14+ जबलपुर में घूमने की जगह, धुवांधार जलप्रपात पिकनिक स्पॉट

विंध्य पर्वत माला की श्रंखला के आगोश में बसा "संस्कारधानी" नाम से विख्यात जबलपुर मध्यप्रदेश राज्य का ऐतिहासिक शहर है। बहती नर्मदा नदी जबलपुर में जीवन दयानी के रूप में फसलों को सींचने के लिए जल की आपूर्ति करती है। जबलपुर शहर में गोंड साम्राज्य का गौरवपूर्ण शासन रहा अपने शासनकाल के दौरान गोंड राजाओं ने अनेकों ताल, मठ और मंदिरों का निर्माण करवाया जो गोंडवाना साम्राज्य के अतीत का परिचय कराते हैं। आर्टिकल में आपको जबलपुर में घूमने की जगह (Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah) कौन कौन सी हैं उनसे अवगत कराएंगे।

Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah

प्रकृति परिवेश में बसी संग्राम सागर झील स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए पिकनिक स्थल मुहैया कराती है। जबलपुर शहर अपने आकर्षित घाटों, प्रकृति की महिमा से निर्मित झरनों, चट्टानों की वजह से मध्यप्रदेश के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। जिसकी वजह से आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग छुट्टियों में आनंद उठाने के लिए जाते हैं।


जबलपुर में घूमने की जगह | Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah


जबलपुर शहर की जानकारी

जबलपुर शहर में गोंडवाना साम्राज्य का अधिपत्य रहा बाद में 1857 की क्रांति के दौरान जबलपुर आजादी के दीवानों का मुख्य केंद्र रहा।

जबलपुर में ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित न्यायधीशों की अकादमी है। जहां पर न्यायधीशों को कानून का प्रशिक्षण दिया जाता है।


1. चौसठ योगिनी मंदिर जबलपुर का धार्मिक स्थल (Chausath Yogini Temple)

जबलपुर में गोंडवाना और कलचुरियों का साम्राज्य रहा। कलचुरियों की धरोहर के रूप में विराजमान चौसठ योगिनी मंदिर 11वी शताब्दी में निर्मित अपनी अनोखी वास्तुशैली का उत्कृष्ठ उदाहरण है। भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित मंदिर गोलाकार परिधि में बने मंदिरो के केंद्र में स्थापित है।

Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah

गोलाकार परिसर की दीवारों पर 64 योगिनी अलंकृत हैं। नव विवाहित जोड़े के लिए आस्था का प्रतीक माना जाता है। विवाह के बाद नव दंपति भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर में पूजा करते हैं। मंदिर में दर्शन 108 सीढ़ी को पार करके प्राप्त हो पाते है।

  

2. कचनार सिटी शिव मंदिर (Kachnar Shiv Temple)

देवों के देव महादेव को समर्पित कचनार शिव मंदिर जबलपुर का धार्मिक स्थल है। मंदिर में स्थापित भगवान शिव की 76 फीट ऊंची मूर्ति भक्तो की आस्था का प्रतीक है। भोलेनाथ की मूर्ती के ठीक सामने नंदी की मूर्ति स्थापित है।

Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah

मंदिर का निर्माण 2004 में एक गुफ़ा के आकार में किया गया है जहां 12 ज्योतिर्लिंगों को स्थापित किया गया है। यह ज्योर्तिलिंग देश के विभिन्न शहरों से लाकर स्थापित किया गया है। यह मंदिर जबलपुर के विजय नगर में स्थित है। सावन के महीने में यह मंदिर भक्तो से भरा हुआ रहता है।

 

3. ग्वारीघाट जबलपुर (Gwarighat)

अनादिकाल से नदिया मनुष्यों के जीवन का महत्त्वपूर्ण हिसा रही है। मध्य प्रदेश में बहने वाली सबसे बड़ी नदी नर्मदा के तट पर बने घाट पौराणिक मान्यताओं और रीति रिवाजों के कारण लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा रहें हैं।

उन्हीं में से एक है ग्वारीघाट जिसके तट पर सुशोभित मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। नित्य संध्या को होने वाली आरती दर्शनीय है। घाट में स्थित मंदिर भक्तों से भरा हुआ रहता है। भक्त ग्वारीघाट में स्नान करके प्रभु का ध्यान लगाते हैं।


4. तिलवारा घाट (Tilwara Ghat Jabalpur)

जबलपुर शहर अपने पौराणिक घाटों के लिए विख्यात है। तिलवारा घाट अपने तट पर मंदिरों को बसाए हुए लोगों के लिए दशनीय स्थल है। दूर दूर से घूमने गए लोग मंदिरों में दर्शन करके देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।


5. पिसन हारी की मढिया (Pisanhari Ki Madiya)

