5+ अमरनाथ में घूमने की जगह कैसे करें अमरनाथ यात्रा संपूर्ण जानकारी
अमरनाथ भारत में जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित हिंदुओ के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यह धार्मिक स्थल समुद्र तल से 13600 फीट की ऊंचाई पर हिमालय की बर्फीली पहाड़ो में स्थित है। अमरनाथ को तीर्थो का तीर्थ कहा जाता है। अमरनाथ में एक पवित्र गुफा है जिसमें बाबा बर्फानी के रूप में भगवान शिव के दर्शन होते हैं। इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का ज्ञान दिया था। लेख में हम आपको अमरनाथ में घूमने की जगह (Amarnath Me Ghumne Ki Jagah) और अमरनाथ यात्रा से संबंधित संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
अमरनाथ की गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ के शिव लिंग का निर्माण होता है जिसे बाबा बर्फानी या अमरेश्वर कहते हैं। जुलाई और अगस्त माह के बीच आयोजित होने वाली यात्रा में लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते है। भगवान भोले के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गुफ़ा में सफेद कबूतर का जोड़ा देखने को मिलता है जिन्हे अमर पक्षी कहते हैं। लोगों का कहना है जिस समय भगवान शिव माता पार्वती को ज्ञान दे रहे थे उस समय कबूतर के जोड़े ने यह ज्ञान सुनकर अमर हो गए।
अमरनाथ में घूमने की जगह | Amarnath Me Ghumne Ki Jagah
अमरनाथ यात्रा की जानकारी
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि अमरनाथ गुफा 5000 हजार साल पुरानी महाभारत काल की है। अमरनाथ गुफा की खोज बूटा मलिक नामक चरवाहे ने की थी।
अमरनाथ गुफा के बारे में कहा जाता है जब माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि आप अमर कैसे है तब उन्होंने अमरता का रहस्य बताने के लिए ऐसे स्थान की तलाश की जहां किसी भी जीव की उपस्थित न हो तब उन्होंने अमरनाथ गुफ़ा का चुनाव किया और उन्होंने
गुफ़ा में माता पार्वती को अमरता का रहस्य बताया लेकिन कहते हैं एक कबूतर के जोड़े ने शिव जी द्वारा बताए गए रहस्य को सुन लिया और अमर हो गए आज भी अमरनाथ गुफा में कबूतर का नर मादा जोड़ा देखने को मिल जाता है।
1. सोनमर्ग
सोनमर्ग या सोनामार्ग जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। सोनमर्ग की प्राकृतिक वादियों में सुंदर झीलें, मंदिर देखने को मिलते है। सोनमर्ग बालटाल के काफी नजदीक है यदि आप बालटाल के रास्ते जाते है तो सोनमर्ग में भी घूम सकते हैं।
2. गुलमर्ग
गुलमर्ग जम्मू कश्मीर राज्य के बारामुला जिले में स्थित बेहद आकर्षण से भरा पर्यटन स्थल है। सैलानी बर्फ का मजा लेने के लिए गुलमर्ग में घूमने के लिए जाते हैं। गुलमर्ग में चारों ओर फैली हरियाली आपका मन मोह लेगी। गुलमर्ग में फूलों की घाटी और सफ़ेद बर्फ से ढके पहाड़ देखने को मिलते हैं।
3. शेषनाग
कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित शेषनाग अमरनाथ की यात्रा में पहलगाम के रास्ते में पड़ता है। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए शेषनाग से ही होकर जाना पड़ता है। शेषनाग पर ही ठहरने के लिए अनेकों कैंप बनाए गए हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है जब भगवान शिव ने गुफा में माता पार्वती को अमरता का ज्ञान दिया था तब अपने सांप को शेषनाग सरोवर में छोड़ दिया था।
4. वैष्णो देवी
वैष्णो देवी जम्मू कश्मीर राज्य के कटरा जिले में स्थित हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है। माता वैष्णो देवी कटरा से 14 किमी त्रिकूट पर्वत पर विराजमान है। माता वैष्णो देवी की ख्याति दूर दूर तक फैली हुई है देवी के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में भक्तगण जाते रहते है। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के बाद माता वैष्णो देवी के दर्शन करके सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा कब आयोजित की जाती है?
