Mehandipur Balaji Temple में दर्शन कैसे करें

प्रभु श्री राम के परम भक्त श्री हनुमान जी को समर्पित बालाजी महाराज का मंदिर राजस्थान के दौसा जिले की मेहंदीपुर नामक जगह पर स्थित हैं। संकट मोचन के रुप में विराजमान Mehandipur Balaji Temple देश का अनोखा मंदिर है। संकट से घिरे लोग कष्ट निवारण हेतु बालाजी धाम में दर्शन करने के लिए जाते हैं। लोगों की धारणा है की जिन्हें संकट होता है उसके निवारण के लिए स्वयं बालाजी महाराज आते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को कैद करके दंड देते हैं।

बालाजी मंदिर में भक्तो की अपार श्रद्धा जुड़ी हुई है। हिंदू धर्म के लोग मुख्य रूप से बालाजी के दर्शन करने के लिए जाते हैं। वैसे यह धाम सभी धर्मो के लोगों के दर्शन करने की अनुमति देता है। बालाजी महाराज की असीम कृपा और अद्भुत शक्ति का उदाहरण ही है की लोग हजारों की संख्या में बालाजी के दर्शन पाने के लिए लाइन लग कर खड़े रहते हैं।

Mehandipur Balaji Temple

बालाजी मंदिर में प्रमुख रूप से तीन देवता विराजमान हैं। पहले स्वयं बालाजी के रूप में हनुमान जी दुसरे देवता भैरव बाबा जिन्हें कोतवाल के रूप में मान्यता है और तीसरे देवता प्रेतराज सरकार हैं जो दंड नायक के रुप में दंड देने का काम करते हैं।

आर्टिकल में हम आपको Mehandipur Balaji मंदिर में दर्शन करने की प्रक्रिया से लेकर दर्शन करने का शुभ दिन और दर्शन करने के लिए जरुरी नियम और दर्शन करने की संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आसानी से Bajaji Dham में दर्शन कर पाएंगे।


Mehandipur Balaji Temple | बालाजी मंदिर में दर्शन कैसे करें

1. संकट मोचन हनुमान जी के दर्शन करने के लिए सबसे पहले सुबह नित्य जीवन के कार्यों से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर ले।

2. बालाजी जी महाराज के दर्शन पूर्ण रुप से स्वच्छ और साफ मन से किए जाते हैं। जब तक बालाजी के दर्शन नहीं हो जाते तब तक लघुशंका और पाखाना जानें से बचना चाहिए। यदि बीच में आपको लघुशंका आती है तो समाप्त करने के बाद तुरंत नहाकर जाना चाहिए।

Mehandipur Balaji Temple

3. Mehandipur Balaji Temple में दर्शन करने के लिए भक्त जल्दी सुबह कतार में लग जाते हैं जिससे लंबी लाइन हो जाती है। कोशिश करें की सुबह जल्दी 3 या 4 बजे नहा धोकर लाइन में लग जाएं। यदि आप बहुत बाद में दर्शन करने के लिए जाते हैं तो भीड़ की वजह से बहुत देर में दर्शन हो पाएंगे।

4. बालाजी के मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर परिसर की गली में लाइन से दुकानें मिल जायेगी आप किसी भी दुकान से अपनी श्रद्धा अनुसार प्रसाद ले सकते हैं। ध्यान रहें मंदिर में केवल लड्डू का प्रसाद अन्दर ले जानें की अनुमति रहती है। फूल माला और नारियल मंदिर के द्वार पर ही जांच किया जाता है यदि आप लेकर जाते हैं तो उसे बाहर ही निकाल दिया जाता है।

Mehandipur Balaji Temple

5. प्रसाद खरीदने के बाद आपको तुरंत लाइन में लग जाना है। लाइन में धीरे धीरे चलते हुए आप मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंच जायेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर लोहे की रेलिंग लगी हुई है।

6. रेलिंग के बीच से गुजरते हुए मन में बालाजी महाराज का सुमिरन करते हुए आगे बढ़ते जाना जाता है। इसके बाद सर्व प्रथम भगवान बालाजी महाराज के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।

Mehandipur Balaji Temple

7. आपने जो भी प्रसाद लिया है उसे बालाजी की तरफ स्पर्श करवाना है और इस तरह बालाजी में प्रसाद स्वीकार हो जाएगा। अंदर कहीं भी प्रसाद नही चढ़ाया जाता आप चाहें तो बाहर आकर प्रसाद को मूर्तियों में चढ़ा सकते हैं। यदि आपको कोई दान देना है तो बालाजी की मूर्ती के सामने लगे हुए दानपेटी में डाल सकते हैं।