जैन समुदाय की संस्कृति को उजागर करता 500 साल पुराना पिसन हारी की मढिया जबलपुर में स्थित लोकप्रिय जैन मंदिर है। एक छोटी पहाड़ी पर बना मंदिर स्थानीय लोगों द्वारा बहुत ही पसन्द किया जाता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीमेंट और ईंट की सीढ़ियों का निर्माण किया गया है।प्राचीन काल से कीर्तिमान स्थापित किए हुआ मंदिर जैन समाज के लोगों का प्रमुख तीर्थ स्थल है।


6. रानी दुर्गावती संग्रहालय (Rani Durgavati Museum)

रानी दुर्गावती संग्रहालय 1976 में स्थापित जबलपुर का ऐतिहासिक संग्रहालय है। भवरताल गार्डेन के पास स्थित संग्रहालय गोंड राजाओं के वीरता पूर्ण इतिहास का अनोखी झलक प्रस्तुत करता है। संग्रहालय कला और संस्कृति का बेहतरीन परिचय कराता है। यहां पहुंच कर आप सुंदर चित्रकारी, मूर्तियां और कलाकृति का अद्भुत संग्रह देख सकते हैं। संग्रहालय सप्ताह के प्रत्येक सोमवार को छोड़कर सभी दिन खुला रहता है।


7. डुमना प्राकृतिक रिजर्व पार्क (Dumna Nature Park Jabalpur)

डुमना प्राकृतिक रिजर्व पार्क जबलपुर में शहर की चकाचौंध से 15 किमी दूर एक प्रकृति की छांव में शांति पूर्ण परिवेश है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक आदर्श जगह है। पार्क के अंदर विभिन्न प्रकार के पक्षियों, पशुओं और वनस्पतियों की विविधता देखने को मिलती है।

Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah

पार्क के अंदर हिरण और मोर बहुतायत संख्या में देखने को मिलते हैं। पार्क में मनोरंजन करने के लिए नौका विहार और खिलौने वाली रेल गाड़ी का लुफ्त उठा सकते हैं। यह पार्क पूरे सप्ताह पर्यटकों को मनोरंजन देता है सप्ताह में कभी भी घूमने जा सकते हैं।


8. भवरताल पार्क जबलपुर (Bhawartal Garden)

भवरताल पार्क प्राकृतिक सौंदर्य और मनोरंजन के संसाधनों को छुपाए हुए जबलपुर का लोकप्रिय पार्क है। रोजाना हजारों की संख्या में लोग पार्क के रमणीय वातावरण और मनोरंजन के लिए आते हैं। पार्क के अंदर बच्चों से लेकर बड़े लोगों के मनोरंजन के कई रास्ते खुले है। बच्चों के खेलने लायक झूले, स्लाइडर और खिलौने वाली रेल गाड़ी, मनोरंजन करने का संसाधन है।

  

9. कान्हा बाघ संरक्षण (Kanha Wild Life Sanctuary)

कान्हा बाघ संरक्षण बाघों की जनसंख्या को खत्म होने से बचाने के लिए अच्छी पहल है। 1955 में स्थापित जबलपुर शहर का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है। कान्हा टाइगर रिजर्व में सफ़ारी का मजा मुख्य है। सफ़ारी का आनंद लेने के लिए आपको मध्यप्रदेश वन विभाग की ऑफिशियल वेबसाईट से ऑनलाइन परमिट बुक करना पड़ता है। 

इसके बाद आपको ऑनलाइन किया हुआ परमिट कान्हा नेशनल पार्क के मुख्यालय में दिखाना पड़ता है। वहा पर आपको जिप्सी और परमिट का शुल्क देना होता है। सफ़ारी करते हुए आप जंगली जानवरों को खुले परिवेश में देख सकते हैं। कान्हा नेशनल पार्क जबलपुर से 150 किमी दूर स्थित है।


10. बैलेंसिंग चट्टान (Balancing Rock)

जबलपुर में स्थित बैलेंसिंग रॉक एक अनोखा पर्यटन स्थल है। प्रकृति द्वारा निर्मित यहां पर एक दीर्घ गोलाकार पत्थर का दूसरी बड़ी चट्टान के ऊपर संतुलन देखने को मिलता है। कई प्राकृतिक आपदाओं भूकंप, आंधी और तूफ़ान आने के बावजूद चट्टान अपने संतुलन को बरकरार रखे हुए है।

Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah

बैलेंसिंग चट्टाने जबलपुर शहर से तकरीबन 5 किमी दूर मदन मोहन किला के पास स्थित हैं। ऑटो रिक्शा द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। बैलेसिंग रॉक जगह फोटो ग्राफी के लिए एक सुंदर वातावरण प्रदान करता है।


11. मार्बल चट्टान (Marbel Rock Jabalpur)

Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah

मार्बल चट्टान भेड़ाघाट में पवित्र नर्मदा नदी के किनारे 25 किमी के दायरे में फैली संगमरमर की चट्टाने है। अपने भौगौलिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध मार्बल चट्टान पर्यटकों को भावविभोर कर देती हैं। नदी के किनारे फैली चट्टानों के बीच नाव की सवारी का एक अलग ही मजा होता है। नाव की सवारी करते हुए खुबसूरत परिदृश्य को कैमरे के द्वारा एक सुंदर तस्वीर में परिवर्तित कर सकते हैं।


12. मदन महल किला (Madan Mahal Fort)

जबलपुर में स्थित मदन महल किला 11वी शताब्दी का प्राचीन किला बताया जाता है। किले का निर्माण गोंडवाना साम्राज्य के दसवें महाराजा मदन सिंह जी के द्वारा करवाया गया था। राजा मदन सिंह के नाम पर ही किला का नाम मदन महल पड़ा। मदन मोहन किला को रानी दुर्गावती किले के नाम से भी जाना जाता है।

Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah  

पहाड़ की चोटी पर स्थित किला गोंड साम्राज्य के इतिहास को उजागर करता हुआ विराजमान है। राजा मदन सिंह अपने शासनकाल में किले को निवास स्थल के रूप में उपयोग किया करते थे। साथ की किले का इस्तेमाल प्रहरी के तौर पर सैनिकों द्वारा किया जाता था। समय को पार करता हुआ किला खंडहर के रूप में तब्दील होता जा रहा है।


13. संग्राम सागर झील जबलपुर (Sangram Sagar Lake)

पहाड़ों के बीच झर झर करती बहती संग्राम सागर झील स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के आश्रय स्थल के रूप में चारो ओर फैली हुई है। प्रकृति की मनमोहन सुंदरता को देखने के लिए बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं।

कमल के पुष्प से सुशोभित झील चारों ओर पहाड़ियों से घिरी हुई है। काम के बोझ को कम करने और तनाव को दूर करने के लिए खुबसूरत जगह है। झील के किनारे टहलते हुए प्राकृतिक हरियाली को देख सकते हैं।


14. धुवांधार जलप्रपात जबलपुर (Dhuandhar Waterfall Bhedaghat Jabalpur)

भेड़ाघाट में स्थित धुवांधार जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण लोकप्रिय पिकनिक पर्यटन स्थल है। चारों ओर पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी की मुख्य धारा से 98 फीट की उंचाई से गिरता खुबसूरत झरना पर्यटकों का दिल जीत लेता है। वर्षा ऋतु में पानी के तेज बहाव के कारण सांप की तरह सरसराता पानी एक झरने का रूप ले लेता है।

Jabalpur Me Ghumne Ki Jagah

गिरते पानी की बूंदे कण कण में विभाजित हो जाती है और एक धुएं के जैसा परिदृश्य प्रस्तुत करती हैं जिसकी वजह से इस झरने को धुवांधार कहा जाता है। वर्षा ऋतु के दरम्यान जलप्रपात की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। धुवांधार जलप्रपात जबलपुर शहर से करीब 28 किमी दूर स्थित है। धुवांधार जलप्रपात के पास नाव की सवारी और केबल राइड का अनुभव प्राप्त किया जा सकता है।

 

अन्य जबलपुर में घूमने लायक पर्यटन स्थल (Places to Visit in Jabalpur)

  1. पच मठ मंदिर
  2. बाजना मठ
  3. कंकाली देवी मंदिर
  4. वराह मंदिर मझौली 
  5. गुप्तेश्वर मंदिर
  6. बरगी डैम 
  7. जबलपुर का पशुपतिनाथ मंदिर
  8. जबलपुर का सी वर्ल्ड वाटरपार्क

 

जबलपुर के लोकप्रिय घाट

  1. भेड़ाघाट
  2. ग्वारीघाट
  3. तिलवारा घाट
  4. खारी घाट
  5. भटौली घाट


जबलपुर घूमने कौन से मौसम में जाएं (Right Season To Visit Jabalpur)

किसी भी पर्यटन स्थल का भ्रमण करने के लिए मौसम का अनुकूल होना बहुत ही जरूरी है तभी आप घूमने की जगह का आनंद उठा पाएंगे। यदि जबलपुर में घूमने की बात की जाए तो सबसे अच्छा मौसम बसंत ऋतु का होता है।

आप फरवरी से मार्च के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं। बाकी जबलपुर एक ऐसा शहर जो साल पर पर्यटकों का स्वागत करता है। यदि आपके पास बसंत ऋतु में घूमने का समय नहीं है तो आप किसी भी मौसम में घूमने का मजा ले सकते हैं।


