Top15 बिहार में घूमने की जगह-Places to Visit in Bihar
भारत के उत्तर में स्थित बिहार एक ऐतिहासिक राज्य है। जनसंख्या की दृष्टि से बिहार भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। ऐतिहासिक दृष्टि से बिहार एक महान राज्य है। प्राचीन काल से ही बिहार महान साम्राज्य, प्राचीन सभ्यता, शिक्षा, और संस्कृति का मुख्य केंद्र रहा है। बिहार का नालंदा विश्वविद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय उनमें से एक है। बिहार की भूमि में अनेकों महान महापुरुषों ने जन्म लिया जिनमे से गौतम बुद्ध और जैन धर्म के अंतिम तीर्थकर भगवान महावीर जी है। भगवान गौतम बुद्ध जिन्होंने अपने उपदेश भारत के साथ साथ अनेकों देशों में दिए और बौद्ध धर्म की स्थापना की। भारत में गौतम बुद्ध के उपदेशों और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग भारी संख्या में निवास करते हैं। आज के लेख में ज्ञान की भूमि बिहार में घूमने की जगह (Bihar Me Ghumne Ki Jagah) कौन कौन सी हैं उनके बारे में जानकारी देंगे।
बिहार की भूमि पर्यटन स्थलों से भरी पड़ी है। अकसर लोग हिल स्टेशन और धार्मिक स्थलों की तलाश में रहते हैं। लेकिन आपको पता नही बिहार आकर्षक स्थलों से भरा हुआ है। आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ घूमने की योजना बना सकते हैं।
बिहार घूमने के लिए जाते है तो आपको बौद्ध मठ, हिंदू मंदिर, बिहार की जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। बिहार में स्थलों का भ्रमण करने के बाद वहां का स्थानीय व्यंजन लिट्टी चोखा का स्वाद चख सकते हैं। लिट्टी चोखा का स्वादिष्ट स्वाद बिहार के अलावा भारत के अन्य राज्य में कही भी देखने को नहीं मिलेगा।
बिहार में घूमने की जगह | Places to Visit in Bihar
बिहार राज्य का परिचय
- बिहार राज्य की राजधानी पटना है। राज्य में बोलचाल की भाषा हिंदी और बिहारी है। सांस्कृतिक विरासत को अग्रसर किए हुए बिहार राज्य में छठ पूजा, वैष्णवी पूजा, होली और दिवाली पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
- बिहार का इतिहास समृद्ध और गौरवशाली रहा है बिहार को प्राचीनकाल में मगध देश के नाम से जाना जाता था। बिहार में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र था। बिहार गुप्त और मौर्य साम्राज्य का मुख्य केंद्र रहा है।
- बिहार भौगोलिक दृष्टि से भारत का सातवां सबसे बड़ा राज्य है। 14 नवंबर 2000 को बिहार से अलग कर झारखंड राज्य का निर्माण किया गया। बिहार की सीमा पड़ोसी देश नेपाल के साथ लगने के अलावा भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल से जुड़ी हुई हैं।
1. पटना
पटना के पर्यटन स्थलों की सूची
- ईको पार्क
- संजय गांधी बायोलॉजिकल पार्क
- गुरुद्वारा गुरुघाट
- पटना म्यूज़ियम
- मूछ लिंडा झील
- हरमंदिर साहिब पटना
- श्री कृष्ण विज्ञान भवन
- बुद्धा स्मृति पार्क
- महावीर मंदिर
- फंटेसिया वाटरपार्क
- रबर डैम (Rubber Dam)
- अगम कुआं
- जालान संग्रहालय
- शीतला माता मंदिर
- सदाकत आश्रम