8. बालाजी के दर्शन करने के बाद भैरव बाबा के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा और सीढ़ियों से जैसे आगे जाएंगे प्रेतराज सरकार के दर्शन होंगे। प्रेतराज सरकार मे आप अगरबत्ती और धूप दीप जलाकर दर्शन कर सकते हैं। प्रेतराज सरकार में पके चावल और खीर चढ़ाने की मान्यता है कहते हैं प्रेतराज सरकार को चावल और खीर बहुत पसन्द है।

9. दर्शन करते हुए आगे बढ़ने के बाद मंदिर के पीछे दरवाजे से बाहर निकल आएंगे और पीछे बनी हुए गली से मुड़ते हुए Mehandipur Balaji Temple की मुख्य गली में आ जाएंगे।

Mehandipur Balaji Temple

10. बालाजी मंदिर के ठीक सामने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और माता सीता का मंदिर बना हुआ है जिसे राम दरबार कहते हैं। राम जी के मंदिर में कुछ देर रुक कर प्रभु राम जी के जीवन और उनके आदर्शो का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

11. भगवान बालाजी के दर्शन करने के बाद समाधि मंदिर में दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। समाधि स्थल में दर्शन किए बिना बालाजी जी धाम की यात्रा अधूरी मानी जाती है। समाधि स्थल में बालाजी मंदिर के पहले महंत गणेशपुरी महाराज जी की समाधि बनी हुई है। महंत गणेशपुरी महाराज ने ही बालाजी मंदिर की स्थापना की थी। समाधि स्थल में जलेबी और घी के दीपक जलाने की मान्यता है।

12. इस तरह से बालाजी धाम की यात्रा संपूर्ण हो जायेगी। दर्शन करने के बाद वापस आ सकते हैं। बालाजी मंदिर के आसपास घूमने की जगह बहुत सी हैं जिसे आप पहले जाकर घूम सकते हैं या दर्शन करने के बाद घूम सकते हैं।

 

मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने का निर्धारित समय (Mehandipur Balaji Darshan Time)

भगवान बालाजी जी के दर्शन करने के लिए एक समय निर्धारित है। निर्धारित समय के अनुसार भक्त बालाजी महाराज के दर्शन कर सकते हैं। बालाजी मंदिर के कपाट भक्तो के लिए सुबह 6 बजे खोले जाते हैं। सुबह 6 बजे से 11:30 तक दर्शन कर सकते हैं।

इसके बाद बालाजी मंदिर के कपाट आधे घंटे के लिए बंद कर दिए जाते हैं फिर दोपहर 12 बजे से रात्रि 08:30 तक मंदिर में दर्शन किया जा सकता है। सुबह और शाम बालाजी महाराज की आरती की जाती है। शाम को होने वाली आरती बहुत ही शुभ मानी जाती है जिसमे शामिल हो सकते हैं। 

शाम को आरती के बाद बालाजी महाराज की भुजाओं से निकले पानी के छीटें भक्तो पर बरसाए जाते हैं। पानी के छीटें शरीर पर पड़ना बालाजी महाराज का आशिर्वाद माना जाता है। पानी के छीटें ग्रहण करने के लिए भक्तो की लंबी लाइन लगती है।


बालाजी के दर्शन करने का शुभ दिन

Mehandipur Balaji Temple

भगवान बालाजी जी के दर्शन करने का शुभ दिन मंगलवार और शनिवार को रहता है। इन दिनों में भक्तो की बहुत भीड़ लगती है। दरअसल मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है। अगर आप भीड़ में दर्शन नहीं करना चाहते हैं तो मंगलवार और शनिवार को छोड़कर सप्ताह के किसी भी दिन दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा अमावस्या और पूर्णिमा को भी दर्शन करना शुभ माना जाता है।


