11+ बीजापुर में घूमने की जगह, गोल गुंबज की एक झलक

बीजापुर दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित ऐतिहासिक शहर है। विश्व का दूूसरा और भारत का सबसे विशाल पारंपरिक एकल कक्ष वाला गोल गुंबज होने के कारण बीजापुर जिला देश विदेश में काफी प्रसिद्ध है। बीजापुर में दक्षिण भारतीय शैली में बने कई प्रमुख स्मारक और स्थल है। बीजापुर में देखने के लिए आदिल शाही राजवंश के शासकों द्वारा निर्मित मस्जिद, किले, मकबरे, महल प्रमुख स्थल हैं। यदि आप दक्षिण भारत के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं तो आज आपको बताएंगे कि बीजापुर में घूमने की जगह (Bijapur Me Ghumne Ki Jagah) कौन सी हैं।

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

बीजापुर अपने मध्ययुगीन स्मारकों के लिए जाना जाता है। शहर के इतिहास के बारे में रुचि रखने वाले पर्यटकों को यकीनन बीजापुर बहुत पसंद आयेगा। शायद उत्तर भारत में बीजापुर इतना लोकप्रिय पर्यटन स्थल नही है परंतु कर्नाटका में बीजापुर पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की सूची में गिना जाता है।

यदि आप मैसूर घूमने के लिए जाते हैं तो बीजापुर के ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा कर सकते हैं। बीजापुर के आसपास अनेकों खूबसूरत पर्यटन स्थलों की भरमार है जिसमे है। बादामी, हम्पी, कुडलसंगाम, पट्टादकाल, सभागार, एहोले, अलमट्टी बांध प्रमुख पर्यटन स्थल है। उत्तर भारत में आगरा शहर की भांति बीजापुर शहर भी प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों से भरा हुआ है।


बीजापुर में घूमने की जगह | Bijapur Me Ghumne Ki Jagah


बीजापुर शहर का परिचय

  1. बीजापुर शहर का विकास 10वी शताब्दी में कल्याणी चालुक्य वंश के शासन काल में हुआ था। उस काल में बीजापुर को विजयपुरा नाम से जाना जाता था। बीजापुर को आधिकारिक रूप से विजयपुर नाम से जाना जाता है।
  2. पंजाब की तरह ही बीजापुर में पांच नदियां, घटप्रभा, कृष्ण, भीमा, मलाप्रभा, और दोनी नदी बहती हैं। जिस कारण बीजापुर को दक्षिण का पंजाब भी कहा जा सकता है।
  3. 13वी शताब्दी के प्रारंभ में बीजापुर दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद खिलजी के अधीन हो गया। और बाद में बीजापुर में अनेकों राजवंशों का अधिपत्य कायम रहा। 


1. गोल गुंबज - Gol Gumbaz Bijapur

बीजापुर में स्थित सात मंजिला गोल गुम्बद प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची में शुमार है। यह ऐतिहासिक मकबरा विश्व का दुसरा सबसे बड़ा गुंबज के रूप में प्रसिद्ध है। गोल गुंबज का निर्माण मुहम्मद आदिल शाह द्वारा 1656 ई में करवाया गया था। गोल गुम्बद की गणना दक्षिण भारत के ताजमहल के रूप में की जाती है।

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

आदिल शाह ने अपनी प्रेमिका रम्भा की याद में गोल गुंबज का निर्माण करवाया था। आज भी गोल गुंबज के भूतल में आदिल शाह और उनकी प्रेमिका की कब्र मौजुद है। विशाल गोलाकार आकार में बनी इमारत को बनाने में किसी भी तरह के खंभे का उपयोग करके नही बनाया गया। 

51 मीटर ऊंचा और 44 मीटर के व्यास में बना गोल गुम्बद आदिल शाह द्वारा निर्मित सबसे आकर्षक स्थलों में से एक है जिसे बनने में 20 वर्ष से अधिक का समय लगा था। गोल गुंबज की सबसे ऊपरी मंजिल में जाते हैं और आवाज लगाते हैं तो आपकी आवाज सात बार सुनाई देती है। 

गोल गुंबज के चारों ओर बने झरोखे से बैठकर आसानी से एक दूसरे की आवाज सुन सकते हैं। गोल गुंबज का भ्रमण करने के बाद हरी घास से परिपूर्ण परिसर में बैठकर आराम फरमा सकते है। परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए आदर्श जगहों में से एक है। गुंबज पर्यटकों के लिए सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक खुला रहता है। गोल गुम्बद को देखने के लिए साधारण प्रवेश शुल्क लिया जाता है।


