजबूर कर देंगे।
राजस्थान में पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के साथ सुनहरे रेत के टीलों के बीच ऊंट की सवारी का बेहतरीन मजा उठा सकते हैं। यकीनन सप्ताह के अंतिम दिनों में राजस्थान के शहर जयपुर और माउंट आबू घूमने लायक आदर्श स्थान है जहां पर आप अपने पूरे परिवार के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं।
राजस्थान में घूमने की जगह | Rajasthan Me Ghumne Ki Jagah
1. हवा महल (Hawa Mahal Jaipur)
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित हवा महल प्रसिद्ध शाही ईमारत है। हवा महल का निर्माण प्राचीन इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है। हवा महल में बने झरोखे और खिड़कियां लोगों को आकर्षित करती हैं जालीदार खिड़कियां महल को शीतलता प्रदान करती रहती हैं।
1799 ई में हवा महल का निर्माण राजा सवाई प्रताप सिंह ने गर्मी से बचने के लिए किया गया था। ताकि महल के अन्दर गर्मी का ऐहसास न हो। साथ ही शाही महिलाओं के लिए बनाया गया था ताकि रानियां अंदर से बाहर के लोगों को आसानी से देख पाएं। और बाहर से लोग अंदर के लोगों को न देख सके।
पांच मंजिला ऊंची ईमारत की रूपरेखा वास्तुकार उस्ताद लाल चंद द्वारा तैयार की गई थी। मधुमक्खी के छत्ते के आकार में बनी खिड़कियां को देखकर लोग आश्चर्य चकित हो जाते हैं। हवा महल के अलावा जयपुर में घूमने के लायक अनेकों स्थान मौजूद है जहां पर कम बजट में आसानी से घूम सकते हैं।
2. आमेर का किला (Jaipur Amer Fort)
जयपुर शहर अपने गुलाबी महलों, खुबसूरत झीलों और प्राचीन किलों के लिए जाना जाता है। जयपुर में ऐसे बहुत से प्राचीन धरोहर हैं जिन्हे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया है। उन्हीं में से एक है अरावली पर्वत श्रृंखला की तलहटी पर मावठा सरोवर के किनारे स्थित आमेर का किला जो जयपुर का प्रसिद्ध ऐतिहासिक किला है।
किले का निर्माण कच्छवाहा राजा महाराज मानसिंह के द्वारा 1592 में करवाया गया था। किले को बनाने में संगमरमर और बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। किले की लोकप्रियता और भव्यता को देखते हुए यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया है। किला इतना खुबसूरत है जिसकी वजह से लोग घूमने के लिए जाते हैं।
जयपुर मुख्य शहर से यह किला 11 किमी दूर पड़ता है। ऑटो रिक्शा, बस, टैक्सी के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। जयपुर के अजमेरी गेट से पहुंचने के लिए अनेकों साधन उपलब्ध हैं जो मात्र आधे घंटे के सफर में किले के परिसर तक पहुंचा देते हैं।
3. किशनगढ़ का डंपिंग यार्ड (Snow Yard Kishangah)
मार्बल नगरी किशनगढ़ में स्थित डंपिंग यार्ड मानव निर्मित खूबसूरत पर्यटन स्थल है। डंपिंग यार्ड में स्विट्जरलैंड जैसी बर्फीली वादियों का ऐहसास देखने को मिलता है। डंपिंग यार्ड का निर्माण संगमरमर पत्थर से निकले हुए सफेद पाउडर की वजह से हुआ है।
संगमरमर को काटने के दौरान जो सफ़ेद पाउडर निकलता है उसे एक जगह डंप करने से डंपिंग यार्ड का निर्माण हुआ है जिसे दूर से देखने पर ऐसा लगता है जैसे सफ़ेद बर्फ का पहाड़ हो। बारिश का पानी जब जगह जगह इकट्ठा हो जाता है तो डंपिंग यार्ड किसी आइलैंड की तरह दिखाई देता है।
डंपिंग यार्ड का परिदृश्य इतना खुबसूरत है कि लोग घूमने के साथ फ़ोटो शूट और प्री वेडिंग फ़ोटो शूट करवाते हैं। बहुत से फ़िल्म डायरेक्टर डंपिंग यार्ड में फिल्मी गानों की शूटिंग भी कर चुके हैं। नव विवाहित जोड़े और कपल्स के घूमने लायक एक बेहतरीन जगह है। किशनगढ़ के पास अजमेर और पुष्कर राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।
डंपिंग यार्ड में घूमना फिरना बिलकुल फ्री है लेकीन घूमने के लिए या वीडियो फोटो शूट के लिए मार्बल एसोसिएशन की अनुमति लेनी पड़ती है। किशनगढ़ अजमेर जिले में स्थित मार्बल उत्पादन के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। अज़मेर से किशनगढ़ की दूरी 30 किमी है। बस टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
4. जूनागढ़ का किला (Junagarh Fort Bikaner)
बीकानेर में मौजुद जूनागढ़ किला सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक किला है। किले का निर्माण 1593 में महाराजा राय सिंह जी के द्वारा करवाया गया था। आपको बता दे किले की नींव राजा जोधा के 14वे पुत्र राव बीकाजी जी ने रखी थी। मुगल और राजपूत वास्तुशैली में निर्मित 37 बुर्ज से सुशोभित किला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
