माउंट आबू में घूमने की जगह, राजस्थान का लोकप्रिय हिल स्टेशन
माउंट आबू अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा राजस्थान का प्रमुख हिल स्टेशन है। सिरोही जिले में स्थित हिल स्टेशन अपने भौगोलिक और बेहद सुखद वातावरण की दृष्टि से राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न है। माउंट आबू में फैली प्राकृतिक सुंदरता की वजह से लोग राजस्थान का कश्मीर कहते है। पहाड़ों से घिरा माउंट आबू जैन समाज के तीर्थ स्थल के लिए प्रसिद्ध है अपने प्राकृतिक वैभव के साथ माउंट आबू धार्मिक मंदिरो, ऐतिहासिक इमारतों, और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। लेख में माउंट आबू में घूमने की जगह (Mount Abu Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे।
राजस्थान के अन्य शहरों की अपेक्षा माउंट आबू का मौसम सुखद रहता है। गर्मियों के मौसम में घूमने के लिए माउंट आबू पर्यटकों का पसंदीदा शहर है। प्राचीन काल से माउंट आबू ग्रीष्म काल में राजा महाराजाओं का निवास स्थल रहा है। ठंडी ठंडी बहती हवाएं गर्मी में शीतला का अनुभव प्रदान करती है। माउन्ट आबू एक खूबसूरत हिल स्टेशन होने के कारण नव विवाहित जोड़े के लिए हनीमून डेस्टिनेशन के तौर पर पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है।
माउंट आबू में घूमने की जगह | Mount Abu Me Ghumne Ki Jagah
1. टॉड रॉक (Toad Rock Mount Abu)
टॉड रॉक एक पहाड़ की चोटी पर मेढ़क के आकार में बनी अजीब सी चट्टान है जिसे टॉड रॉक के रूप में जाना जाता है। रॉक के ऊपर से चारों ओर का परिदृश्य देखने को मिलता है। दूर दूर से पर्यटक इस चट्टान को देखने के लिए आते हैं और अपने कैमरे में टॉड रॉक को कैद जरूर करते हैं।
गंतव्य तक पहुंचने के लिए करीब 200 से अधिक सीढ़ियों को चढ़कर पहुंच पाएंगे। दोस्तो और परिवार के साथ घूमने के लिए बहुत ही बढ़िया जगह है। टॉड रॉक घूमने के लिए बिलकुल मुफ्त है। नक्की झील से रास्ता लगा हुआ है। ट्रेकिंग के शौकीन है तो आपको बेहद आनंद की अनुभूति होगी। आधे से एक घंटे की चढ़ाई पर आप टॉड रॉक तक पहुंच जाएंगे।
2. हनीमून प्वाइंट (Honey moon Point Mount Abu Famous Tourist Places)
जैसा की नाम से ही ज्ञात होता है हनीमून प्वाइंट माउंट आबू में कपल्स के घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध डेस्टिनेशन है। पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित हनीमून प्वाइंट में शाम को बहती ठंडी हवा के बीच अपने जीवन साथी के साथ सुकून के पल व्यतीत कर सकते हैं साथ ही एक दूसरे के बारे में जान सकते है। हनीमून प्वाइंट सुबह 6:00 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है इस जगह का भ्रमण करने के लिए कोई टिकट नहीं लगता बिलकुल मुफ्त है।
3. नक्की झील (Nakki Lake Mount Abu City)
माउन्ट आबू में स्थित नक्की झील सबसे प्रसिद्ध मानव निर्मित झील है। शहर के बीचों बीच स्थित झील पर्यटकों के लिए उपहार है। झील अपने अदभुत चट्टान टॉड रॉक और नन रॉक की वजह से और प्रसिद्ध है। झील में मनोरंजन करने के लिए अनेकों साधन उपलब्ध हैं।
