15+ नागपुर में घूमने की जगह | संतरों के बगीचों में घूमने का मजा ले
संतरों के लिए मशहूर नागपुर महाराष्ट्र का तीसरा सबसे बड़ा जिला है। घूमने के लिए नागपुर शहर में ऐतिहासिक धरोहर, राष्ट्रिय उद्यान, वन्य जीव अभयारण्य, झीलें, हरियाली से भरपूर संतरों के बाग और प्रसिद्ध मंदिर हैं। नागपुर में 11 से भी अधिक झीलें है। नागपुर को झीलों का शहर कहना कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। छुट्टियों के दिनों पर नागपुर घूमने का प्लान बना सकते हैं आपको लेख में बताएंगे की नागपुर में घूमने की जगह (Nagpur Me ghumne ki jagah) कौन सी हैं।
नागपुर में घूमने की जगह| Nagpur Me Ghumne Ki Jagah
नागपुर सिटी का परिचय
नागपुर शहर की स्थापना 1703 में गोंडा वंश के राजा बख्त बुलंद शाह ने की थी जिन्होंने देवगढ़ साम्राज्य पर शासन किया। इसके बाद 1739 के शुरुआत में मराठा साम्राज्य के राजाओं द्वारा शासन किया गया।
तत्पश्चात नागपुर भोसले राजाओं के अधीन हो गया। भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी स्थापित होने के बाद 19वी शताब्दी के दौरान अंग्रजों का आधिपत्य हो गया।
संतरे की नगरी के नाम से प्रसिद्ध नागपुर में पाए जाने वाले नाग नदी और नाग सांप के नाम पर ही नागपुर नाम पड़ा।
महाराष्ट्र राज्य का जिला नागपुर भारत का 13 सबसे बड़ा शहर है यह संतरों की खेती के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। नागपुर की जलवायु संतरों की खेती के लिए अनुकूल है। शहर में पहुंचते ही संतरों के बगीचे देखने को मिल जायेंगे। जहां पर संतरे की अनेक किस्म की खेती की जाती है।
नागपुर शहर में दोनों हिंदी भाषा और मराठी भाषा बोलने वाले लोगों है। सफाई और चारो तरह फैली हरियाली के कारण नागपुर भारत का दुसरा ग्रीनरी शहर है। नागपुर में अधिकतर सरकारी संस्था और कार्यालय होने के कारण आजादी के बाद महाराष्ट्र राज्य की उपराजधानी बनाया गया।
1. पोद्दारेश्वर मंदिर
पोद्दारेश्वर राम मंदिर हिंदुओ का धार्मिक मंदिर है। मंदिर के प्रति हिंदुओ की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। मंदिर का निर्माण राजस्थान के निवासी जमुनाधर पोद्दार के द्वारा 1923 में लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से करवाया गया था।
मंदिर का निर्माण बहुत ही सुंदर ढंग से किया गया है मंदिर के अंदर गर्भ गृह में भगवान राम और शंकर जी की मूर्ति स्थापित किया गया है। शिव रात्रि और रामनवमी के दिन मंदिर परिसर भक्तो से भर जाता है। दूर दूर से लोग दर्शन करने के लिए भारी संख्या में जाते है।
2. अंबाझारी झील (Ambaza Lake)
चारो ओर फैली सुन्दर हरियाली से घिरी अंबाझरी झील में घूमने के लिए लोगों का हुजूम लगता है। झील के किनारे स्थित छोटे बच्चों के खेलने लायक अनेकों झूले और पार्क बने हुए हैं। झील में बने फब्बारे मन को आनंदित कर देते है।
झील में नाव की सवारी का आनंद लेते हुए झील की सुंदरता को देख सकते हैं। झील की शोभा देखकर आपका मन मंत्र मुग्ध हो जायेगा नागपुर घूमने की योजना बनाई है तो अंबाझारी झील घूमने के लिए जरूर जाएं। झील की प्राकृतिक सुंदरता आपको निराश नहीं होने देगी।
3. गांधी सागर झील
गांधी सागर झील रमन वैज्ञानिक केंद्र के पास स्थित मानव निर्मित झील है। झील का निर्माण नागपुर के राजा चांद सुल्तान द्वारा पानी की कमी को पूरा करने के उद्वेश से करवाया गया था। नाग नदी की मुख्य धारा से झील का निर्माण किया गया था।
