12+ शिरडी में घूमने की जगह, साई बाबा के दर्शन संपूर्ण यात्रा

शिरडी महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले की राहता तहसील में स्थित एक धार्मिक स्थल है। शिरडी में दुनियां का सबसे अमीर, साई बाबा का मंदिर स्थित है। साई बाबा मंदिर में साई भक्तों द्वारा लाखों रुपए का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। साई बाबा एक महान चमत्कारी फ़कीर थे उन्होंने अपने जीवन में अनेकों चमत्कार किए उनके आशीर्वाद से भक्तो के दुःख दर्द दूर हो जाते हैं। बाबा ने अपने जीवन में सभी धर्म के लोगों को उपदेश दिया। देश विदेश में लाखो की संख्या में साई बाबा के भक्त मौजूद हैं। साई बाबा के भक्तो में हिंदू और मुस्लिम दोनो धर्म के लोग पाए जाते है। लेख में आप जानेंगे साई नगरी शिरडी में घूमने की जगह (Shirdi Me Ghumne Ki Jagah) कौन कौन सी हैं।

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

शिरडी की गली गली में साई बाबा का नाम गूंजता है। इसलिए शिरडी को साई नगरी के नाम से भी जाना जाता है। शिरडी एक छोटा सा शहर होने के बावजूद साई बाबा की वजह से देश विदेश में लोकप्रिय है। शिरडी घूमने के लिए जाते हैं तो आसपास घूमने के लिए बहुत से धार्मिक स्थल और हिल स्टेशन मौजुद है। आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं। अगर आप शिरडी मात्र दर्शन के लिए जाते हैं तो बहुत ही कम बजट में बाबा साई के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि साई बाबा के दर्शन मात्र से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।


शिरडी में घूमने की जगह | Shirdi Me Ghumne Ki Jagah


साई बाबा का जीवन परिचय

साई बाबा 19वी शताब्दी के महान चमत्कारी संत थे। कोई उन्हें संत की उपाधि देता था तो कोई उन्हें फकीर की उपाधि देता था। साई बाबा की असीम लोकप्रियता के कारण साई भक्त उन्हें भगवान का अवतार मानकर भगवान के रूप में पूजते हैं। साई बाबा अपने चमत्कारों से भक्तो के कष्ट दूर कर देते थे। साई बाबा ने अपने जीवन में सभी धर्मो को समान मानते थे और एकता सदभाव का संदेश देते थे। साई बाबा की नजर में सबका मालिक एक है।

साई बाबा के अनुयायी हिंदू और मुस्लिम दोनो धर्मो के लोग है। साई बाबा ने अपने जीवन के अधिकांश पल शिरडी में रह कर गुजारे थे इसलिए लोग उन्हें शिरडी के साई बाबा भी कहते हैं।

साई बाबा के जन्म का पुख्ता ठीक ठाक प्रमाण नहीं मिलता की उनका जन्म स्थान कौन सा है और उनके माता पिता कौन है। 1925 में प्रकाशित पत्रिका के अनुसार साई बाबा का जन्म पाथरी में एक ब्राह्मण समाज में हुआ था। उनके पिता का नाम श्रीमान गंगा बाबड़िया और माता का नाम श्री मती देवगिरी अम्मा माना जाता है।

लेख में उल्लेखित जानकारी से पता चलता है की उनके माता पिता भगवान शिव के परम भक्त थे। एक बार जब साई बाबा मां के गर्भ में थे तो उनके पिता जी को भगवान ब्रह्मा से मिलने की ईच्छा जाग्रत हुई तब उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी को साथ लेकर भगवान ब्रह्मा की तलाश में निकल पड़े। रास्ते में ही साई बाबा का जन्म हुआ तब माता पिता ने मोह माया त्यागते हुए साई बाबा को एक पेड़ के नीचे त्याग कर आगे बढ़ गए।

बाद में एक निःसंतान मुस्लिम फकीर रास्ते से गुजर रहे थे तो उन्होंने जंगल में एक रोते हुए बच्चे की आवाज सुनी तब जाकर देखा तो साई बाबा को लेकर अपने घर आएं और उन्होंने ही साई बाबा का पालन पोषण किया।साई बाबा बचपन से ही बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे। 16 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने घर को त्याग दिया और अपने ज्ञान और उपदेशों से लोगों की जागृत करने लगे।


