10+ झांसी में घूमने की जगह, रानी लक्ष्मी बाई की भूमि

बुंदेलखंड की भूमि झांसी भारत में उत्तरप्रदेश राज्य का ऐतिहासिक शहर है। 1857 की क्रांति के दौरान झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी जिसके कारण यह शहर काफी लोकप्रिय है। लेख में आपको बताएंगे कि झांसी में घूमने की जगह (Jhansi Me Ghumne Ki Jagah) कौन कौन सी है।

Jhansi Me Ghumne Ki Jagah


झांसी में घूमने की जगह | Jhansi Me Ghumne Ki Jagah


झांसी शहर का परिचय

झांसी शहर को बुंदेला राजा बीर सिंह देव बुंदेला ने बसाया था। बुंदेलखंड का हृदय स्थल झांसी का इतिहास गौरवपूर्ण और संघर्षशील रहा है। झांसी में प्रारंभ में चंदेल वंश के राजाओं का शासन रहा बाद में अनेक राजवंशों ने शासन किया।

1857 की क्रांति के दौरान झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रजों की अधीनता स्वीकार नहीं किया और साहस पूर्ण युद्ध किया और युद्ध लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त किया।

झांसी शहर आधुनिक युग में शिक्षा के क्षेत्र में काफी अग्रणी है। 1975 के बाद झांसी में अनेक प्रतिष्ठित विद्यालय और विश्वविद्यालय स्थापित किए गए।


1. झांसी का किला

Jhansi Me Ghumne Ki Jagah

झांसी का किला शहर का ऐतिहासिक किला है जो शहर के मध्य बंगरा नामक पहाड़ी पर स्थित है। यह किला पूरे भारत में प्राचीन काल की भव्यता और संघर्षपूर्ण बलिदान का जीता जागता उदाहरण है। किले का निर्माण 1613 में बुंदेला राजा बीर सिंह देव ने करवाया था जिसके चारों ओर झांसी शहर बसा हुआ है। 

किले में प्रवेश करने के लिए दस द्वार का निर्माण किया गया है। किले के अंदर अनेकों दर्शनीय स्थल बने हुए हैं। किला परिसर में रखी पुरानी टॉप आकर्षण का केंद्र है। साथ की प्रमुख हैं रानी लक्ष्मी बाई गार्डेन, मोती बाई, भगवान शिव का मंदिर, और खुदा बक्स की मजार यदि आप झांसी के किले को देखने के लिए जाते हैं तो झांसी के जीवंत इतिहास को करीब से जानने का मौका मिलता है।


2. रानी महल

रानी महल झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का एक खुबसूरत दो मंजिला राजसी महल है। महल का निर्माण नेवलकर परिवार के रघुनाथ द्वितीय ने करवाया था। महल की दीवारों को बहुत ही सुंदर चित्रकारी से सजाया गया है। महल के एक हिस्से में भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संग्रहालय का निर्माण किया गया है जिसमे प्राचीन काल की मूर्तियों का संग्रह देखने को मिलता है। 1857 की क्रांति के समय अंग्रजों द्वारा महल के कुछ हिस्सों को छतिग्रस्त कर दिया गया था परंतु आज भी महल की भव्यता बरकरार है।

  

3. चतुर्भुज मंदिर

झांसी अपने गौरवशाली इतिहास के साथ ही कई एतिहासिक मंदिरो के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से एक है चतुर्भुज मंदिर है भगवन विष्णु जी को समर्पित मंदिर ओरछा के पास बेतवा नदी के किनारे विराजमान है। मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।


4. पंचतंत्र पार्क

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पंचतंत्र पार्क झांसी के चित्रा चौराहे पर बना बच्चों के घूमने लायक प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। पार्क को विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक के आधार निर्मित किया गया है। जिसमे बच्चों के खेलने के लिए झूले, टॉय ट्रेन मौजूद है।


5. बरुआ सागर जलप्रपात

Jhansi Me Ghumne Ki Jagah

बरुवा सागर जलप्रपात झांसी में पर्यटकों के घूमने लायक प्रमुख स्थल है। दूर दूर से लोग बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं। झील पर बना जलप्रपात की सुंदरता देखने लायक है। झील के किनारे बना किला जिसका निर्माण ओरछा के राजा उदित सिंह ने बनवाया था। किले की खूबसूरती देखने के साथ झील में सैर सपाटे का आनंद उठा सकते हैं। झांसी से 25 किमी स्थित पर्यटन स्थल दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए बेहद खूबसूरत स्थल है। 