यह झील पर्यटकों के घूमने के लिए अच्छी है। झील को शुक्रवारी झील या जुम्मा तालाब के नाम से भी जाना जाता है। झील के बीच पर बना भगवान शिव का मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। झील पर मनोरंजन करने के लिए नाव की सवारी का आनंद उठा सकते हैं।
4. फुटुला झील
नागपुर मे फुटूला झील शहर से 5 किमी की दूरी पर ही है। यह झील चौपाटी रोड पर स्थित है झील के नजदीक भरत नगर बस स्टैंड है। फुटूला झील तक पहुंचने के लिए बस, ऑटो या टैक्सी की मदद से पहुंच सकते हैं। झील का निर्माण भोसले वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था।
फुटूला झील की सुंदरता अपने आप में अद्वितीय है। झील को स्थानीय रूप से तेलनखेड़ी झील के नाम से भी जाना जाता है। चारो तरफ सुंदरता बिखेरे हुए शाम को रोशनी मे झील की सुंदरता को देख सकते हैं। झील में घूमने के लिए शाम को लोगों की काफी भीड़ जमा होती है।
5. गोरेवाडा सफ़ारी (Gore wada Zoo)
गोरेवाड़ा सफारी नागपुर में पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में शामिल है। प्राकृति की गोद में बसा यह पर्यटन स्थल अनेक पशु और पक्षियों का निवास स्थल है। गोरेवाड़ा सफारी को बाला साहब ठाकरे के नाम से भी जाना जाता है।
परिवार के साथ घूमने के लिए बढ़िया जगहों में से एक है। लगभग 20 किमी के दायरे में फैले चिड़ियाघर में आपको देखने के लिए हिरण, बाघ, तेंदुआ, भालू, खरगोश, नीलगाय, सांभर, अजगर, चीता जैसे जानवरों की भरमार है। जानवरों के साथ ही गोरेवाड़ा सफारी में 200 से अधिक प्रजाति के अनेकों पक्षियों को देखने का मौका मिलता है।
6. तड़ोवा अंधारी टाइगर रिजर्व
तड़ोवा अंधारी टाइगर रिजर्व का निर्माण 1955 में बाघों को संरक्षित करने के उद्देश्य से निर्मित किया गया था। टाइगर रिजर्व नागपुर से 150 किमी दूर भद्रावती चंद्रपुर जिले में स्थित है। यह महाराष्ट्र राज्य का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। 625 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला यह टाइगर रिजर्व बाघों के आलावा अन्य जंगली जानवरों का निवास स्थल है।
सप्ताह में मंगलवार को छोड़कर सभी दिन खुला रहता है। जंगली सफारी का आनंद लेते हुए बाघों को देखा जा सकता है। यह पर्यटन स्थल पहाड़ी क्षेत्र में फैला शहर से दूर इलाके में स्थित है।
7. बालाजी मंदिर
सेमेनरी पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित हिंदुओ का प्रसिद्ध मंदिर है। भगवान वेंकटेश्वर विष्णु के अवतार माने जाते हैं। भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने के लिए भारी तादाद में श्रद्धालु आते है। बालाजी मंदिर में ही भगवान कार्तिकेयन की मूर्ति स्थापित है।
मंदिर में उत्तर भारत और दक्षिण भारत की वास्तुकला का मिला जुला रूप देखने को मिलता है मंदिर की भव्यता अद्वितीय है। भगवान वेंकटेश्वर जी के दर्शन करने के लिए यह मंदिर सुबह के 6 बजे से 11 बजे तक खुला रहता है वही शाम को 4 बजे से रात 8 बजे के बीच कभी भी दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। मंदिर में आयोजित किए जाने वाला झूला महोत्सव दर्शनीय है।
8. गणेश मंदिर टेकड़ी
नागपुर में टेकडी गणेश भगवान का प्रसिद्ध मंदिर है। गणपति बप्पा के दर्शन करने के लिए लोगों की लाइन लगती है। मंदिर में भगवान विष्णु और गणेश जी दोनों देवताओं की पूजा की जाती है। भगवान गणेश जी का मंदिर पीपल पेड़ के नीचे स्थित 250 सालों से अधिक पुराना मंदिर है।
मान्यता है की भगवान गणेश जी के दर्शन करने से सभी भक्तो की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन मंदिर परिसर भक्तो से लबालब भर जाता है। कहते हैं भगवान गणेश जी की मूर्ति किसी ने बनवाई नही थी बल्कि स्वयं गणपति बप्पा प्रकट हुए थे।