1. साई बाबा समाधि मंदिर शिरडी (Shirdi Sai Baba Temple)

शिरडी में समाधि मंदिर साई भक्तो का मुख्य पवित्र स्थल है। अधिकांश भक्तो का मुख्य उद्देश्य समाधि स्थल में जाकर साई बाबा के दर्शन करना रहता है। समाधि मंदिर में साई बाबा की समाधि बनी हुई है। समाधि मंदिर को नागपुर के अमीर व्यक्ति ने सफेद संगमरमर से बनवाया था। साई बाबा मंदिर में किसी भी तरह का प्रसाद नही चढ़ाया जाता।

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

मंदिर में दर्शन करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं रहती है। यदि आप साथ कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेकर जाते है तो जमा करवा दे। साई बाबा के दर्शन करने के लिए मंदिर परिसर पर बने काउंटर से दर्शन पास लेना पड़ता है। दर्शन पास लेने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है। जैसे दर्शन करके वापस आते है आपको साई बाबा की भभूत की पुड़िया दी जाती है।


2. द्वारकामाई शिरडी

द्वारकामाई साई बाबा का निवास स्थल था। जब साई बाबा लोगों को उपदेश देते हुए शिरडी पहुंचे तब मार्षपति और काशीनाथ सिंपी ने उनके रहने का बंदोबस्त द्वारकामाई में किया था। द्वारकामाई एक मस्जिद थी जिसे साई बाबा द्वारकामाई कहते थे। बाबा अपने जीवन काल के अंतिम पड़ाव तक द्वारकामाई में ही निवास किया था इसलिए यह स्थान बहुत ही पवित्र माना जाता है। 

आज भी द्वारकामाई में साई बाबा के दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली चीजों को संभाल कर रखा गया है। द्वारकामाई में ही साई बाबा धूनी रमा कर एक पत्थर पर बैठा करते थे और भक्तो के जीवन में उत्पन्न कष्टों का निवारण किया करते थे।


3. श्री साई बाबा चावड़ी

साई बाबा चावड़ी शिरडी का लोकप्रिय स्थल है इस जगह पर साई बाबा अपने जीवनकाल में आराम फरमाया करते थे। चावड़ी वह स्थान है जहां पहले लोग एक स्थान पर बैठ कर विचार विमर्श किया करते थे। साई चावड़ी को दो भागों में बांटा गया है पहले भाग में साई बाबा सोया करते थे। और दूसरे भाग में साई बाबा का आसन लगता था।

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

साई बाबा ब्रह्मचारी थे इसलिए उनके शयन कक्ष में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं है आज भी यह परंपरा कायम है। एक भाग में महिला को जाने की अनुमति है और दूसरे भाग में पुरुष जा सकते हैं। साई बाबा के समय उनकी आरती की जाती थी आज भी सप्ताह के प्रत्येक गुरुवार रात को साई बाबा की पालकी द्वारकामाई से निकलकर चावड़ी जाती है वहा पर साई बाबा की आरती संपन्न की जाती है।


4. खंडोवा मंदिर शिरडी

खंडोवा मंदिर शिरडी का बहुत लोकप्रिय स्थान है। खंडोबा मंदिर की कहानी साई बाबा से जुड़ी हुई है। साई बाबा सबसे पहले 16 वर्ष की आयु में एक बारात में शामिल होने के लिए खंडोबा में पधारे थे। और मंदिर में पहुंचकर बरगद के पेड़ के नीचे बैठ गए थे तब मंदिर के पुजारी ने साई बाबा का स्वागत किया था।

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

साई बाबा का नाम खंडोबा मंदिर से ही मिला था। पहली बार पुजारी ने उन्हें आओ साई करकर संबोधित किया था तब से उनका नाम साई बाबा पड़ गया। खंडोबा जी को शिरडी में ग्राम देवता के रूप में पूजा जाता है। भगवान खंडोबा जी को शिव भगवान का अवतार माना जाता है।