नाव की सवारी करते हुए झील की सुंदरता को देख पाएंगे। नाव की सवारी का आनंद लेते हुए मन को प्रफुल्लित कर देने वाली पहाड़ियां, शिलाएं और हरी भरी वादियां देखने को मिलती है। नेचर लवर्स के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नही है।
झील का भ्रमण करते हुए फ़ोटो शूट कर सकते हैं और अपने यादगार पलों को कैमरे में कैद कर सकते हैं। झील में ही पैसे देकर शानदार घुड़सवारी भी कर सकते हैं। नक्की झील में महात्मा गांधी की अस्थियों का कुछ अंश विसर्जित किया गया था जिस कारण बापू की याद में गांधी घाट का निर्माण किया गया। स्थानीय किवदंतियां है की नक्की झील का निर्माण हिंदू देवी देवताओं ने अपने नाखून से खोदकर झील को बनाया था।
4. ट्रेवर्स टैंक
ट्रेवर्स टैंक माउंट आबू से 5 किमी की दूरी पर स्थित है यह महत्वपूर्ण स्थल मगरमच्छ प्रजनन स्थल है। जहां पर आप मगरमच्छ और विभिन्न प्रजाति के खूबसूरत पक्षियों को देख सकते हैं। यह स्थान पिकनिक और फ़ोटो शूट के लिए सही है।
5. सनसेट प्वाइंट
सनसेट प्वाइंट माउंट आबू में शाम के वक्त घूमने के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। शाम के वक्त ढलते सूरज की सुंदरता को निहार सकते है। पहाड़ियों के बीच ढलते सूरज का दृश्य बहुत ही मनोरम होता है। सनसेट प्वाइंट में बहती शीतल हवा तन को रोमांचित कर देती हैं। यह खूबसूरत स्थल नक्की झील के पास स्थित है। सुबह के समय नक्की झील पर घूम सकते हैं और शाम के समय सनसेट प्वाइंट का आनंद उठा सकते हैं। शाम होते ही सनसेट का मजा उठाने के लिए पर्यटकों की भीड़ लगना शुरू हो जाती है।
6. दिलवाड़ा मंदिर
माउंट आबू में दिलवाड़ा मंदिर जैन समुदाय का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। जैन मंदिर सफेद संगमरमर द्वारा 11वी और 13वी शताब्दी के दौरान तेजपाल और वास्तुपाल शासकों द्वारा बनाई गई बेहतरीन कलाकृति का उदाहरण है। मंदिर की बनावट और वास्तुकला अद्वितीय है।
जैन धर्म के तीर्थकारों को समर्पित दिलवाड़ा जैन मंदिर 5 मंदिरो का अनोखा समूह है जो अपनी सुंदर बनावट और वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं। दिलवाड़ा मंदिर के पांच मंदिर है जिसमे पहला मंदिर है विमल शाही मंदिर जो जैन धर्म के तीर्थकर आदिनाथ को समर्पित है।
दूसरा मंदिर है लूना वसाही मंदिर यह मंदिर 1230 में बना नेमीनाथ को समर्पित है। तीसरा मंदिर जिसका नाम पित्तालहार मंदिर है यह प्रथम तीर्थकर ऋषभ देव को समर्पित है मंदिर का निर्माण अहमदाबाद के सुल्तान भीम शाह ने पांच धातु से निर्मित मूर्ति स्थापित की थी।
चौथा मंदिर पार्श्वनाथ मंदिर है जो भगवान पार्श्वनाथ जी को समर्पित है। पांचवा मंदिर महावीर स्वामी मंदिर है यह मंदिर 24 वे तीर्थकर स्वामी महावीर को समर्पित है। माउंट आबू की पहचान कहा जानें वाला दिलवाड़ा मंदिर शहर से 3 किलोमीटर दूर पर बना हुआ है।
7. अर्बुदा देवी मंदिर
अर्बुदा माता का मंदिर माउंट आबू में प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। माता अर्बुदा को नौ देवियों में से छठवीं देवी कात्यायनी का अवतार माना जाता है। माता अर्बुदा देवी पहाड़ की चोटी पर विराजमान है। माता के दर्शन करने के लिए 365 सीढ़ियों को चढ़ कर जाना पड़ता है।