9. महालक्ष्मी जगदम्बा मंदिर कोराडी
नागपुर में महालक्ष्मी जगदम्बा मंदिर शहर से 14 किमी की दूर पहाड़ी की चोटी कोराडी नामक जगह पर स्थित है। मंदिर का निर्माण धौलपुर पत्थरो द्वारा किया गया है। जगत जननी मां जगदम्बा के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है। कहते है मां के एकमात्र दर्शन करने से भी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। मंदिर के गर्भ गृह में मां जगदम्बा स्वयं विराजमान है।
मूर्ति को देखने में ऐसा प्रतीत होता है की मूर्ति का स्वरूप दिन के हर पहर में बदलता नजर आता है। सुबह के पहर मूर्ति का स्वरूप बालिका जैसा लगता है और दोपहर में यौवन स्वरूप और शाम को बूढ़ी अवस्था जैसा रूप लगता है। मंदिर के कपाट सुबह 5 बजे रात्रि 9 बजे तक भक्तो के लिए खुले रहते है। हर साल नवरात्रि माता के दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ लगती है।
10. खेकरानाला
नागपुर में किसी शांति वाली जगह की तलाश में हैं तो खेकरानाला घूमने के लिए सबसे उत्तम जगहों की सूची में शुमार है। यह स्थान नागपुर शहर से 50 किमी दूर एकांत जगह पर स्थित। खेकरानाला एक खूबसूरत प्रसिद्ध बांध है जो पिकनिक स्पॉट के लिए उत्तम जगह है। चारो ओर फैली हरियाली आपका मन मोह लेगी। शहर की आवो हवा से दूर कुछ पल शांति से व्यतीत कर सकते हैं।
11. सीताबर्डी किला (Sitabardi Fort Nagpur)
दो पहाड़ियों के बीच स्थित प्राचीन सीताबर्डी किला पर्यटकों को काफ़ी पसंद आता है। किले का निर्माण एक अंग्रेज अधिकारी ने 1857 की क्रांति के दौरान करवाया था। आम लोगों द्वारा किले के विशेष हिस्से को देखने के लिए केवल राष्ट्रीय त्योहार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर खोला जाता है।
12. मरकड
मरकड का अपना धार्मिक महत्व है यह धार्मिक स्थल अनेक प्रसिद्ध मंदिरों से घिरा हुआ है। मंदिरो में दर्शन और वास्तुकला देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं।
13. दीक्षाभूमि (Deekshabhoomi)
रामदास मठ के निकट दीक्षाभूमि नागपुर में 120 फीट ऊंचाई पर बना बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। संविधान निर्माता बाबा साहेब के द्वारा 1956 में बौद्ध धर्म ग्रहण करने के उपलक्ष्य में बनवाया गया एशिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप आकर्षण का केंद्र है।
डॉ. भीम राव अंबेडकर जी के साथ ही 60000 से भी अधिक लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से बना यह बौद्ध स्तूप घूमने के हिसाब से और ध्यान योग करने के लिए सबसे सुंदर पर्यटन स्थलों में से एक है।
14. ड्रेगन पैलेस मंदिर (Dragon Palace Temple)
नागपुर में लोटस टेंपल के नाम से मशहूर ड्रेगन पैलेस मंदिर बौद्ध धर्म का पवित्र मंदिर है। मंदिर की स्थापना 1999 में जापान के ओगावा संप्रदाय द्वारा दान में दी गई धनराशि से की गई थी। मंदिर के अंदर भगवान बुद्ध की चंदन से निर्मित मूर्ति स्थापित की गई है। मूर्ति को कारीगरों द्वारा बारीकी से बनाया गया है। नागपुर मुख्य शहर से यह मंदिर 20 किमी की दूरी पर स्थित है। ड्रेगन पैलेस मंदिर भक्तो को बौद्ध जाप करते हुए ध्यान मुद्रा में देख सकते हैं।
15. जीरो माइल स्टोन (Zero Mile Stone)