- इस्कॉन मंदिर
2. गया, बिहार
गया, बिहार राज्य में स्थित आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण तपोभूमि है। गया फाल्गु नदी के किनारे बसा बोधगया बौद्ध भिक्षुओं और बौद्ध धर्म के लोगों का सबसे पवित्र स्थान, बिहार की राजधानी पटना से महज 100 किमी की पर स्थित है। बोधगया में ही भगवान गौतम बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे तीन दिन और तीन रात तपस्या करने के बाद पूर्णिमा के दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
ज्ञान की प्राप्ति होने के बाद गौतम भगवान बुद्ध के नाम से लोकप्रिय हो गए थे। प्रतिवर्ष भगवान बुद्ध के अनुयायियों द्वारा ज्ञान और सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है। समारोह में शामिल होने के लिए हजारों की तादाद में बौद्ध धर्म के अनुयाई पहुंचते हैं। साल 2002 में यूनेस्को ने बोधगया को विश्व विरासत स्थल के रूप में चयनित किया था।
बोधगया के पर्यटन स्थलों की सूची
- बोधि वृक्ष
- शाही भूटानी मंदिर
- दूंगेश्वरी गुफा मंदिर
- महाबोधी मंदिर
- थाई मठ
- मुचलिंडा झील
- बराबर गुफाएं
- जापानी टेंपल
- भगवान बुद्ध की प्रतिमा
- विष्णुपद मंदिर
- मंगला गौरी तीर्थ
- बोधगया पुरातत्व संग्रहालय
- ब्रह्मयोनी पर्वत
3. मधुबनी
बिहार में कमला नदी के किनारे स्थित मधुबनी अपने धार्मिक स्थलों, कला और साहित्य के लिए पूरे भारत में लोकप्रिय स्थान है। मधुबनी में स्थित हिंदू मंदिर अपने आप में प्रसिद्ध है। मंदिरो में दर्शन करने के लिए भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।
मधुबनी पटना से 173 किमी की दूरी पर स्थित है। मधुबनी भारत में मखाने की खेती के लिए जाना जाता है। मधुबनी पहुंचते ही जगह जगह तालाबों में मखाने की बेल देखने को मिल जायेंगी। मधुबनी घूमने के लिए जाते हैं तो मखाना उत्पादन को अपनी आंखो से देख सकते हैं।
मधुबनी के पर्यटन स्थलों की सूची
- कपिलेश्वर मंदिर
- माता कालिका मंदिर
- रुद्र मंदिर
- उचैत भवानी मंदिर
- एकादश मंदिर
- शिलानाथ महादेव मंदिर
- उगना महादेव मंदिर
- बूढ़ी माई मंदिर
4. नालंदा
बिहार प्राचीन काल से शिक्षा का मुख्य केंद्र रहा है। बिहार में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में ज्ञान का सागर समाहित था। भारत के अलावा अन्य देशों में लोग उच्च शिक्षा और ज्ञान अर्जित करने के लिए आते थे। भारत में उस सुनहरे दौर में 10000 से अधिक विद्यार्थियों को 1600 से अधिक महान विद्वान शिक्षक शिक्षा देते थे।
नालंदा को सम्राट अशोक द्वारा विकसित किया गया था। नालंदा की ख्याति विश्व में इतनी फैली थी की चीनी यात्री ह्यूसेनसांग नालन्दा आकार शिक्षा ग्रहण की थी। नालंदा राजगीर से 15 किमी दूर पर है। नालंदा घूमने के बाद बिहार शरीफ घूमने के लिए जा सकते हैं। बिहार शरीफ में मुस्लिम धर्म के लोगों का पवित्र धार्मिक स्थल है। बिहार शरीफ में स्थित बड़ी दरगाह आस्था का प्रतीक है कहते हैं दरगाह में मांगी गई सभी मुरादे पूरी होती है।
नालंदा में घूमने वाली जगहों की सूची
- नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर
- ह्यूसेनसांग मेमोरियल हॉल
- कला बुद्ध मंदिर
- कारगिल उद्यान
- कुंडलपुर का दिगंबर जैन मंदिर
- नालंदा पुरातत्व संग्रहालय
- राजगीर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
- सूर्य मंदिर सूरजपुर बड़गांव
5. मुजफ्फरपुर
मुज्जफरपुर बिहार का खूबसूरत जिला है जो अपने लीची के बगीचों के लिए प्रसिद्ध है। मुज्जफरपुर की लीची पूरे भारत में भेजी जाती हैं। गर्मी आते ही बाग लीची से भर जाते हैं। मुज्जफरपुर घूमने गए पर्यटक लीची का स्वाद लेना नही भूलते है।
मुज्जफरपुर में घूमने की जगह
- जुब्बा सहनी पार्क
- चतुर्भुज मंदिर
- रामचंद्र शाही म्यूजियम
- लीची के बाग
- बाबा गरीबनाथ मंदिर
- प्रभु श्री राम मंदिर
- खुदुराम बोस म्यूजियम
- रमन देवी मंदिर
- साहनी पार्क
6. वैशाली
वैशाली बिहार में बहुत ही लोकप्रिय जगह है वैशाली में जैन धर्म के अंतिम तीर्थकर भगवान महावीर जी का जन्म हुआ था जिसके कारण वैशाली जैन धर्म के लोगों के लिए पवित्र स्थान माना जाता है। प्राचीनकाल में लिच्छवी शासकों की प्रसिद्ध राजधानी वैशाली में घूमने के लिए अनेकों जगहें मौजूद है। वैशाली में भगवान बुद्ध ने अधिकांश समय बिताया था। वैशाली भारत में धान के उत्पादन के लिए सबसे अग्रणी है।
वैशाली में घूमने की जगह
- कुंडलपुर
- चौमुखी महादेव का प्रसिद्ध मंदिर
- अशोक स्तंभ
- राज्याभिषेक टैंक
- रामकुंड
- राजा विशाल का गढ़
- कूटागर शाला बिहार
- बौबान पोखर मंदिर
- विश्व शांति स्तूप
- बौद्ध स्तूप
- अभिषेक पुष्करणी
- बासोकुंड महावीर भगवान की जन्म स्थली
7. राजगीर
राजगीर बिहार का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। जहां आप गुफाएं, जंगल और पहाड़ो से रूबरू हो सकते हैं। प्राकृतिक की अगोस में बसा राजगीर पर्यटकों को सुखद और शांतिप्रिय वातावरण मुहैया कराता है। गृद्ध कूट पहाड़ी पर बना विश्व शांति स्तूप हिंदू धर्म, जैन धर्म, और बौद्ध धर्म पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
विश्व शांति स्तूप को देखने के लिए रोजाना हजारों की तादाद में लोग जाते हैं। शांति स्तूप का भ्रमण करने के बाद आप वेणु वन में घूम सकते हैं। राजगीर प्रसिद्ध है अपने पानी के गर्भ कुंड के लिए इसके अलावा आप सप्तपर्णी गुफाओं को देख सकते हैं। सप्तपर्णी गुफाओ तक जानें के लिए घोड़ागाड़ी मुख्य साधन हैं।
राजगीर सबसे ज्यादा ग्लास ब्रिज के कारण पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। पहाड़ी के ऊपर बने ब्रिज से रोमांचक दृश्य देखने को मिलते हैं। ग्लास ब्रिज से राजगीर पहाड़ियों का सुंदर नजारा कभी न भूलें जाने वाले दृश्य में से एक है। आप चिड़ियाघर में सफारी का बेहतरीन लुफ्त उठा सकते हैं।
राजगीर में घूमने की जगह
- पांडू तालाब
- गृद्धकूट पर्वत
- विश्व शांति स्तूप
- वेणुवन
- सप्तपर्णी गुफ़ा
- स्वर्ण भंडार
- घोड़ा कटोरा
- जरासंध का अखाड़ा
- क्लास का पुल
- विरायतन म्यूज़ियम
- गिद्ध चोटी
- साइक्लोपियन वॉल
8. सीतामढ़ी