माउंट आबू में माता अर्बुदा देवी सबसे शक्तिशाली देवी के रूप में पूजी जाती है। नवरात्रि पर्व पर माता के दर्शन करने के लिए लोगों की बहुत भीड़ उमड़ती है। माता अर्बुदा देवी का मंदिर भारत में स्थापित 51 शक्ति पीठों में से एक पत्थर की चट्टान द्वारा निर्मित रॉक कट मंदिरो का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है।
8. रघुनाथ मंदिर
रघुनाथ मंदिर माउंट आबू का सबसे प्राचीन भगवान राम जी का मंदिर है जिसकी स्थापना जगतगुरु रामानंदाचार्य ने की थी। मंदिर के लोकप्रिय होने का मुख्य कारण है की दुनियां का ऐसा इकलौता मंदिर है जहां भगवान राम मंदिर में अकेले विराजमान है उनके साथ उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित नही है।
लोगों का कहना है भगवान राम की मूर्ति पांच हज़ार साल से भी अधिक पुरानी है मूर्ति को किसी कारीगर ने नही बनाया बल्कि भगवान राम की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। रघुनाथ मंदिर के समीप ही रामकुंड स्थित है लोगो की मान्यता है की कुंड का पानी बहुत ही पवित्र है और उसमे औषधीय गुण पाएं जाते है। प्रत्येक वर्ष रामनवमी के दिन मंदिर में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्तो की भीड़ लगती है।
9. अचलेश्वर महादेव मंदिर
अचलेश्वर महादेव मंदिर माउंट आबू में स्थित दुनियां का अनोखा मंदिर है। मंदिर में भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है। यह मंदिर माउंट आबू से 10 किमी दूर अचलगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित है। अचलेश्वर महादेव मंदिर के समीप ही अचलगढ़ किला स्थित है। सावन और महाशिव रात्रि में भक्तो की लंबी लाइन लगती है। यदि अचलगढ़ दुर्ग को देखने के लिए जाते है तो भगवान शिव के दर्शन करके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
10. गुरु शिखर
अरावली पर्वत माला की श्रंखला पर स्थित सबसे ऊंचा पर्वत जिसे गुरु शिखर के नाम से जाना जाता है। शिखर की ऊंचाई समुद्र तल से करीब 1722 मीटर है। गुरु शिखर माउंट आबू शहर से महज 14 किमी की दूरी पर स्थित धार्मिक स्थल के साथ प्रकृति से भरपूर है। ट्रेकिंग का मजा लेते हुए गुरु शिखर पर्वत पर चढ़कर चारों ओर फैली सुंदरता को देख सकते हैं। शिखर पर भगवान विष्णु को समर्पित दत्तात्रेय का प्रसिद्ध मंदिर है।
11. माउंट आबू वन्य जीव अभयारण्य
माउंट आबू में स्थित वन्य जीव अभयारण्य 1960 में निर्मित पशु पक्षियों का निवास स्थल है। पहाड़ी क्षेत्र में स्थित वन्य जीव अभयारण्य का निर्माण 1960 में पशुओं के संरक्षण हेतु किया गया था जहां पर अनेक प्रजाति के पशु और पक्षियों को देखने का मौका प्राप्त होता है। यह पर्यटन स्थल पिकनिक की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। यदि आप घूमने के लिए जाते हैं। सांभर, चिंकारा, शेर, भालू, तेंदुआ, जंगली सुअर पशुओं को देख सकते हैं।
12. अचलगढ़ किला
