30+ उदयपुर में घूमने की जगह : झीलों के शहर में घूमने लायक स्थान
अरावली पर्वतमाला के आंचल में बसा उदयपुर खुबसूरत झीलों से घिरा हुआ है। जिस वजह से उदयपुर को झीलों का शहर या पूर्व का वेनिस कहा जाता है। उदयपुर घूमने के लिहाज से एक खुबसूरत शहर है जो अपने शानदार किले, झील, मंदिर, नदियां, वन्य जीव अभयारण्य, महलों, सफेद घरों और संग्रहालय के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। राजस्थान राज्य का शहर उदयपुर अपनी समृद्ध संस्कृति और राजपूताना परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। लेख में उदयपुर में घूमने की जगह (Udaipur me ghumne ki jagah) से रूबरू करवाएंगे।
उदयपुर में देखने के लिए बहुत से संग्रहालय है जिसमे आप उदयपुर की संस्कृति और इतिहास का परिचय ले सकते हैं। इन संग्रहालय में बीते युग की महत्वपूर्ण चीजों को संभाल कर रखा गया है। उदयपुर के आकर्षण स्थलों का दौरा करने के लिए विदेशी नागरिक बड़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं। उदयपुर की खुबसूरत झीलों पर नाव की सवारी और ऊंट की सवारी साथ ही ट्रेकिंग का आनंद लेते हुए अपनी ट्रिप को यादगार बना सकते हैं। उदयपुर के पर्यटन स्थलों में बच्चों के मनोरंजन के लिए अनेक पार्क और झूले स्थित है।
उदयपुर में घूमने की जगह | Udaipur Me Ghumne Ki Jagah
1. सिटी पैलेस उदयपुर (City Palace Udaipur)
उदयपुर का सिटी पैलेस राजपूताना इतिहास का प्रतीक है। सिटी पैलेस को 1559 मे महाराज उदय मिर्जा सिंह द्वारा बनवाया गया था। समय के साथ साथ इस महल को अनेक राजाओं ने अपने शासन काल में बनवाया है। इस प्रकार यह पैलेस 400 साल की अवधि में बना भवनों का समूह है।
महल को बनाने का श्रेय 22 राजाओं को जाता है। महल में प्रवेश करने के लिए बड़ी पोल और त्रिपोलिया द्वार से अन्दर पहुंचा जा सकता है। सिटी पैलेस को खूबसूरत स्मारक के तौर पर जाना जाता है। मुख्य महल के अंदर अन्य 11 महल सिटी पैलेस की शोभा बढ़ाते नजर आते हैं।
1651 में इंडो आर्यन शैली में निर्मित महल के अंदर भगवान विष्णु को समर्पित जगदीश मंदिर है। इसके अलावा एक संग्रहालय बना हुआ हैं जिसमे प्राचीन मूर्तियां, शाही तलवार, चित्रकारी, भाले, शाही पोशाक को संग्रहित करके रखा गया है। सिटी पैलेस की बनावट और भव्य सुंदरता के कारण पर्यटक पैलेस को देखने के लिए खींचे चले आते हैं।
2. उदयपुर में घूमने की जगह पिछोला झील (Pichola Lake)
पिछोला झील उदयपुर के सबसे प्रमुख झीलों में से एक है। उदयपुर में यह झील मुख्य पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल है। पिछोली गांव के समीप झील होने के कारण इसे पिछोला कहा जाने लगा गया। पिछोला झील एक खूबसूरत क्रतिम झील है जिसे 1362 में उदयपुर के क्षेत्रीय लोगो के लिए पानी की खपत और खेतों में खिंचाई की जरूरत को पूरा करने के लिए पिछू चिड़ीमार बंजारे ने बनाया गया था।
विशाल क्षेत्र में फैली झील की सुंदरता के कारण महाराजा उदय सिंह ने उदयपुर शहर को झील के किनारे बसाया था। शाम के समय ढलते सूरत की रोशनी में पिछोला झील का मनोरम दृश्य देखने लायक रहता है। झील के मध्य में बना नटनी का चबूतरा देखने लायक है। झील में नाव की सवारी का आनंद उठा सकते हैं।