सीतामढ़ी बिहार के मुज्जफरपुर जिले में स्थित धार्मिक स्थल है। यह धार्मिक स्थल पटना से 152 किमी दूर है। सीतामढ़ी माता सीता की जन्मस्थली होने के कारण बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा जनक द्वारा खेत में हल चलाने के दौरान माता सीता का उदगम जमीन से हुआ था। माता सीता के नाम पर ही स्थान का नाम सीतामढ़ी रखा गया। दीपावली पर्व के छह दिन बाद छठ पर्व के दौरान लोगों की बहुत भीड़ उमड़ती है।
सीतामढ़ी में घूमने की जगह
- बगही धाम
- सीता कुंज उद्यान
- हालेश्वर मंदिर
- जानकी माता मंदिर
- जानकी माता जन्मस्थली
- उर्बी
- जा कुंड
9. भागलपुर
भागलपुर गंगा नदी के किनारे स्थित बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। भागलपुर में स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय ज्ञान का मंदिर था। आज भी खंडहर के रूप में अवशेष विद्यमान हैं। भागलपुर बिहार में रेशम उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाता है।
भागलपुर में घूमने की जगह
- विक्रमशिला विश्वविद्यालय
- मंदार चोटी
- बुधनाथ मंदिर
- अजगैबीनाथ मंदिर
- विक्रमशिला गंगात्मक डॉल्फिन म्यूजियम
- रॉक कट मंदिर
10. हाजीपुर
हाजीपुर अपने केला उत्पादन के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। हाजीपुर में उत्पादित केला पूरे भारत में निर्यात किया जाता है। हाजीपुर में प्रतिवर्ष नवंबर माह की कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला सोनपुर पशु मेला विश्व प्रसिद्ध है। सोनपुर मेले में छोटी से बड़ी वस्तुओ को खरीदा जा सकता है।
हाजीपुर में घूमने की जगह
- वैशाली महोत्सव
- नेपाली मंदिर
- महात्मा गांधी बांध
- पातालेश्वर मंदिर
- राम चौरा मंदिर
- हारा घाट
- सोनपुर का विश्व प्रसिद्ध मेला
11. शेरशाह सूरी का मकबरा
शेरशाह सूरी का मकबरा बिहार राज्य के रोहतास के जिले सासाराम नामक जगह में स्थित प्रसिद्ध स्मारक है। शेरशाह सूरी की मृत्यु कालिंजर युद्ध में हो जाने के पश्चात 1545 में मकबरे का निर्माण किया गया था। इंडोस्लामिक वास्तुशैली में बना मकबरा 122 फीट ऊंचा सूरी साम्राज्य के भव्य स्मारकों में से एक है।
मकबरे की रूपरेखा मीर मुहम्मद अलिवाल खान द्वारा तैयार की गई थी। लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित मकबरा सुंदर झील से चारो तरफ से घिरा हुआ है। मकबरे में आकर्षण का केंद्र गुम्बद, छतरी, खंभे, मेहराब है। मकबरा को देखने के लिए वाराणसी रेलवे स्टेशन और दीन दयाल उपाध्याय रेलवे से पहुंचा जा सकता है।
12. नौलखा पैलेस राजनगर
बिहार के राजनगर जिले में स्थित नौलखा पैलेस एक भव्य पैलेस है जिसका निर्माण महाराजा रामेश्वर सिंह ने करवाया था। शाही वास्तुशैली में बने पैलेस को देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक खींचे चले आते हैं। पैलेस के चारों ओर स्थित हरियाली और सुंदर बाग बगीचे महल की सुंदरता में चार चांद लगाते हुए नजर आते हैं। भूकंप के कारण छतिग्रस्त हो जानें से वर्तमान में यह महल खंडहर में तब्दील होता जा रहा है परंतु आज भी महल की सुंदरता बरकरार है।