अचलगढ़ किला माउंट आबू का प्राचीन ऐतिहासिक किला है। प्रसिद्ध किले का निर्माण परमार राजवंश के महान शासकों द्वारा करवाया गया था। अचलगढ़ किले की ख्याति माउंट आबू में सबसे ऊंचे किले के रूप में जग जाहिर है। किले के ऊपर से माउंट आबू का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है। किले की बेहतरीन वास्तुकला प्राचीन काल की कारीगरी को उजागर कर देती है। यह किला शहर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है।
माउन्ट आबू शहर में घूमने की जगह
- यूनिवर्सल शांति संग्रहालय
- ध्रुधिया जलप्रपात
- गौमुख मंदिर
- कुकरैल पार्क
- ऋषिकेश मंदिर
- ब्रह्माकुमारी पार्क
माउंट आबू घूमने का सही मौसम (Best Season To Visit Mount Abu)
माउंट आबू एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो हर मौसम में पर्यटकों को लुभाता है। माउंट आबू में आप साल के किसी भी मौसम में घूमने के लिए जा सकते हैं। लेकिन यदि घूमने लायक सबसे बढ़िया मौसम की बात करें तो सर्दियों में अक्टूबर से दिसंबर तक रहता है वही गर्मियों मे अप्रैल से जून तक का रहता है। हालांकि गर्मियों में यदि घूमने के लिए जाते है तो थोड़ा गर्मी का ऐहसास हो सकता है। दिसंबर और जून के महीने में माउंट आबू में उत्सव का आयोजन किया जाता है।
माउंट आबू कैसे जाएं
माउंट आबू घूमने जाने की सोच रहें हैं तो आपको ट्रेन, सड़क मार्ग और हवाई मार्ग द्वारा पहुंचने का साधन उपलब्ध हैं। माउंट आबू एक पहाड़ी शहर है पहुंचने के लिए कोई सीधा साधन उपलब्ध नही रहता है। लेकिन यदि आप अपने शहर से सीधा सड़क मार्ग द्वारा बस से जाना चाहते हैं तो सीधा माउंट आबू पहुंच जाएंगे।
ट्रेन से माउंट आबू कैसे पहुंचे
ट्रेन द्वारा माउंट आबू पहुंचने के लिए सबसे पास में ही आबू रोड़ पर रेलवे स्टेशन उपलब्ध है। आबू रोड़ रेलवे स्टेशन से माउंट आबू की दूरी महज 25 किमी की है। जयपुर, उदयपुर, दिल्ली, जोधपुर, अहमदाबाद से सीधा ट्रेन द्वारा जुड़ा हुआ है।
बस द्वारा माउंट आबू कैसे पहुंचे
बस से माउंट आबू जाने के लिए राजस्थान राज्य परिवहन का सहारा लिया जा सकता है। जयपुर, दिल्ली, से सीधा माउंट आबू के लिए बस मिल जाती है।
माउंट आबू हवाई जहाज से कैसे पहुंचे
माउंट आबू शहर में हवाई जहाज द्वारा पहुंचने के लिए सबसे नजदीक महाराणा प्रताप हवाई अड्डा उदयपुर में स्थित है। उदयपुर पहुंचकर सड़क मार्ग द्वारा माउंट आबू पहुंच सकते हैं। उदयपुर से माउंट आबू की दूरी 185 किमी है। बस, टैक्सी या जीप द्वारा 4 घंटे में माउंट आबू पहुंच जायेंगे। माउंट आबू गुजरात सीमा के सबसे नजदीक पड़ता है इसलिए आप अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचकर सड़क मार्ग द्वारा माउंट आबू पहुंच सकते हैं। अहमदाबाद से माउंट आबू 240 किमी की दूरी पर है जिसमे बस या ट्रेन मार्ग द्वारा महज 6 से 7 घंटे में आसानी से पहुंच सकते हैं।
माउंट आबू के नजदीक शहर
उदयपुर - 160 किमी
जयपुर - 498 किमी
अहमदाबाद - 240 किमी
माउंट आबू में रुकने की जगह