बालाजी में चढ़ाए जानें वाला प्रसाद

  1. बालाजी मंदिर में तीन भगवान विराजमान हैं। मुख्य भगवान के रूप में स्वयं बालाजी महाराज, इसके बाद कोतवाल के रूप में भैरव बाबा और दंड नायक के रूप में प्रेतराज सरकार हैं। मंदिर में बालाजी महाराज को बेसन के लड्डू चढ़ाया जाता है।
  2. भैरव बाबा को उरद की दाल और प्रेतराज सरकार को पके चावल और खीर चढ़ाने की मान्यता है। बालाजी धाम में लोग अपनी श्रद्धा अनुसार तीन तरह का प्रसाद चढ़ाते हैं। प्रसाद 51 रूपए से लेकर अपनी श्रद्धा अनुसार चढ़ा सकते हैं।
  3. साधारण प्रसाद जिसमें लडडू का भोग लगाया जाता है और दूसरा अर्जी का प्रसाद जिसमें आपको कोई अर्जी लगानी है तो उसे चढ़ा सकते हैं और तीसरा चोला और सवामणि का प्रसाद जिसमें मनोकामना पूर्ण होने के पश्चात चढ़ाया जाता है।
  4. प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर की गली में उपस्थित किसी भी दुकान से खरीदकर चढ़ा सकते हैं। मंदिर के अंदर फूल, माला और नारियल चढ़ाना मना है। आप बाहर से ही भगवान को अपना नारियल चढ़ा सकते हैं।

 

मेहंदीपुर बालाजी जी के दर्शन करने के नियम

  1. भगवान बालाजी के दर्शन करने के लिए उचित मान्यता लेकर जाएं। बालाजी जी महाराज से अनुचित मांग लेकर कभी भी न जाएं।
  2. बालाजी महाराज के दर्शन करते समय फ़ोटो खींचना वर्जित है। यदि आप मोबाईल या कैमरा लेकर जाते हैं तो फ़ोटो खींचने की अनुमति नहीं है।
  3. घाटा बालाजी के दर्शन करने से पहले किसी भी मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  4. मंदिर में दर्शन करने के लिए जूते चप्पल पहनकर जानें की अनुमति नहीं रहती। यदि दर्शन करने के लिए जाते हैं तो अपने जूते चप्पल होटल में उतार कर जाएं या फिर आप जिस दुकान से प्रसाद खरीद रहें हैं वहीं पर उतार दे।
  5. बालाजी मंदिर में पूजा करवाने के लिए पुजारी या महंत जी को दक्षिणा देकर पूजा करवा सकते हैं।


बालाजी के दर्शन करने के बाद क्या करें?

  1. Mehandipur Balaji के दर्शन करने के बाद लोगों का मानना है की कभी पीछे मुड़ के नही देखना चाहिए।
  2. अंजनी पुत्र हनुमान रूपी बालाजी के दर्शन करने के बाद तुरंत अपने घर के लिए जाना चाहिए। यदि आप केवल दर्शन करने के लिए गए हैं तो वापस लौट आए और अगर आपको मेहंदीपुर के धार्मिक स्थलों का भ्रमण करना है तो पहले से कर ले और बाद में बालाजी मंदिर में दर्शन करने के लिए जाएं।
  3. लोगों की मान्यता है की बालाजी जी भगवान को प्रसाद चढ़ाने के बाद उसे घर वापस लेकर नही आते हैं। मंदिर में किसी के द्वारा दिए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण न करें।
  4. बालाजी महाराज को लड्डुओं का भोग लगाने के बाद आप स्वयं खा सकते हैं और अपने साथ में गए लोगों को वितरित कर सकते हैं।
  5. बालाजी की सफल यात्रा करने के बाद घर आकर 21 दिनों तक लहसुन और प्याज के सेवन का त्याग कर देना चाहिए और 21 दिनों तक हनुमान चालीसा का जाप करना शुभ माना जाता है। अगर आप लहसुन प्याज का सेवन हमेशा के लिए त्याग सकते हैं तो कर सकते हैं।

  

FAQs

1. बांदीकुई से मेहंदीपुर बालाजी की दूरी?

बांदीकुई से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की दूरी महज 29 किमी है। बांदीकुई नामक जगह पर रेलवे स्टेशन है। बांदीकुई रेलवे स्टेशन बालाजी मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे Nearest Railway Station है।

2. मेंहदीपुर बालाजी मंदिर कहां है?

मेंहदीपुर बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान राज्य के दौसा जिले की मेहंदीपुर नामक गांव पर स्थित है। अति प्राचीन मंदिर दो घाटियों के बीच में विराजमान है जिसकी वजह से बालाजी महाराज को घाटा बालाजी कहा जाता है।

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