20वी शताब्दी से पहले किले को चिंतामणि किले के नाम से जाना जाता था। दुश्मनों से सुरक्षा के लिए किले के चारों ओर गहरी खाई प्रहरी का कार्य करती है। जूनागढ़ किले के चारों ओर बीकानेर शहर का विकास हुआ है।
5. करणी माता मंदिर (Karani Mata Temple Bikaner)
बीकानेर में स्थित करणी माता मंदिर हिंदुओ का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। आसपास के लोगों के लिए करणी माता पूज्यनीय मानी जाती हैं। 600 साल पुराना मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है। यह भारत का अनोखा मंदिर है जहां चूहों की पूजा की जाती है। वैसे भी हिंदु धर्म में चूहों को पूजा जाता है क्योंकि पुराणों और ग्रंथो के अनुसार चूहा को भगवान गणेश का वाहन माना जाता है। लोग मंदिर में चूहों को प्रसाद चढ़ाते हैं।
कहते हैं मंदिर में दर्शन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर परिसर और मंदिर के गर्भ गृह में आपको हजारों काले रंग के चूहे देखने को मिल जायेंगे। मंदिर में सफ़ेद चूहे भी देखने को मिलते हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि सफेद रंग का चूहा दिखना शुभ माना जाता है। करणी माता मंदिर बीकानेर शहर से 30 किमी दूर देशनोक गांव में स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा, बस मुख्य रूप से यातायात सुविधाएं उपलब्ध हैं।
6. माउंट आबू (Mount Abu Hill Station)
राजस्थान राज्य अपने ऐतिहासिक महलों, किलो और हवेलियों के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। लेकिन राजस्थान का माउन्ट आबू अपने खुबसूरत प्राकृतिक वातावरण और मनमोहक पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू लोकप्रिय हिल स्टेशन है।
अरावली पर्वतमाला श्रृंखला की आगोश में बसा माउंट आबू गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए आदर्श मौसम प्रदान करता है। माउंट आबू हिल स्टेशन अपने नैसर्गिक सौंदर्य परिपूर्ण हिंदू और जैन धर्म के लोगों के लिए एक तीर्थ स्थल भी है। माउंट आबू में अनेकों प्रसिद्ध हिंदू और जैन मंदिर विराजमान हैं। दिलवाड़ा मंदिर, अचलगढ़ किला, नक्की झील, टॉयड रॉक गुरु शिखर माउंट आबू के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
7. सैम सैंड ड्यून्स (Sam Sand Dunes Jaisalmer)
सैम सैंड ड्यून्स जैसलमेर से 40 किमी दूर में स्थित डिजर्ट सफ़ारी कैंप है। जहां कैंपिंग के साथ मनोरंजन गतिविधियों का भरपूर आनंद लिया जा सकता है। दूर दूर तक फैली सुनहरी रेतीली भूमि में ऊंट की सवारी यात्रा के यादगार अनुभवों में से एक है।
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ऊंट और जीप की सफारी का बेहतरीन लुफ्त उठाया जा सकता है। सैम सैंड ड्यून्स में राजस्थानी नृत्य मंनोरंजन के साथ विभिन्न तरह के राजस्थानी भोजन का आनंद उठा सकते हैं। सैम सैंड ड्यून्स तक पहुंचने के लिए जैसलमेर से अनेकों साधन उपलब्ध हैं। रूकने के लिए कैंपिंग की व्यवस्था है। एक रात रुककर मनोरजंन कर सकते हैं।
8. पिछोला झील उदयपुर (Pichola Lake)
उदयपुर में स्थित पिछोला झील क्रतिम मीठे पानी की खूबसूरत लोकप्रिय झील है। झील की सुंदरता अद्वितीय है। झील में नाव की सवारी का आनंद लेने और समय व्यतीत करने के लिए भारी तादाद में पर्यटकों का आवागमन होता रहता है। पिछोला झील का निर्माण पिछु चिड़िमार बंजारे द्वारा 1362 ई में पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए करवाया गया था।
पिछोला झील के आसपास ही उदयपुर शहर को महाराजा उदय सिंह जी ने बसाया था। झील के मध्य में बने जग निवास और जग मंदिर आकर्षण का केंद्र है। जग निवास को अब होटल में परिवर्तित कर दिया गया है। जिसे लेक पैलेस होटल के नाम से जाना जाता है। पिछोला झील परिवार और बच्चों के साथ समय व्यतीत करने की उत्तम जगहों में से एक है।
9. मेहरानगढ़ का किला (Mehrangarh Fort)
राजस्थान में राजपूत शासकों ने अनेकों किलो का निर्माण करवाया जो प्राचीन इतिहास की दस्ता बयां करते है। मेहरानगढ़ का किला जोधपुर में स्थित भारत का सबसे विशाल किला है जिसका निर्माण राव जोधा जी ने 1459 में करवाया था। किले की खूबसूरती और बनावट देखने योग्य है।