13. जहानाबाद की प्रसिद्ध गुफाएं
बिहार के जहानाबाद जिले में स्थित 2250 साल पुरानी बराबार (Braa baar) की प्राचीन गुफाएं पर्यटकों द्वारा घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक है। गुफाओं का निर्माण प्राचीन काल में बड़े पहाड़ को काटकर बनाया गया है। गुफाओं की दीवारों पर बेहतरीन कारीगरी की गई है। जो देखने में अदभुत है।
जहानाबाद की गुफाएं रॉक कट गुफाओं का बेहतरीन उदाहरण है। गुफाओं के अंदर 7वी शताब्दी में निर्मित भगवान शिव को समर्पित सिद्धेश्वर भगवान का पुराना मंदिर है जिसमें दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ लगती है।
14. त्रिमोहिनी संगम
त्रिमोहिनी संगम बिहार राज्य में कटिहार जिले के कटरिया गांव में स्थित प्रसिद्ध संगम है। पवित्र गंगा नदी, कोशी नदी और काल बलिया नदी की धाराएं मिलकर संगम का निर्माण करती है। त्रिमोहिनी संगम देश में तब लोकप्रिय हुआ जब महात्मा गांधी की अस्थियों का विसर्जन किया गया था। भारत के 12 पवित्र घाटों में महात्मा गांधी की अस्थियों का विसर्जन किया जाना था उनमें से एक पवित्र त्रिमोहिनी संगम है। चारो ओर फैली प्राकृतिक सुंदरता त्रिमोहिनी संगम की खासियत है।
15. वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान
शिवालिक पर्वत श्रृंखला पर स्थित वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान बिहार में चंपारण जिले में स्थित खुबसूरत राष्ट्रीय उद्यान है। बाल्मिकी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1990 में चीता जैसे विलुप्त काए पशुओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से की गई थी। हरियाली भरे जंगलों से घिरा राष्ट्रिय उद्यान पर्यावरण प्रेमियों को खूब भाता है। राष्ट्रीय उद्यान में अनेक प्रजाति के रंग बिरंगे फूलों के अलावा पशु पक्षियों को देख सकते हैं।
बिहार की ऐतिहासिक जगह
- राजगीर
- पावापुरी
- बोधगया
- वैशाली
- नालंदा
- रोहतास किला
- शेरशाह सूरी का मकबरा
- जहानाबाद की गुफाएं
- सोनभद्र की गुफाएं
- महाबोधी मंदिर
बिहार के प्रसिद्ध मंदिर
- महाबोधी मंदिर बोधगया
- हरमंदिर साहिब पटना
- महावीर मंदिर पटना
- विष्णुपद मंदिर गया
- मिथिला शक्ति पीठ, नेपाल सीमा में स्थित
- मां मंगला गौरी तीर्थ स्थल, गया
- माता जानकी मंदिर सीतामढ़ी
- जल मंदिर पावापुरी
- पाटन देवी मंदिर पटना
- वैधनाथ मंदिर
- अशोक धाम मंदिर लखीसराय
- हनुमान मंदिर पटना
बिहार घूमने का सबसे अच्छा मौसम
बिहार घूमने के लिए आप साल के किसी भी मौसम में जा सकते हैं परंतु सबसे अच्छे मौसम की बात की जाए को अक्टूबर से मार्च का महीना घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अक्टूबर से मार्च के बीच बिहार के अधिकांश जिले में घूमने के लिए अनुकूल मौसम रहता है। बिहार में छठ पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है जो दीपाली के छह दिन बाद का मुख्य त्योहार है।
बिहार पहुंचने का आसान तरीका