2. ऊपरी बुरूज (Upari Buruj Bijapur, Karnataka)

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

ऊपरी बुरुज शहर के बीचोबीच स्थित 16वी शताब्दी में हैदर खान द्वारा निर्मित 24 मीटर ऊंची गोलाकार इमारत है। ऊपरी बुर्ज में चढ़ने के लिए पत्थर की घुमावदार सीढियां निर्मित की गई हैं। इमारत के ऊपर से बीजापुर शहर का अदभुत परिदृश्य देखने को मिलता है। ऊपरी बुर्ज पर रखी टोपे पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं। ऊपरी बुर्ज को बनाने का मुख्य उद्देश्य शहर की सुरक्षा था। सैनिक ऊपरी बुर्ज को प्रहरी दुर्ग के रूप में इस्तेमाल करते थे। सैनिक ऊपरी बुर्ज से दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखते थे।


3. बारा कमान ( Bara Kaman, Bijapur)

बारा कमान का निर्माण 1672 में आदिल शाह द्वितीय द्वारा करवाया गया था। बारा कमान आदिल शाह द्वारा निर्मित एक अधूरी रचना है। आदिल शाह द्वितीय ने बारा कमान को ऊंचा बनाने का निर्णय लिया था ताकि बारा कमान की परछाई गोल गुंबज में पड़े।

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

जानकार लोगों का कहना है बारा कमान को निर्मित करवाने के दौरान आदिल शाह के पिता ने ही हत्या कर दी गई थी। क्योंकि वह नहीं चाहते थे की बारा कमान की लोकप्रियता गोल गुंबज की शान को कम करे। खुले आसमान में बिना छत के धनुष बाण की कमान के आकार में बने 12 मेहराब और द्वार मुगल शैली का अदभुत चित्रण देखने को मिलता है।

 

4. बीजापुर किला - Bijapur Fort

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

बीजापुर किला शहर के प्रमुख ऐतिहासिक किले के रूप में जाना जाता है। किले का निर्माण 16वी शताब्दी में राव शक्ति सिंह द्वारा करवाया गया था। किले को प्राचीन काल में विजयपुरा दुर्ग के नाम से भी जाना जाता था। किले में घूमने के साथ ही पास में बने वन्य जीव अभयारण्य में भ्रमण कर सकते हैं। वन्य जीव अभयारण्य में हिरण, शेर, तेंदुआ, भालू, नील गाय, जंगली सुअर जैसे पशुओं को देखा जा सकता है।


5. जामिया मस्जिद (Jamiya Masjid Bijapur)

जामिया मस्जिद बीजापुर की सबसे विशाल और प्राचीन मस्जिदों में से एक है। जहां हजारों की संख्या में एक साथ लोग नमाज अदा कर सकते हैं। मस्जिद में मुख्य आकर्षण सोने से लिखी पवित्र कुरान की आयते है। मस्जिद का निर्माण मुहम्मद आदिल शाह के शासन काल में किया गया था जिसे बनने में एक सौ साल से भी अधिक का समय लगा था।

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

मस्जिद का निर्माण मुहम्मद आदिल शाह ने तालकोट के युद्ध को जीतने की खुशी में करवाया था। यह मस्जिद 1557 से लेकर 1686 के बीच में बनकर पूरी तरह तैयार हो पाई थी। इंडो स्लामिक वास्तुशैली में बनी ईमारत मुस्लिमों की इबादत के लिए प्रमुख स्थल माना जाता है।

 

6. मलिक-ए-मैदान - Malik-E-Maidan

मलिक-ए-मैदान पर्यटकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। ऊंचाई पर रखी आदिल शाह द्वारा निर्मित विश्व की सबसे बड़ी 14 मीटर लंबी और 55 टन वजनी प्राचीन तोप पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। तोप को एक विशाल चबूतरे में रखा गया है।

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

तोप का मुंह शेर के आकार का है जिसे 1559 ई. में विजयनगर साम्राज्य से युद्ध करने के दौरान ट्रॉफी के रूप में रखा गया था। तोप को देखकर अनुमान लगा सकते हैं कि प्राचीन काल में युद्ध के लिए किस तरह की सामग्री का इस्तेमाल किया जाता था।