झील के मध्य दो द्वीपों पर बने जग निवास और जग मंदिर पिछोला झील के मुख्य आकर्षण का केंद्र है। जग निवास जिसे एक खुबसूरत लेक पैलेस पांच सितारा होटल के रूप में तब्दील कर दिया गया है। जग निवास पैलेस को 1746 में महाराजा जगत सिंह द्वितीय द्वारा ग्रीष्म काल में आराम करने के लिए बनवाया गया था।
महल में रंग बिरंगी लाइट और शानदार बरामदे, पानी के फब्बारे, और गार्डन महल की सुंदरता बढ़ाते हैं। कमल के तालाब और आम के पेड़ो की छाया में बना स्विमिंग पुल पर्यटकों के मौज मस्ती करने के लिए उत्तम जगह है।
जग मंदिर को गर्मियों के मौसम में उत्सवों की मेजबानी करने के लिए शाही परिवार द्वारा इस्तेमाल किया जाता था इस महल को राजा करण सिंह ने बनवाया था। इन दोनो महल में जाने के लिए नाव का उपयोग किया जाता है। यह दोनो महल राजस्थानी वास्तुशैली का अनोखा उदाहरण है।
3. सहेलियों की बाड़ी (Saheliyon Ki Bari Udaipur)
सहेलियों की बाड़ी को उदयपुर के मुख्य पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। यह खूबसूरत उद्यान एक राजा का अपनी रानी के प्रति प्यार का प्रतीक है। यह उदयपुर शहर से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। खूबसूरत स्थल का निर्माण महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय द्वारा शाही महिलाओं के सम्मान में बगीचे के रूप में निर्मित करवाया गया था।
निर्माण हो जाने के बाद महाराज ने अपनी रानी और उनकी सहेलियों को उपहार के रूप में दिया था। उद्यान के परिसर में बने पानी के फब्बारे, संग्रहालय, संगमरमर के बने हाथी, और कमल के कुंड मुख्य आकर्षण का केंद्र है। यह खूबसूरत स्थल फोटो ग्राफी के लिए बढ़िया स्थान है।
4. मोती मगरी (Moti Magri Udaipur)
मोती मगरी फतेहसागर के नजदीक एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है। शाही स्मारक को प्रताप स्मारक के नाम से भी जाना जाता है। यह स्मारक महाराणा प्रताप के वीर गाथाएं और उनके इतिहास को दर्शाता है। स्मारक की नीव महाराज भगवत सिंह मेवाड़ द्वारा की गई थी। बाद में स्मारक का निर्माण पूर्ण रूप से सार्वजनिक ट्रस्ट द्वारा पूरा करवाया गया था।
पर्यटन स्थल में सिसोदिया राजवंश के महा प्रतापी शासक महाराणा प्रताप की कांसे की बनी 11 फिट ऊंची मूर्ति स्थापित है। जिसमे महाराज महाराणा प्रताप अपने घोड़े चेतक पर सवार है। मूर्ति तक पहुंचने का रस्ता सुंदर बगीचों से होकर जाता है।
5. कपल्स की घूमने लायक जगह बाहुबली पहाड़ (Bahubali Hills)
बाहुबली हिल्स उदयपुर में युवाओं के घूमने लायक पसंदीदा जगहों में से एक है। यह हिल्स उदयपुर शहर से 15 किमी दूर बड़ी तालाब के नजदीक पहाड़ पर स्थित है। बाहुबली हिल्स फोटो शूट के लिए उत्तम जगहों में से एक है। बाहुबली पहाड़ पर ट्रेकिंग का मजा लेते हुए जा सकते हैं। पहाड़ पर पहुंच कर चारो ओर का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है।
6. उदयपुर की फतेह सागर झील : Fateh Sagar Lake
पहाड़ों की तलहटी और वन संपदा के बीच फैली फतेहसागर झील उदयपुर की सबसे खूबसूरत झीलों के लिए जानी जाती है। फतेहसागर झील का निर्माण 1678 में महाराणा फतेह सिंह द्वारा करवाया गया था। यह एक मानव निर्मित झील है जो उदयपुर की प्रमुख झील पिछोला झील से नहर द्वारा जुड़ी हुई है।
झील के बीच में स्थित सुंदर गार्डन झील की सुंदरता को बढ़ाते हैं। झील पर उदयपुर की सौर वेधशाला भी स्थित है। खूबसूरत पर्यटन स्थल का उद्घाटन ड्यूक ऑफ कनॉट ने किया था। इसलिए झील को कनॉट बांध के नाम से जाना जाता है।