5. साई प्रसादालय

साई मंदिर परिसर में सभी दर्शनीय स्थलों का दर्शन करने के बाद साई प्रसादालय में घर ले जाने के लिए साई बाबा का प्रसाद लेने के लिए जा सकते हैं। साई प्रसादालय में प्रसाद के अलावा आप भोजन भी कर सकते हैं। साई प्रसादालय में खाने के लिए दो तरह का कूपन मिलता है।

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

एक जिसमें आप पैसा देकर भोजन कर सकते हैं और दूसरा कूपन द्वारा आप निशुल्क भोजन कर सकते हैं। होटल में खाने के जगह आप साई प्रसादालय में निशुल्क का कम पैसे का कूपन लेकर भोजन कर सकते हैं। साई प्रसादालय में सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक भोजन कर सकते हैं।


6. साई तीर्थ थीम पार्क (Sai Theme Park, Shirdi)

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

शिरडी में साई थीम पार्क पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। भारत का पहला थीम भारत जो आधुनिक तकनीक से सम्पूर्ण है। साई तीर्थ थीम पार्क में भारत के 10 प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की वर्जुअल तीर्थ यात्रा कर सकते है। बड़े परदे पर साई बाबा के जीवन और उनके उपदेशों से संबधित फिल्म का आनंद उठा सकते हैं। 3D परदे पर लंका दहन फिल्म का आनंद उठा सकते हैं। 3 घंटे की अवधि में थीम पार्क में अपने बच्चों और परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। साई तीर्थ थीम पार्क में घूमने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है।


7. दीक्षित वाडा संग्रहालय

दीक्षित वाडा संग्रहालय में साई बाबा के जीवन से संबंधित वस्तुओं का विशाल संग्रह है। जिसमे बाबा की चरण पादुका, उनके कपड़े, बाबा के जीवन में उपयोग किए गए बर्तन और चिलम सभी वस्तुओं को देखा जा सकता है। इस इमारत का निर्माण साई बाबा के भक्त काका साहब दीक्षित ने भक्तों के ठहरने के लिए बनवाया था। बाद मे साई बाबा संस्थान ने संग्रहालय के रूप में तब्दील कर दिया और बाबा के जीवन की सभी वास्तुविक वस्तुओं को रख दिया गया।


8. वॉटर पार्क शिरडी (Shirdi Water Park)

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

शिरडी में गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में से एक है वेट एन जॉय (Wet N Joy Shirdi) वॉटर पार्क इस वॉटर पार्क का निर्माण 10 अक्टूबर 2005 को हुआ था। यह वाटर पार्क साई बाबा मंदिर से महज 1 किमी दूर है। आप वॉटर पार्क में मनोरंजन ऐक्टिविटी का भरपूर आनंद उठा सकते हैं। वॉटर पार्क में मनोरंजन के लिए वॉटर स्लाइड, स्विमिंग पूल और अनेकों झूले बने हुए हैं। साई तीर्थ थीम पार्क के बिलकुल सामने वॉटर पार्क स्थित है।


9. गुरु स्थान शिरडी

गुरुस्थान कोपरगांव में एक नीम के पेड़ के नीचे स्थित साई बाबा का पवित्र स्थल है। गुरुस्थान में ही पहली बार साई बाबा को नीम के पेड़ के नीचे बैठे देखा गया था। नीम के पेड़ के नीचे साई बाबा को शिवलिंग के रूप में दर्शाया गया है और उनके सामने नंदी की मूर्ति स्थापित की गई है। भक्तो के बीच यह स्थल आस्था का केंद्र हैं। लोगो की मान्यता है इस स्थान में अगरबत्ती जलाने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं।


10. साई हेरिटेज विलेज

शिरडी साई मंदिर से साई हेरिटेज विलेज 3 किमी की दूरी पर पड़ता है। साई बाबा मंदिर से टैक्सी या ऑटो द्वारा पहुंच सकते हैं। साई हेरिटेज विलेज में साई बाबा के जीवनकाल और उस जमाने के लोगो का क्या रहन सहन था उस काल की रूपरेखा को मूर्तियों के द्वारा दर्शाया गया है।