जैसा की आप जानते है माउंट आबू एक हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है। यदि आप माउंट आबू में घूमने के लिए जाते है तो ठहरने के लिए अनेकों होटल, धर्मशाला और लॉज उपलब्ध है। माउंट आबू में होटल आपको 500 से लेकर 1500 के बीच मिल जायेगा। यदि आपका बजट ज्यादा है तो रिसॉर्ट में आप ठहर सकते हैं। माउंट आबू में आपको रिसॉर्ट 2000 से 5000 तक में बेहतरीन सुविधाओं वाला मिल जायेगा।
माउंट आबू जैसे आप उतरेंगे आपको ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा जिधर आप नजर डालेंगे आपको होटल नजर आप जायेगा। नक्की झील के आसपास आपको बहुत से होटल मिल जायेंगे यदि आप माउंट आबू घूमने की योजना बना रहे हैं तो कोशिश करें की वीकेंड को छोड़कर अन्य दिनों में घूमने के लिए जाएं वीकेंड में होटल का किराया अन्य दिनों की अपेक्षा महंगा रहता है।
माउंट आबू कैसे घूमें
माउंट आबू में घूमने की योजना बना रहे हैं तो सप्ताह के अंतिम दिनों को छोड़कर किसी अन्य दिनों में घूमने के लिए जाएं वीकेंड में माउंट आबू पर्यटकों से भर जाता है जिस कारण बहुत भीड़ रहती है जिससे होटल और आने जाने का किराया महंगा रहता है।
माउंट आबू के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए सार्वजनिक बस, ऑटो रिक्शा और कैब चलती है। यदि आप ग्रुप में ट्रैवल कर रहें है तो ऑटो या कैब बुक करके माउंट आबू घूम सकते है। माउंट आबू के पर्यटन स्थलों में अच्छी तरह घूमने के लिए दो पहिया वाहन बाइक या स्कूटी किराए पर भी ले सकते हैं। बाइक या स्कूटी का किराया एक दिन के हिसाब से 300 से 400 रूपए रहता है बाकी बाइक किस तरह किराए पर ले रहे हैं उसके आधार पर किराया लगता है।
माउंट आबू घूमने का कितना खर्चा आएगा
माउंट आबू घूमने के लिए एक सस्ता शहर है। माउंट आबू में घूमने का खर्चा आपके रहने के दिनों के आधार पर निर्भर करता है। माउंट आबू के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए 2 से 3 दिनों की आवश्यता है इतने दिनों में अच्छे से माउंट आबू के पर्यटन स्थलों देख पाएंगे। वही खर्चे की बात की जाए तो माउंट आबू में घूमने के लिए 6000 से 8000 रूपए की जरूरत होगी। बाकी आपके आने जाने का खर्चा अलग से लग जायेगा।
FAQs
1. माउंट आबू का पुराना नाम क्या है?
2. क्या माउंट आबू में बर्फ गिरती है?
माउंट आबू में सर्दियों के मौसम में दिसंबर से जनवरी महीने के बीच बर्फ देखने को मिल जाती है।
3. माउंट आबू कहां स्थित है?
माउंट आबू राजस्थान राज्य में अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित सिरोही जिले का एक प्रमुख हिल स्टेशन है। यह शहर अपने सुखद मौसम और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
4. माउंट आबू की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?
माउंट आबू अरावली पर्वतमाला के बीच में स्थित है जिसकी सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर है। समुद्र तल से गुरु शिखर की ऊंचाई 1722 मीटर है। गुरु शिखर चोटी पर पहुंचकर माउंट आबू शानदार व्यू देखने को मिलता है।
5. माउंट आबू में क्या खास है?
भारत में माउंट आबू की पहचान हिल स्टेशन और जैन मंदिरों की वजह से है। माउंट आबू में स्थित दिलवाड़ा मंदिर माउंट आबू को खास बनाता है।