अमरनाथ यात्रा में घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम जुलाई से अगस्त माह के बीच श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह यात्रा साल में एक बार ही आयोजित की जाती है।
अमरनाथ यात्रा पर कैसे जाएं
भगवान अमरनाथ जी यात्रा पर जाने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं है। आप देश के किसी भी जगह से है तो जम्मू या फिर श्री नगर पहुंचना होगा अमरनाथ यात्रा करने के लिए दो रास्ते है पहलगाम और बालटाल आप जम्मू या श्री नगर पहुंचकर किसी भी मार्ग का चुनाव कर सकते हैं।
जम्मू से पहलगाम की दूरी 230 किमी है और बालटाल की दूरी 335 किमी है जम्मू से पहलगाम और बालटाल जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी या बस से करीब 9 से 10 घंटे लग जाता है। वही श्री नगर से पहलगाम की दूरी 90 किमी की है और बालटाल की दूरी 93 किमी है यह दूरी सड़क मार्ग द्वारा मात्र 3 घंटे में पूरी कर सकते है।
ट्रेन द्वारा
अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए सबसे सस्ता और बेहतर विकल्प रेल है।रेल गाड़ी द्वारा अमरनाथ की यात्रा पर जाने के लिए सबसे नजदीक जम्मू में जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है जम्मू तक ही ट्रेन का आवागमन होता है। जम्मू पहुंच कर सड़क मार्ग से बस द्वारा अपने चयनित मार्ग में पहुंच कर यात्रा प्रारंभ कर सकते है।
जम्मू रेलवे स्टेशन के आलावा उधमपुर रेलवे स्टेशन पहुंचकर अमरनाथ यात्रा में शामिल हो सकते हैं लेकिन ट्रेन द्वारा सबसे आरामदायक रास्ता जम्मू से रहता है। जम्मू से आगे पहुंचने के लिए साधन आसानी से मिल जाते है।
जम्मू पहुंचते ही सबसे पहले भगवती नगर यात्री कैंप में जाना होगा वही से पहलगाम और बालटाल के लिए सुबह 5 बजे से बस और टैक्सी चलती है। सुबह यात्रा करने से पहले बस का टिकट ले कर रखे यदि आप रात को जम्मू पहुंचे हैं तो रात में ठहर कर सुबह आगे का सफर जारी रख सकते है।इसी यात्री कैंप से अपनी आरएफ आईडी जरूर प्राप्त कर ले तब आगे सफर की शुरुआत करें।
सड़क मार्ग द्वारा
सड़क मार्ग द्वारा पहुंचने के लिए दिल्ली, चंडीगढ से जम्मू और श्री नगर के लिए बस संचालित की जाती है। आसानी से बस द्वारा पहुंच सकते है। सड़क मार्ग द्वारा जम्मू तक जाते हैं तो सड़क के रास्ते काफी थकान हो सकती है इसलिए बेहतर है ट्रेन के द्वारा ही जाने की योजना बनाएं।
हवाई जहाज द्वारा
हवाई जहाज द्वारा पहुंचने के लिए सबसे नजदीक हवाई अड्डा श्री नगर है। दिल्ली, चंडीगढ़ से रोजाना उड़ान संचालित की जाती है। श्री नगर पहुंचकर सड़क मार्ग से प्राइवेट टैक्सी या बस द्वारा अपने चयनित मार्ग के लिए जा सकते है। श्री नगर से बालटाल और पहलगाम काफी नजदीक पर है।
अमरनाथ यात्रा का पंजीकरण कैसे करें
अमरनाथ यात्रा का आयोजन साल में 2 महीने के लिए किया जाता है। यह यात्रा जुलाई से अगस्त माह के बीच आयोजित की जाती है। यात्रा के पंजीकरण की जानकारी श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर 2 से 3 माह पूर्व देखने को मिलने लगती है। यात्रा में शामिल होने के लिए जल्द से जल्द अपना पंजीकरण करवा सकते है।