जीरो माइल स्टोन ऐतिहासिक इमारत का निर्माण ब्रिटिश सरकार द्वारा 1907 में किया गया था। यह भारत का भौगोलिक केंद्र है। इसका उपयोग शहरों की दूरी नापने के लिए किया जाता था। भारत के मुख्य शहर दिल्ली, मुंबई कोलकाता और चेन्नई की दूरी जीरो माइल स्टोन से लगभग एक समान हैै। चार घोड़े और एक बलुआ पत्थर से निर्मित स्तंभ केंद्र बिंदु का कार्य करते हैं। यह स्थल नागपुर में गौरी शहीद मेमोरियल वर्धा रोड़ पर स्थित है।
नागपुर के अन्य दर्शनीय स्थल
- रामटेक का किला
- रमन वैज्ञानिक केंद्र
- लता मंगेशकर म्यूजिकल गार्डन
- अक्षरधाम मंदिर
- बोहरा मस्जिद
- गुलाबी गार्डन
नागपुर घूमने का सबसे अच्छा मौसम
नागपुर के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए किसी भी मौसम में जा सकते हैं। लेकिन नागपुर में घूमने के लिए सबसे सुखद मौसम सर्दियों में सितंबर से मार्च तक का रहता है। सर्दियों के मौसम में नागपुर में हल्की ठंडी रहती है जिस कारण घूमने में कोई दिक्कत नही होती है। वही गर्मियों के मौसम में नागपुर का तापमान 40 से 45 डिग्री तक चला जाता है जिस कारण नागपुर में काफी गर्मी पड़ती हैं जिससे घूमने लायक सुखद मौसम नही रहता।
नागपुर कैसे पहुंचे
ट्रेन से नागपुर पहुंचने का रस्ता
ट्रेन के द्वारा नागपुर पहुंचने के लिए सबसे निकट नागपुर रेलवे जंक्शन है। यह रेलवे स्टेशन शहर के बिलकुल बीचोबीच स्थित है। उत्तर भारत से दक्षिण भारत को जाने वाली अधिकांश रेल गाड़ियां नागपुर शहर से होकर गुजरती हैं। दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, भोपाल, अहमदाबाद, जैसे शहरों से सीधा नागपुर के लिए ट्रेन मिल जायेगी इसके अलावा मुंबई, पुणे, चेन्नई, बैंगलोर, तमिलनाडु, से भी नागपुर के लिए डायरेक्ट ट्रेन सुविधा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग द्वारा नागपुर कैसे पहुंचे
जैसा की आप जानते है नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। राष्ट्रिय राजमार्ग 53, राष्ट्रिय राजमार्ग 57, और राष्ट्रिय राजमार्ग 44, नागपुर को अन्य राज्यों से जोड़ता है। बस, कार, टैक्सी के द्वारा राष्ट्रिय राजमार्ग के रास्ते नागपुर पहुंचा जा सकता है। वैसे महाराष्ट्र राज्य परिवहन की राज्यकीय बसें पड़ोसी राज्यों तक संचालित की जाती हैं।
वायु मार्ग से नागपुर कैसे पहुंचे
नागपुर पहुंचने के लिए निकटतम डॉ. भीम राव अंबेडकर इंटरनेशनल हवाई अड्डा स्थित है यह सिटी सेंटर से 5 किमी पर दूर स्थित है। हवाई अड्डे का नाम संविधान निर्माता बाबा साहेब के नाम पर रखा गया। डॉ. भीम राव अंबेडकर हवाई अड्डे को सोनेगांव हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है। मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली से नागपुर के लिए रोजाना घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध रहती हैं।
FAQs
1. नागपुर की प्रसिद्ध चीज क्या है?
नागपुर की सबसे प्रसिद्ध चीज संतरे हैं जो पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। नागपुर के संतरे काफी मीठे और रसीले होते हैं। नागपुर में संतरे आपको हर दुकान, बाज़ार में मिल जायेंगे। साथ ही नागपुर रेलवे स्टेशन पर संतरे बेचने वाले लोगों की भरमार है।
2. नागपुर का नाम नागपुर क्यों रखा गया?
नागपुर का नामकरण नागपुर में बहने वाली नाग नदी और बहुतायत पाए जाने वाले नाग सांप के नाम पर रखा गया।
3. नागपुर किसकी राजधानी है?
भारत की आजादी के बाद 1960 के दशक तक नागपुर मध्य भारत की राजधानी था। और यह शहर महाराष्ट्र की उपराजधानी है।
4. जबलपुर से नागपुर कितने किलोमीटर है?
जबलपुर से नागपुर 270 किमी की दूरी पर स्थित है। NH-43, NH-53 और NH-57 से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से 6 से 7 घंटे में नागपुर पहुंचा जा सकता है।