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

साई हेरिटेज में ट्रेन की सवारी का बेहरीन आनंद उठा सकते हैं। अंदर ही घोड़े और ऊंट की सवारी का लुफ्त उठा सकते हैं। इसके अलावा खाने के लिए बहुत से रेस्टोरेंट बने हुए है जहां स्थानीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं। साई हेरिटेज में घूमने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है।


11. शनि शिंगणापुर शिरडी

शनि शिंगणापुर में शनि भगवान का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यह पवित्र धार्मिक स्थल शिरडी से करीब 70 किमी दूर स्थित है। सप्ताह के प्रतीक शनिवार को भक्तो की भीड़ लगती है। सफेद संगमरमर से बने चबूतरे में 5.5 फूट काले पत्थर के रूप में शनि भगवान को स्थापित किया गया है।

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

मंदिर में कोई विशेष वास्तुकला मौजूद नहीं है यह मंदिर खुले में बना हुआ है लेकिन भक्तो की अपार श्रद्धा के कारण लोकप्रिय धार्मिक स्थल माना जाता है। शनि भगवान में सरसों का तेल, तिल, फूल और काला कपड़ा चढ़ाने की परंपरा है। शनि महाराज के दर्शन करने के बाद पीछे मुड़कर देखा नही जाता।

शनि शिंगणापुर में आज भी लोग अपने घरों में ताला नही लगाते लोगों की मान्यता है भगवान शनि चोरों से उनके घरों की रक्षा करते है। लोगों की आस्था है की यदि कोई चोरी करता है तो वह अंधा हो जाता है। मंदिर में केवल पुरुष ही दर्शन कर सकते हैं। लोगों की मान्यता है कि शनि भगवान के दर्शन से जीवन में शनि का प्रकोप दूर हो जाता है। शनि शिंगणापुर जाने के लिए शिरडी बस स्टैंड से बस द्वारा जा सकते हैं।


12. त्रियंबकेश्वर (Trimbakeshwar)

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्रियंबकेशर मंदिर शिरडी से 115 किमी दूर और नासिक से 35 किमी दूर भगवान शिव को समर्पित त्रियंबक गांव में स्थित है। मंदिर के अंदर छोटे से गड्ढे में तीन शिवलिंग विराजमान है जिन्हे ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्वरूप माना जाता है। मंदिर के पीछे एक विशाल कुंड बना हुआ है जहां भक्त स्नान करके दर्शन करते है। पास में ही ब्रह्मगिरी पर्वत से गोदावरी नदी का उदगम स्थल है। गौतम ऋषि की कठिन तपस्या से भगवान शिव स्थान पर प्रकट हुए और त्रियंबकेशर नाम से लोकप्रिय हुए


अन्य शिरडी में घूमने की जगह (Other Places to visit in Shirdi)

  1. श्री उपासनी कन्याकुमारी स्थान सकरी
  2. पंच मुख विष्णु मंदिर
  3. अमृतेश्वर मंदिर


शिरडी के आसपास प्राकृतिक जगहें (Places to visit Near Shirdi)

मालसेज घाट        - 140 किमी

टाइगर घाटी          - 215 किमी

करोली हिल स्टेशन - 120 किमी

भंडारदारा             - 98 किमी

काल मांडवी झरना - 20 किमी

सापुतारा              - 140 किमी

इगतपुरी              - 120 किमी


शिरडी घूमने का सबसे अच्छा मौसम (Best Season To Visit Shirdi)

शिरडी घूमने की योजना बना रहे हैं तो नवंबर से मार्च महीनों के बीच शिरडी में घूमने के लिए अनुकूल मौसम रहता है। बाकी साल के किसी भी मौसम में घूमने की योजना बना सकते है। साई बाबा मंदिर में गुरुवार को भक्तो की लंबी लाइन लगती है क्योंकि गुरुवार साई बाबा का दिन माना जाता है। बाकी सप्ताह के अन्य दिनों में उतना भीड़ नहीं होती है। रामनवमी, दशहरा, और गुरु पूर्णिमा को काफी भीड़ लगती है।