अमरनाथ की यात्रा में जाने के लिए सबसे जरूरी है यात्रा का पंजीकरण बिना पंजीकरण के यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं होती। यात्रा का पंजीकरण करने से पहले स्वास्थ सर्टिफिकेट होना जरूरी है। अमरनाथ यात्रा का पंजीकरण श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर करना होता है।
ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए आपको कौन से मार्ग से जाना है पहलगांव या बालटाल उसका चयन करना होता है और यात्रा का दिन, यदि आपके द्वारा निर्धारित कि गई यात्रा के दिन सीट खाली है तो आपको अपना नाम पता, पिता का नाम, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, सभी जानकारी भरने के बाद आधार कार्ड, मेडिकल सर्टिफिकेट और एक पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करना होगा।
अमरनाथ यात्रा के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट
अमरनाथ की यात्रा में जाने के लिए आपको मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना पड़ता है। स्वास्थ सर्टिफिकेट आपको श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड द्वारा निर्धारित डॉक्टर से ही बनवाना पड़ेगा। अन्य कही से बनवाते है तो यह सर्टिफिकेट मान्य नहीं होगा। आधिकारिक डॉक्टर की सूची श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं यह डॉक्टर ज्यादातर देश के सभी राज्यों और शहरों में मिल जायेंगे।
अमरनाथ यात्रा के दौरान क्या करें
अमरनाथ जी की यात्रा करने से पहले जम्मू या श्री नगर पहुंचकर अपना आरएफ आईडी (RFID) जरूर प्राप्त कर ले आरएफ आईडी लेने के लिए आधार कार्ड का साथ में रखना अनिवार्य है बिना आधार कार्ड के आरएफ आईडी नहीं दी जाएगी।
जम्मू में भगवती नगर कैंप के अलावा आप बालटाल में भी आरएफ आइडी ले सकते है। अपने साथ जरूरी दस्तावेज़ आधार कार्ड, मेडिकल सर्टिफिकेट, यात्रा का परमिट जरूर रखें।
यात्रा करते समय फीते वाले जूते पहनकर यात्रा करें, चप्पल पहनकर यात्रा करने से बचे चप्पल में पैर फिसलने की संभावना रहती है।
यात्रा करते समय अपने गले में आरएफ आइडी जरूर पहन कर रखें। यात्रा के दौरान अपने साथ गर्म कपड़े, छाता, वॉटरप्रूफ, रेनकोट, जरूर ले कर चले क्योंकि मानसून कभी भी खराब हो जाता है साथ ही आवश्यक पैसे साथ लेकर चले।
यात्रा के दौरान जींस पहनने से बचें टाइट कपड़े पहने की बजाए लोवर या सॉर्ट पहनकर यात्रा करें महिलाएं साड़ी पहनने से बचें हो सके तो सलवार सूट पहन सकती है जिससे चलने में आसानी रहे।
अमरनाथ यात्रा की योजना बनाने के लिए दो महीने पहले से ही अपना स्वास्थ्य अच्छा रखे रोजाना कम से कम 5 किमी पैदल चलने के बाद व्यायाम और कसरत जरूर करें।
जितना हो सके अमरनाथ की यात्रा में अपने साथ समान कम रखे यदि सामान ज्यादा है तो जम्मू, बालटाल और पहलगाम में क्लॉक रूम बने हुए हैं अपना सामान रख सकते है।
अमरनाथ यात्रा कौन नही कर सकता
- अमरनाथ की यात्रा में गर्भवती महिलाओं को शामिल होने की अनुमति नहीं रहती।
- यात्रा में 75 साल से अधिक उम्र के पुरुष या महिला को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
- यात्रा में 13 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल नहीं हो सकते।
अमरनाथ यात्रा मार्ग
बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए मुख्य रूप से दो मार्ग निर्धारित है एक लम्बा रस्ता दुसरा छोटा रास्ता आप अपनी सुविधानुसार किसी भी मार्ग का चयन कर सकते है लेकिन पहलगाम मार्ग का चुनाव करते है तो यह लंबा मार्ग हो जाता है परन्तु इस मार्ग की चढ़ाई आसान है।
यात्री सबसे ज्यादा पहलगाम मार्ग को पसंद करते हैं क्योंकि पहलगाम के रास्ते में अनेकों दर्शनीय स्थल है। आप पहलगाम के रास्ते पहुंचकर वापस बालटाल के रास्ते आ सकते हैं।
वही बालटाल मार्ग से जाते है तो इस मार्ग से एक से दो दिन का समय लग जाता है। लेकिन बालटाल मार्ग की चढ़ाई बहुत कठिन है इस रास्ते पर सीधी चढ़ाई चढ़नी पड़ती हैं। दोनो मार्ग से यात्रा पैदल चलकर पूरी की जाती है। यह यात्रा 2 से 3 दिन में पूरी हो पाती हैं। रात को रास्ते में ठहरने के लिए सरकारी या गैर सरकारी कैंप बने हुए है जिसमे पैसा देकर ठहर सकते हैं।
यदि आप पैदल चलने में असमर्थ हैं तो आपको घोड़े, खच्चर, और पालकी की सुविधा उपलब्ध रहती है। यदि आप पालकी से जाना चाहते हैं तो आपके वजन के अनुसार किराया तय होता है। घोड़े और पालकी का किराया अलग अलग रहता है। घोड़े का अनुमानित किराया 7000 से 8000 तक रहता है वही पालकी का किराया 20000 से 25000 तक रहता है।
यदि आप हेलीकॉप्टर से गुफ़ा तक जाना चाहते हैं तो श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड द्वारा हेलीकॉप्टर की सुविधा उपलब्ध रहती है जिसका किराया 5000 से 6000 रुपए के बीच रहता है।
पहलगाम मार्ग
यदि आप जम्मू पहुंचकर पहलगाम मार्ग का चुनाव करते हैं तो भगवती नगर कैंप से सुबह 5 बजे पहलगाम के लिए बस चलने लगती हैं जो करीब 8 से 9 घंटे में पहलगाम पहुंचा देती है। जम्मू से पहलगाम का किराया 500 से 600 रूपए के बीच रहता है। यदि आप रात को पहलगाम पहुंचे है तो लंगर में भोजन कर सकते हैं। और पहलगाम में बने टेंट में ठहर कर रात बिता सकते है।
अगली सुबह जल्दी उठकर चंदनबाड़ी पहुंच जाएं। पहलगाम से चंदनबाड़ी के लिए मिनी बस या टैक्सी चलती रहती हैं जो एक या दो घंटे में पहुंचा देती है। पहलगाम से चंदनबाड़ी की दूरी 16 किमी की है। चंदनबाड़ी पहुंचकर अब आपकी 32 किमी पैदल यात्रा शुरू हो जाती है।
चंदनबारी से पैदल चलकर पिस्सू टॉप शेषनाग और पंच तरिणी होते हुए अमरनाथ जी की गुफा तक पहुंच जायेंगे। चंदनबारी से शेषनाग 12 किमी की पैदल दूरी पर है। शेषनाग से पंचतरिणी करीब 14 किमी पड़ता है। और फिर आगे 5 किमी ट्रेकिंग करते हुए बाबा बर्फानी की गुफ़ा तक पहुंच जाएंगे। यह यात्रा करीब दो दिन में सम्पूर्ण हो पाती है बीच में ठहरने के लिए टेंट बने हुए हैं।
अमरनाथ यात्रा बालटाल मार्ग
यदि आप बालटाल मार्ग से जाना चाहते हैं तो यह मार्ग 14 किमी है।बालटाल से पैदल चलकर दोमेल पहुंच जायेंगे इसके बाद बरारी होते हुए बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा तक पहुंच जाएंगे। बालटाल से एक दिन की पैदल यात्रा करके बाबा बर्फानी के दर्शन करके वापस लौट सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा के दौरान ठहरने की जगह
अमरनाथ जी की यात्रा के दौरान रास्ते में ठहरने के लिए श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड द्वारा बहुत से कैंप का निर्माण किया गया है जिसमे टेंट की सुविधा रहती है। यह कैंप ठेकेदारों द्वारा संचालित किए जाते जिसमे 24 घंटे के हिसाब से शुल्क लिया जाता है। रहने की सुविधा पहले आओ पहले पाओ के आधार पर तय की जाती है।