6. संत जुड चर्च

संत जुड चर्च ईसाइयों का एक धार्मिक स्थल है इस चर्च का निर्माण फ्रांसीसी जेवियर फेनेस ने करवाया था। प्रत्येक वर्ष 28 अक्टूबर को देश भर से ईसाई संत जूड का पर्व मनाने के लिए एकत्र होते हैं। यह स्थल झांसी में सिविल लाइंस के पास स्थित है।


7. परीछा बांध

झांसी में घूमने के लिए परीछा बांध एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह बांध बेतवा नदी पर बना हुआ है जो झांसी कानपुर राष्ट्रिय राजमार्ग पर स्थित है।


अन्य झांसी में घूमने की जगह (other Tourists Places to visit in Jhansi)

  1. राजकीय संग्रहालय 
  2. गणेश जी मंदिर
  3. हर्बल गार्डन
  4. इस्कॉन मंदिर 
  5. रानी लक्ष्मी बाई पार्क 
  6. गंगाधर राव की छतरी
  7. बबीना का सुकमा डूकमा बांध
  8. सखी के हनुमान

 

झांसी घूमने का सबसे अच्छा मौसम (Best Season To Visit Jhansi)

झांसी घूमने के लिए आपको बता दे की साल के किसी भी मौसम में घूमने की योजना बना सकते हैं। लेकिन यदि आप गर्मियों में घूमने की योजना बनाते है तो मई से जुलाई महीने के बीच झांसी में उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है इसलिए कोशिश करे की सर्दियों में घूमने का प्लान बनाएं। अक्टूबर से मार्च महीनों के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।


झांसी कैसे पहुंचे

ट्रेन से झांसी कैसे पहुंचे

झांसी पहुंचने के लिए सबसे सरल तरीका है ट्रेन शहर के मध्य में स्थित रानी वीरांगना लक्ष्मी बाई रेलवे स्टेशन रेल मार्ग द्वारा भारत के अधिकांश मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है। कानपुर, दिल्ली, भोपाल, अहमदाबाद, लखनऊ शहरों से सीधा रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। झांसी के लिए सैकड़ों की संख्या में ट्रेनों का आवागमन होता रहता है।


सड़क मार्ग द्वारा झांसी कैसे पहुंचे

झांसी सड़क मार्ग द्वारा आसानी से अपने निजी वाहन या राज्य परिवहन विभाग की सरकारी बसों द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। झांसी राष्ट्रिय राजमार्ग 25,26 और राष्ट्रीय राजमार्ग 39 द्वारा पहुंचा जा सकता है। कानपुर, लखनऊ, ग्वालियर, भोपाल, प्रयागराज से बस द्वारा झांसी पहूंच सकते हैं।


हवाई जहाज द्वारा झांसी कैसे पहुंचे

यदि आप फ्लाइट्स द्वारा झांसी पहुंचना चाहते हैं तो आपको बता दे झांसी शहर में कोई हवाई अड्डा बना नही है लेकिन फिर भी आप हवाई जहाज का सफर करना चाहते हैं तो झांसी से सबसे नजदीक में ग्वालियर का हवाई अड्डा स्थित है।

दिल्ली, लखनऊ, भोपाल से आपको सीधा ग्वालियर के लिए घरेलू विमान सेवाएं संचालित की जाती हैं। हवाई जहाज द्वारा ग्वालियर पहुंचकर सड़क मार्ग द्वारा बस या टैक्सी से महज 3 से 4 घंटे में पहुंच सकते हैं। ग्वालियर से झांसी करीब 115 किमी दूर है।


झांसी में रुकने की जगह

झांसी घूमने के लिए जाते है तो आपको ठहरने के लिए अनेकों होटल और लॉज मिल जायेंगे। झांसी रेलवे स्टेशन के आसपास बहुत से होटल है जहां आप कम बजट में ठहर सकते हैं।


लोगों ने पूछा

1. झांसी से ओरछा की दूरी?

झांसी से ओरछा की दूरी 18 किमी है यह शहर अपने प्राचीन मंदिरो, किलो के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। झांसी से ओरछा बस या ऑटो एक घंटे से भी कम समय में आसानी से पहुंच सकते हैं।

2. झांसी में क्या प्रसिद्ध है? 

झांसी में सबसे ज्यादा झांसी का किला प्रसिद्ध है।

3. झांसी का पुराना नाम क्या है?

झांसी का पुराना नाम बलवंत नगर है।

4. झांसी से खजुराहो की दूरी?

झांसी शहर से खजुराहों करीब 180 किमी दूर स्थित है। खजुराहो चंदेल राजाओं द्वारा बनाए गए प्राचीन मध्य कालीन मंदिरो के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहों में 25 से अधिक मंदिरो के समूह को देखा जा सकता है मंदिर की दीवारों पर अलंकृत प्रेम का सौंदर्य आकर्षण का केंद्र है।

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