यदि आप भीड़ से बचना चाहते हैं तो गुरुवार को छोड़कर कर किसी अन्य दिन में शिरडी पहुंचकर साई बाबा के दर्शन कर सकते है। साई मंदिर भक्तो के लिए सुबह 5 बजे से रात के 10 बजे तक खुला रहता है। वही बाबा की आरती दिन में तीन बार की जाती है पहली आरती सुबह 11 बजे 1 बजे बीच होती है और फिर शाम को 4 बजे और रात को 9 बजे की जाती है।


शिरडी कैसे पहुंचे (How To Reach Shirdi)

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

शिरडी में साई बाबा के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो शिरडी पहुंचने के लिए ट्रेन, हवाई जहाज और सड़क मार्ग सभी तरह की यातायात सुविधाएं उपलब्ध हैं। शिरडी रेलवे स्टेशन से 3 किमी की दूरी पर स्थित है साई बाबा का मंदिर वही शिरडी के एयरपोर्ट से 14 किमी दूर है साई मंदिर। शिरडी साईं बाबा मंदिर परिसर बस स्टैंड से 600 मीटर की दूरी पर स्थित है। ऑटो रिक्शा से या पैदल चलकर पहुंच सकते हैं।


ट्रेन से शिरडी कैसे पहुंचे (Shirdi Nearest Railway Station)

ट्रेन से शिरडी धार्मिक स्थल की यात्रा करना चाहते हैं तो शिरडी में ही रेलवे स्टेशन मौजूद है परंतु दूर दराज की ट्रेनों का आवागमन बहुत ही सीमित रहता है। इसलिए सबसे नजदीक कोपरगांव रेलवे स्टेशन है। अपने शहर से कोपरगांव रेलवे स्टेशन पहुंचकर सड़क मार्ग द्वारा बस या टैक्सी से शिरडी पहुंच सकते हैं। कोपरगांव रेलवे स्टेशन से शिरडी 15 किमी दूर है। जैसे आप रेलवे स्टेशन उतरते है शिरडी जाने के लिए अनेकों टैक्सी और महाराष्ट्र सरकार परिवहन की बस मिल जायेंगी।

Shirdi Me Ghumne Ki Jagah

कानपुर, लखनऊ, झांसी, बैंगलौर रेलवे स्टेशन से शिरडी के लिए सीधा ट्रेन मिल जायेंगी। जयपुर से शिरडी के लिए साप्ताहिक ट्रेन चलती है।मनमाड रेलवे स्टेशन पर उतरकर शिरडी पहुंच सकते हैं। मनमाड से शिरडी की दूरी 58 किमी है। मनमाड बस स्टैंड से शिरडी के लिए अनेकों बस चलती है। यह बस आपको महज 2 से 3 घंटे में शिरडी पहुंचा देती हैं।


सड़क मार्ग से शिरडी कैसे पहुंचे (How To Reach Shirdi by Road)

बस द्वारा शिरडी पहुंचने के लिए महाराष्ट्र राज्य सरकार परिवहन की बस चलती रहती हैं। इसके अलावा शताब्दी ट्रैवल की एसी और नॉन एसी बस काफी संख्या में चलती हैं। पुणे, के शिवाजी नगर बस स्टैंड से शिरडी के लिए रोजाना नियमित रूप से बस चलती है। नासिक, मुंबई, कोल्हापुर, बैंगलौर से आपको शिरडी के लिए सीधा बस मिल जाएगी।


हवाई जहाज से शिरडी कैसे पहुंचे (Shirdi Airport)

हवाई जहाज से शिरडी जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें शिरडी से 14 किमी दूर कोकड़ी में एक छोटा सा हवाई अड्डा मौजूद है। लेकिन इस हवाई अड्डा के लिए समित हवाई उड़ान संचालित की जाती है।

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फिर भी हवाई यात्रा करना चाहते है तो शिरडी से 160 किमी दूर औरंगाबाद में हवाई अड्डा मौजूद है। औरंगाबाद पहुंचकर सड़क मार्ग द्वारा 3 से 4 घंटे में शिरडी पहुंच सकते हैं।


महाराष्ट्र के शहरों से शिरडी की दूरी

पुणे         - 185 किमी

मुंबई        - 276 किमी

नासिक     - 92 किमी

मनमाड     - 58 किमी

भुसावल    - 465 किमी

हैदराबाद    - 560 किमी

भोपाल      - 800 किमी

कोपरगांव   - 15 किमी

अहमदनगर - 80 किमी


शिरडी में रुकने की जगह (Hotel in Shirdi)