 

7. इब्राहिम रोजा - Bijapur Ibrahim Roja

ईरान के प्रसिद्ध शिल्पकारों द्वारा निर्मित इब्राहिम रोजा का निर्माण इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय द्वारा अपनी पत्नी ताज सुल्ताना के लिए करवाया था। आगरा के ताजमहल की तर्ज पर आदिल शाह द्वितीय ने इब्राहिम रोजा का निर्माण करवाया था। इब्राहीम रोजा को दक्षिण का ताजमहल भी कह जाता है।

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

स्मारक में मुमताज महल की तरह आदिल शाह ने अपनी रानी के मकबरे का निर्माण करवाया था। स्मारक की दीवारों पर अदभुत कारीगरी देखने को मिलती है। इब्राहीम रोजा के सामने ही एक मस्जिद बनी हुई है जो अदभुत कारीगरी का बेहतरीन नमूना पेश करती है। प्रेम की निशानी इब्राहिम रोजा को देखने के लिए हजारों की संख्या में प्रेमी जोड़े आते है। यह प्रसिद्ध स्थल बीजापुर में शास्त्री नगर में स्थित है।


8. असर महल बीजापुर - Asar Mahal

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

असर महल का निर्माण 1646 में आदिल शाह द्वारा करवाया गया था। असर महल का उपयोग शासक आदिल शाह न्याय दरबार के रूप में इस्तेमाल किया करते थे। न्याय दरबार में अपराधी को न्याय देने का कार्य किया जाता था। असर महल में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।


9. गगन महल - Gagan Mahal Bijapur

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

बीजापुर में स्थित गगन महल आदिल शाह वंश का शाही महल माना जाता है। दो मंजिला महल का निर्माण 1561 में आदिल शाह प्रथम ने करवाया था। महल में बने तीन शानदार मेहराब महल की सुंदरता को दो गुना बढ़ा देते हैं। महल परिसर में चारो ओर फैली हरियाली और हरे भरे पेड़ पौधे पिकनिक मनाने के लिए उत्तम स्थल है। हालांकि गगन महल धीरे धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। अब केवल नाम मात्र के महल के अवशेष देखने को मिलते हैं।


10. शिवगिरी शिवाजी मंदिर - Shivgiri Temple

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

शिवगिरी मंदिर भगवान शिव को समर्पित हिंदुओ का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। मंदिर में स्थापित 26 मीटर ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है। मूर्ति को शिमोगा के शिल्पकारों ने करीब एक साल की अवधि में पूरा करके स्थापित किया था। वर्तमान में यह स्थल तेजी से पर्यटन स्थल के रूप में उभर कर सामने आया है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में शिव भक्तो का आवागमन होता रहता है। यह धार्मिक स्थल बीजापुर रेलवे स्टेशन से 4 किमी की दूरी पर स्थित है।


बीजापुर के आसपास घूमने की जगह (Places to visit in Bijapur)

  1. हम्पी
  2. बादामी
  3. मैसूर
  4. कुडलसंगम
  5. पत्तादकाल
  6. एहोले
  7. अलमट्टी बांध

 

बीजापुर घूमने का सबसे अच्छा मौसम (Best Season To Visit Bijapur)

बीजापुर के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने के लिए सबसे बढ़िया मौसम सर्दियों में अक्टूबर माह से मार्च तक रहता है। सर्दियों के मौसम में बीजापुर का तापमान घूमने के लिए अनुकूल रहता है। मौसम की परवाह न की जाए तो बीजापुर में घूमने के लिए किसी भी मौसम में जा सकते हैं। गर्मियों के मौसम में बीजापुर का तापमान बढ़ जाता है जिस कारण घूमने में गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।


कर्नाटक, बीजापुर कैसे पहुंचे - How To Reach Bijapur

बीजापुर के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने जाना चाहते हैं तो आपको ट्रेन, हवाई जहाज, और सड़क मार्ग प्रमुख यातायात की सुविधाएं उपलब्ध हैं। बीजापुर कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर से 522 किमी दूर स्थित है।


ट्रेन से बीजापुर कैसे पहुंचे - Bijapur Railway Station

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

बीजापुर ट्रेन द्वारा पहुंचने के लिए सबसे बढ़िया माध्यम है। बीजापुर में ही छोटा सा रेलवे स्टेशन मौजूद है। मुंबई, बैंगलोर, मैसूर, कोल्हापुर शहरों से बीजापुर के लिए नियमित रेल गाड़ियों का आवागमन होता रहता है।