इसके अलावा बहुत से निजी व्यक्तियों द्वारा कैंप का निर्माण किया गया है यदि आपको श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड के कैंप में ठहरने के लिए टेंट नही मिलता तो आप प्राइवेट टेंट में ठहर सकते है। टेंट में ठहरने पर आपको कंबल, तकिया, रजाई, गद्दा दिया जाता है। ठहरने के लिए आपको 400 से 600 रूपए में टेंट मिल जायेगा।
अमरनाथ यात्रा में खाने की व्यवस्था
बाबा बर्फानी की यात्रा में जाते हैं तो आपको खानें पीने के लिए किसी भी तरह की सोचने की जरूरत नही है यात्रा के रास्ते में अनेकों सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं और संगठनों द्वारा मुक्त भोजन और खानपान की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाती है। यात्रा मार्ग पर जगह जगह लंगर के रूप में भोजन करवाया जाता है। आप भगवान के प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण कर सकते है। साथ ही अपने खाने के लिए नमकीन, बिस्किट रख सकते हैं।
इसके अलावा पवित्र गुफा के रास्ते जम्मू कश्मीर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा श्रद्धालुओ को मुक्त में स्वास्थ्य संबंधी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
अमरनाथ यात्रा में कितना खर्चा आएगा
अमरनाथ यात्रा की योजना बना रहे हैं तो आपको पैसों को लेकर परेशानी होने की जरूरत नही है। बाबा बर्फानी के दर्शन आप कम बजट में आसानी से कर सकते है। अमरनाथ की यात्रा में जम्मू और श्री नगर के बाद आपका पैसा मात्र रहने और आने जाने में खर्च होगा भोजन के लिए रास्ते में जगह जगह लंगर चलता रहता है। भोजन के लिए किसी भी प्रकार से कोई खर्चा नहीं करना पड़ेगा इस तरह से अमरनाथ की यात्रा में आपका बजट 5000 से 6000 रूपए में हो जायेगा।
लोगों ने पूछा
1. जम्मू से बालटाल की दूरी?
जम्मू से बालटाल की दूरी 335 किमी है यह दूरी प्राइवेट टैक्सी या राज्य परिवहन की बसों द्वारा 8 से 9 घंटे में पूरी कर सकते हैं। जम्मू से बस द्वारा बालटाल जाने के लिए 500 से 600 रुपए के बीच किराया लगता है।
2. अमरनाथ की चढ़ाई कितनी है?
अमरनाथ की यात्रा में शामिल होने के लिए दो मार्ग निर्धारित किए गए हैं पहला पहलगाम और दूसरा बालटाल यदि आप पहलगाम मार्ग से यात्रा प्रारंभ करते है तो पैदल चढ़ाई 32 किमी की है वही यदि आप बालटाल से यात्रा की शुरुआत करते हैं तो पैदल यात्रा 14 किमी की है।
3. वैष्णो देवी से अमरनाथ की दूरी?
माता वैष्णो देवी जम्मू कश्मीर के कटरा जिले में स्थित हिंदुओ का धार्मिक स्थल है। वैष्णो देवी से अमरनाथ 340 किमी दूर है। बस द्वारा 9 से 10 घंटे में पहुंच सकते है।
4. जम्मू से पहलगाम का किराया?
जम्मू से पहलगाम के लिए प्राइवेट टैक्सी या बस चलती रहती है। जम्मू से पहलगाम की दूरी 230 किमी है और बस 8 से 9 घंटे में पहलगाम पहुंचा देती है। जम्मू से पहलगाम का किराया 500 से 600 रूपए प्रति व्यक्ति रहता है।
5. अमरनाथ में किसका मंदिर है?
अमरनाथ में भगवान शिव को समर्पित गुफा है जिसमे बाबा बर्फानी के रूप में भगवान शिव के दर्शन होते हैं।