बिहार पहुंचने के लिए सभी तरह की यातायात सुविधाएं उपलब्ध हैं। बिहार आप ट्रेन, हवाई जहाज और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। बिहार के पर्यटन स्थल नालंदा, राजगीर, बिहार शरीफ, गया और पावापुरी जाने के लिए भारतीय रेलवे विभाग द्वारा अनेकों ट्रेन संचालित की जाती हैं।
ट्रेन द्वारा बिहार कैसे पहुंचे
बिहार पहुंचने के लिए सबसे सस्ता और सुगम साधन ट्रेन ही है। दिल्ली, वाराणसी, कोलकाता शहरों से सीधा बिहार के लिए ट्रेन चलती है। दिल्ली से राजेंद्रनगर पटना के लिए रोजाना ट्रेन संचालित की जाती है। बिहार के प्रमुख स्थलों का भ्रमण करने के लिए पटना रेलवे स्टेशन, गया जंक्शन के सबसे मुख्य रेलवे स्टेशन हैं। भारत की राजधानी दिल्ली से महाबोधी एक्सप्रेस गया के लिए चलाई जाती है।
हवाई जहाज द्वारा बिहार कैसे पहुंचे
हवाई जहाज द्वारा बिहार पहुंचना चाहते हैं तो पटना जयप्रकाश नारायण अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो शेखपुरा में है और दूसरा गया में मुख्य रूप से हवाई अड्डा मौजूद हैं। दिल्ली, वाराणसी, कोलकाता, थाईलैंड से सीधा हवाई जहाज द्वारा पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग के रास्ते बिहार कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग द्वारा बिहार पहुंचने के लिए बस मुख्य साधन है। वाराणसी, कोलकाता, लखनऊ, इलाहाबाद से सीधा बिहार के लिए बस मिल जाएंगी।
बिहार का प्रसिद्ध भोजन क्या है? (Local Food in Bihar State)
बिहार के प्रसिद्ध भोजन में सबसे मुख्य लिट्टी चोखा है जो चने के सत्तू से तैयार किया जाता है और बैंगन, टमाटर की चटनी के साथ खाया जाता है। बिहार में हर शहर और गलियों में लिट्टी चोखा खाने के लिए मिल जाएगा। इसके अलावा बिहार में दाल, चावल, रोटी, आचार, पापड़, सत्तू की रोटी का स्वाद लिया जा सकता है। वही मिठाई में बालूशाही, मोती चूर के लड्डू, ठेकुआ, तिल के लड्डू, जलेबी, खाजा, पेड़ा प्रसिद्ध है।
बिहार घूमने का कितना खर्चा आएगा?
बिहार में घूमने का खर्चा आपके रहने के दिनों के आधार पर निर्भर करता है। यदि आप बिहार की राजधानी पटना के स्थानीय स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं तो आप 2 से 3 दिनों में सभी जगहों का भ्रमण कर सकते हैं। वही बजट की बात करें तो 2 से 3 दिनों के लिए 7000 से 8000 रूपए में आराम से घूम सकते हैं।
FAQs
1. बिहार का फेमस चीज क्या है?
बिहार की सबसे प्रसिद्ध चीज लिट्टी चोखा है।
2. बिहार की स्थापना किसने की?
बिहार राज्य को एक अलग प्रांत बनाने के लिए बंगाल विभाजन के दौरान 1911 में ब्रिटिश सरकार के गवर्नर लॉर्ड हॉर्डिंस द्वारा घोषणा की गई थी। और इस तरह 22 मार्च 1912 को बिहार की स्थापना हुई बाद में 15 नवंबर 2000 को बिहार के दक्षिणी भाग को अलग करके झारखंड राज्य का निर्माण किया गया।
3. बिहार का वास्तविक नाम क्या है?
बिहार का वास्तविक नाम मगध है।
4. बिहार का श्राप किसे कहा जाता है?
बिहार में बहने वाली कोशी नदी को बिहार का श्राप कहा जाता है। कोशी नदी हर साल बाढ़ का प्रकोप लाती है जिसकी वजह से जन जीवन और जानमाल का बहुत नुकसान होता है।