किले के अंदर अलग अलग हिस्सों में बने महल अद्भुत वास्तुशैली की झलक प्रस्तुत करते हैं। किले के अंदर घूमते हुए फ़ोटो शूट कर सकते हैं और यादगार पलों को कैमरे में कैद कर सकते हैं। किले का भ्रमण करते हुए प्राचीन इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किले में घूमने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
10. ब्रह्म मंदिर पुष्कर (Pushkar Temple)
राजस्थान के अजमेर जिले में पुष्कर नामक जगह में स्थित भारत का एकमात्र भगवान ब्रह्म जी का अनोखा मंदिर है। पुष्कर के अलावा भारत में अन्य कही पर ब्रह्मा जी का मंदिर देखने को नही मिलता। 700 साल पुराना मंदिर हिंदुओ की आस्था का प्रतीक है। संगमरमर पत्थर से निर्मित मंदिर के गर्भ गृह में भगवान ब्रह्म जी चतुर्मुखी मूर्ती के रूप में विराजमान है।
जगत पिता भगवान ब्रह्म जी के मंदिर का निर्माण 14वी शताब्दी में पारीक ब्राह्मण समाज के लोगों ने करवाया था। कार्तिक पूर्णिमा को मंदिर भक्तो से भर जाता है। ब्रह्म जी के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्तो की लंबी लाइन लगती है। पुष्कर सरोवर में स्नान कर भक्त पापों से मुक्त होने की कामना करते हैं। पुष्कर को मंदिरों का नगर कहा जाता है जहां पर अनेकों धार्मिक स्थल देखने को मिलते हैं।
11. भानगढ़ का किला (Bhangarh Fort)
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला 17वी शताब्दी में निर्मित रहस्यमय किला है। लोगो का मत है कि सूर्यस्त के बाद किले के अंदर निगेटिव ऊर्जा का संचार होता है। जिसकी वजह से शाम 6 बजे के बाद किले में घूमने की अनुमति नहीं दी जाती है।
भानगढ़ किले का निर्माण राजा माधोसिंह जी ने 1573 में करवाया था जो राजा मानसिंह के छोटे भाई है। किले का नाम अपने पिता भान सिंह के नाम पर भानगढ़ रखा। चारो ओर पहाड़ियों से घिरे भानगढ़ किले का कुछ हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है।
12. रणथंभौर राष्ट्रिय उद्यान (Ranthambore National Park)
रणथंभौर राष्ट्रिय उद्यान राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध उद्यान है। राष्ट्रिय उद्यान को स्थापित करने का उद्देश्य टाईगर को संरक्षण प्रदान करना और विलुप्तकाय पशुओं के लिए अनुकूल परिवेश को उपलब्ध कराना है। बाघों के लिए प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान में आपको अनेकों जंगली जानवर देखने को मिलते हैं।
उद्यान में हिरण, जंगली सुअर, बंदर, नील गाय, मोर जैसे पशुओं और पक्षियों को देखा जा सकता है। जिप्सी सफारी का आनंद लेते हुए पूरे उद्यान का भ्रमण करते हुए पशुओं को देख सकते हैं। सफारी का अनुभव सबसे यादगार पलों में से एक रहता हैं। रणथंभौर राष्ट्रिय उद्यान जयपुर शहर से करीब 128 किमी दूर पड़ता है। बस, टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं।
राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल
- करणी माता मंदिर बीकानेर
- बालाजी मंदिर मेहंदीपुर
- तनोट राय माता मंदिर जैसेलमेर
- सोने जी की नसिया अज़मेर
- भगवान ब्रह्म जी का मंदिर पुष्कर
- ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अज़मेर
- कैला देवी मंदिर करौली राजस्थान
- खाटूश्याम मंदिर सीकर
- सालासर बालाजी मंदिर चुरू
- गलताजी मंदिर जयपुर
- दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू
राजस्थान में घूमने के लिए आदर्श मौसम
जैसा की आप जानते हैं राजस्थान राज्य एक गर्म प्रदेश है। गर्मियों के मौसम में यहां का तापमान सबसे अधिक रहता है जिसकी वजह से पर्यटकों का आवागमन बहुत ही कम होता है। अगर सबसे बढ़िया मौसम की बात करें तो सितंबर से नवंबर और फरवरी से मार्च का महीना घूमने के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है।
हालाकि राजस्थान में माउंट आबू एक ऐसा हिल स्टेशन है जो गर्मियों के मौसम में ठंडा रहता है। गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा लोग माउंट आबू में घूमने के लिए जाते हैं।
FAQs
1. राजस्थान में कितने जिले है?
राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 50 है।
2. राजस्थान का पुराना नाम क्या है?
राजस्थान का पुराना नाम राजपूताना था। सर्वप्रथम 18वी शताब्दी में जॉर्ज थॉमस ने राज्य को राजपूताना नाम दिया है। 30 मार्च 1949 को राजस्थान भारत का राज्य बना।
3. राजस्थान में सबसे पहले कौन लोग बसे?
राजस्थान की जमी पर सबसे पहले मीना और भील जनजाति ने अपना निवास स्थल बनाया था।