बस से बीजापुर कैसे पहुंचे

Bijapur Me Ghumne Ki Jagah

बीजापुर यदि आप सड़क मार्ग द्वारा पहुंचना चाहते हैं तो कर्नाटक राज्य परिवहन की बसे निरंतर रूप से चलती रहती हैं। बैंगलोर, बादामी, शोलापुर, हुबली, और बेलगावी से बस द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।


हवाई जहाज द्वारा बीजापुर कैसे पहुंचे

हवाई जहाज से बीजापुर पहुंचना चाहते हैं तो सबसे नजदीक बेलगावी में हवाई अड्डा स्थित है। मुंबई, बैंगलोर से बेलगाम के लिए घरेलू विमान सेवाएं संचालित की जाती हैं। बेलगाम पहुंचकर सड़क मार्ग द्वारा बीजापुर पहुंच सकते हैं। बेलगाम से बीजापुर 204 किमी दूर पड़ता है।


बीजापुर में रुकने की जगह

बीजापुर में घूमने के लिए जा रहे हैं तो ठहरने के लिए बहुत से होटल और रिसॉर्ट मौजुद है। जिसमे कम बजट में ठहरा जा सकता है। बीजापुर में आप होटल रेलवे स्टेशन के आसपास ले सकते हैं। यदि आप उत्तर भारत से बीजापुर घूमने के लिए जाते हैं तो थोड़ा भाषा की समस्या हो सकती हैं क्योंकि बीजापुर में अधिकांश लोग कन्नड़ भाषा बोलते हैं। 

लेकिन यदि आप हिंदी में बात करते है तो हिंदी समझने वाले लोग भी आपको मिल जायेंगे। बीजापुर के होटलों में खाने के लिए ज्यादातर चावल परोसे जाते हैं यदि आप चपाती खाना चाहते है तो होटल में बात करके ऑर्डर कर सकते हैं। ऑर्डर देने में आपके लिए रोटी तैयार कर दी जाएगी।


बीजापुर के स्थलों का भ्रमण कैसे करे

बीजापुर के स्थानीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए बस और ऑटो रिक्शा मुख्य साधन है। आप ऑटो रिक्शा बुक करके सभी Bijapur Tourist Places को कवर कर सकते हैं। या फिर आप शेयर ऑटो या टैक्सी के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह तक जा सकते है।


FAQs

1. बीजापुर किसके लिए प्रसिद्ध है?

बीजापुर देश विदेश में गोल गुंबज के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। गोल गुंबज विश्व का दुसरा और भारत में सबसे बड़ा गुंबज माना जाता है। आश्चर्य की बात यह की सात मंजिला गुंबज को बनाने में किसी भी कॉलम को खड़ा करके गुंबज को नहीं बनाया गया।

2. बीजापुर कहां है?

बीजापुर दक्षिण भारत में कर्नाटक राज्य का जिला है। बीजापुर शहर अपने ऐतिहासिक स्थलों के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। बीजापुर में आदिल शाही राजवंश के शासकों द्वारा निर्मित अनेकों प्रसिद्ध महल, और मकबरे देखने को मिलते हैं।

3. बैंगलोर से बीजापुर की दूरी?

बैंगलोर से बीजापुर 522 किमी है। बैंगलोर से बीजापुर के लिए सबसे बढ़िया यातायात माध्यम बस और ट्रेन है। बैंगलोर से बस द्वारा 9 से 10 घंटे में पहुंच सकते हैं।

4. गोल गुंबज कहां पर है?

गोल गुंबज भारत में कर्नाटक राज्य के बीजापुर जिले में स्थित मकबरा है जिसे 1656 में महाराज आदिल शाह ने बनवाया था। सात मंजिला बना मकबरा विश्व का दुसरा और भारत का सबसे बड़ा गुंबज है। जबकि दुनियां का सबसे बड़ा गुंबज सिंगापुर में स्थित है जो 142000 वर्ग किमी में फैला हुआ है।

5. गोल गुंबज को किसने बनवाया था?

बीजापुर में गोल गुंबज को मुहम्मद आदिल शाह ने 1656 ई. में अपनी प्रेमिका के लिए बनवाया था। गोल गुंबज को दक्कन का ताजमहल कहा जाता है।

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