जबलपुर पहुंचने का साधन

पर्यटन स्थलों में घूमने जाने से पहले आपको यात्रा का मार्ग पता होना चाहिए ताकि यात्रा के दौरान किसी भी तरह से परेशान न होना पड़े। जबलपुर मध्य प्रदेश का ऐसा शहर है जो सभी तरह के साधन के लिए अच्छा मार्ग उपलब्ध कराता है।


बस के द्वारा

बस द्वारा जबलपुर पहुंचना चाहते हैं तो जबलपुर में दीन दयाल बस स्टैंड के लिए सीधा सड़क मार्ग उपलब्ध है। पड़ोसी राज्यों से निजी और राज्य परिवहन की बसे मुख्य रूप से यातायात के साधन है। बस द्वारा भोपाल, इंदौर, पिपरिया, छिंदवाड़ा, महोबा जैसे शहरों से आसानी से पहुंचा जा सकता है।


ट्रेन के माध्यम से (Jabalpur Railway Station)

किसी भी पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिए रेल सबसे उचित यातायात का माध्यम रहता है। अपने शहर से जबलपुर ट्रेन द्वारा पहुंचने के लिए जबलपुर का रेलवे स्टेशन मुख्य गंतव्य है। इसके अलावा जबलपुर में दुसरा मदन महल रेलवे स्टेशन है। भेड़ाघाट जाने के लिए जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 1 की तरफ से सिटी बस मिल जाती है।


हवाई यात्रा करके

हवाई जहाज द्वारा यात्रा करके जबलपुर पहुंचने के लिए शहर से 10 किमी दूर डूमना हवाई अड्डा स्थित है। जबलपुर का डूमना एयरपोर्ट भोपाल, दिल्ली, इंदौर शहर द्वारा हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है।


जबलपुर में रुकने वाली जगह

जबलपुर शहर आंगतुको के ठहरने खातिर बेहतरीन आश्रय स्थल उपलब्ध कराता है। शहर में रुकने के लिए धर्मशाला नही है। जबलपुर में रुकने के लिए आपको अच्छी सुविधाओं वाले होटल और रिसॉर्ट मिल जायेंगे। जबलपुर रेलवे स्टेशन के आसपास कब बजट वाले होटलों की भरमार है। रेलवे स्टेशन के आसपास आप आराम से बीना कोई दिक्कत के ठहर सकते हैं। 

 

जबलपुर कैसे घूमें

जबलपुर में स्थानीय पर्यटन स्थलों को देखने के लिए आप सिटी बस और ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप ट्रेन द्वारा जबलपुर पहुंचते हैं तो रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही सिटी बस पकड़ सकते हैं। सिटी बस का किराया ऑटो रिक्शा के किराए की अपेक्षा कम रहता है।

यदि आप अपने परिवार के साथ घूमने के लिए जाते हैं तो टैक्सी बुक कर सकते हैं। यदि आप अकेले हैं तो रेलवे स्टेशन के पास दो पहिया वाहन किराए पर देते हैं आप बाइक किराए पर लेकर आराम से घूम सकते हैं। बाईक किराए पर लेने के लिए आपके पास वैद्य ड्राइविंग लाइसेंस और एड्रेस प्रूफ का जरूरी दस्तावेज़ होना चाहिए।


जबलपुर घूमने में कितना खर्चा आएगा

किसी भी यात्रा में जाने के लिए यात्रा का खर्चा अहम होता है। बजट के अनुसार ही घूमने की जगह निर्धारित कर सकते हैं। जबलपुर शहर में घूमने के लिए 2 से 3 दिन का समय पर्याप्त है। इतने दिन में आप अधिकतर जगहों में घूमने का मजा ले सकते हैं। अगर यात्रा बजट की बात की जाए तो प्रति व्यक्ति 5000 से 6000 रूपए का खर्चा आ जायेगा।


FAQs

1. जबलपुर कहां है?

जबलपुर मध्यप्रदेश राज्य में स्थित लोकप्रिय जिला है। जबलपुर शहर न्यायधीशों की प्रशिक्षण एकेडमी और खूबसूरत पर्यटन स्थलों की वजह से भी जाना जाता है।

2. जबलपुर का प्राचीन नाम क्या है?

प्राचीनकाल में जबलपुर को जबालीपुरम नाम से जाना जाता था। महर्षि जाबाली के नाम पर ही जबालीपुरम पड़ा।

3. जबलपुर से भेड़ाघाट कितनी दूर पर है?

जबलपुर रेलवे स्टेशन से भेड़ाघाट 20 किमी की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन से भेड़ाघाट के लिए सिटी बस यातायात का मुख्य साधन है।

4. जबलपुर में स्थित महत्वपूर्ण किला कौन सा है?

जबलपुर में गोंड राजा मदन सिंह द्वारा निर्मित मदन महल किला है जिसे रानी दुर्गावती किले के नाम से भी जाना जाता है।

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