शिरडी में ठहरने के लिए अनेकों संख्या में होटल है। जिसमे आप कम बजट से लेकर महंगे होटल का चुनाव कर सकते हैं। शिरडी बस स्टैंड के आसपास 500 रुपए से 1500 रुपए के बीच आसानी से होटल मिल जायेंगे। या फिर आप साई बाबा मंदिर परिसर के आसपास होटल लेना चाहते हैं तो वहां पर भी आपको होटल मिल जायेंगे। 

इसके अलावा रुकने के लिए साई बाबा ट्रस्ट द्वारा धर्मशाला का निर्माण किया गया है। शिरडी यात्रा में आप काफी सामान साथ लेकर गए हैं तो आप शिरडी बस स्टैंड के ठीक सामने क्लॉक रूम में निशुल्क सामान रख सकते हैं और साई बाबा के दर्शन करके वापस अपना सामान प्राप्त कर सकते हैं।

साई बाबा संस्थान द्वारा निर्मित 3 भक्त निवास है पहला है साई भक्त निवास दूसरा है साई आश्रम और तीसरा आश्रम है द्वारावती भक्ति निवास यह सभी भक्त निवास एक से दो किमी के दायरे में स्थित है। भक्त निवास में ठहरने के लिए एसी और नॉन एसी दोनो तरह के कम बजट में रूम उपलब्ध रहते है। 

पर्यटक साई बाबा संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन या शिरडी पहुंचकर ऑफलाइन रूम बुक कर सकते हैं। प्राइवेट होटल की अपेक्षा भक्त निवास पर रुकना सस्ता रहता है। भक्त निवास से साई मंदिर जानें के लिए निशुल्क बस सेवा भी उपलब्ध कराई जाती है।


शिरडी में भोजन कहां करें (Food in Shirdi)

शिरडी के होटल और रेस्टोरेंट में खाने के लिए आपको शुद्ध शाकाहरी भोजन मिल जायेगा। शिरडी में खाने पीने की चीजे काफी सस्ती है। यदि आप उपवास रखते हैं तो उसके लिए भी भोजन उपलब्ध रहता है। सुबह नाश्ते के लिए बड़ा पाव, साबूदाना, खिचड़ी, पोहा, साबूदाना टिक्की, सस्ते दामों में उपलब्ध रहता है। साई बाबा मंदिर परिसर से एक किमी दूर साई प्रसादालय में भक्तो के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध है। जिसमें सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक निशुल्क भोजन वितरित किया जाता है।

  

FAQs

1. मनमाड से शिरडी कैसे जाएं?

मनमाड रेलवे स्टेशन पहुंचकर आप सबसे पहले मनमाड बस स्टैंड पहुंच जाएं बस स्टैंड से शिर्डी के लिए अनेकों बस चलती हैं जो आपकी एक 2 घंटे में शिरडी पहुंचा देती हैं। या फिर मनमाड रेलवे स्टेशन से ही शिरडी के लिए जीप चलती हैं।

2. शिरडी मंदिर कहां स्थित है?

शिरडी का प्रसिद्ध चमत्कारी मंदिर महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले की राहता तहसील में स्थित है। मंदिर में महान फकीर साई बाबा की समाधि स्थल है।

3. शिरडी से भीमाशंकर की दूरी?

शिरडी से भीमाशंकर 180 किमी है। भीमाशंकर भगवान शिव को समर्पित मोटेश्वर महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। भीमा नदी के तट पर स्थित मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। छत्रपति शिवाजी जी मोटेश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए अकसर जाते थे।

4. शिरडी से नासिक की दूरी?

शिरडी से नासिक की दूरी 92 किमी है। यदि आप नासिक से शिर्डी जाना चाहते हैं तो नासिक बस स्टैंड से शिरडी के लिए रोजाना नियमित रूप से बस चलती रहती हैं। यह बस आपको शिरडी तक 2 घंटे में आसानी से पहुंचा देती हैं।

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