7. वन्य जीव अभयारण्य सज्जनगढ़ (Sajjangarh Biological Park)
सज्जनगढ़ वन्य जीव अभयारण्य पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित एक घना जंगल है। इस वन्य जीव अभयारण्य को उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क के नाम से जाना जाता है। यह पार्क मानसून पैलेस के नजदीक स्थित है। उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 1987 में राजस्थान सरकार ने इस क्षेत्र को वन्य जीव संरक्षण के लिए घोषित कर दिया था।
वन्यजीव अभयारण्य समृद्ध स्वदेशी वनस्पतियों और कई तरह के स्थानीय जंगली जानवरों की 21 तरह की प्रजाति से भरा हुआ है। जिसमें चीता, शेर, लंगूर, तेंदुआ, सुअर, नील गाय, हिरण, सियार जैसे जानवरों की विविधता पाई जाती है। साथ की अनेक प्रजातियों के पक्षियों को देखा जा सकता है। यह वर्ष भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
8. जयसमंद वन्य जीव अभयारण्य (Jaisamand Wildlife Sanctuary)
जयसमंद वन्य जीव अभयारण्य का निर्माण 1957 में करवाया गया था। यह वन्य जीव अभयारण्य कई तरह के पशुओं और पक्षियों का निवास स्थल है। वन्य जीव अभयारण्य में बनी झील पानी में रहने जंतु जैसे मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुआ और मछलियां आदि बहुतायत देखने को मिलते हैं। जंगली जानवरों में हिरण, तेंदुआ, चीतल, लोमड़ी, लकड़बग्घा, आदि जानवरों को देख पाएंगे।
9. आहड़ संग्रहालय (Ahar Museum)
आहड़ संग्रहालय प्राचीन काल में उपयोग किए जाने वाले मिट्टी के बर्तनों का दुर्लभ संग्रहालय है। संग्रहालय में बीते युग के 1700 ई पूर्व के प्राचीन मिट्टी के बर्तनों को संभाल कर रखा गया है। इसके साथ ही अनेक अष्ट धातु की मूर्तियों को संग्रहित करके रखा गया है। संग्रहालय में मुख्य आकर्षण का केंद्र 10वी शताब्दी की पुरानी भगवान बुद्ध की धातु से बनी मूर्ति है।
10. बागौर की हवेली (Bagore ki Haveli)
बागौर की हवेली का निर्माण मेवाड़ के महाराजा अमर चंद्र बड़वा की देखरेख में 1781 में पूर्ण हुआ था। हवेली को बनने में 30 साल का वक्त लगा था। हवेली में शाही परिवार के अलावा अन्य व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित था। लेकिन बाद में आप लोगो के लिए पर्यटक स्थल के रूप में खोल दिया गया था।
हवेली में मूल्यवान वस्तुओं को सुरक्षित रखने के लिए तहखाना बनाया गया था। हवेली में उदयपुर के राजाओं की प्रतिमा स्थापित किया था। हवेली के अन्दर आपको सबसे बड़ी पगड़ी देखने को मिलेगी। बागौर की हवेली में 7 बजे से शाम को होने वाले सांस्कृतिक राजस्थानी लोक नृत्य देखने लायक है। राजस्थानी संगीत मन को प्रफुल्लित कर देता है। हवेली में जाने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
उदयपुर के अन्य दर्शनीय स्थल (Udaipur Tourist Places List in Hindi)
- मेनार
- राजसमंद झील
- उदय सागर झील
- नाथद्वारा
- कुंभलगढ़
- कांकरोली
- हल्दीघाटी
- सांवरिया जी मंदिर
- चित्तौड़गढ़
- दूध तलाई
- सुखाड़िया सर्कल
- गुलाब बाग
- शिल्पग्राम
- माणिक्य लाल वर्मा पार्क या मछला मगरा
- भारतीय लोक कला मंडल
- उदय सागर झील
- नव लखा महल
- सहस्त्र बाहु मंदिर
- वैक्स संग्रहालय
- उदयपुर मछली घर
- वेंटेज कार कलेक्शन
- नागदा
- बड़ी झील
- आहड़ शाही समाधि स्थल
उदयपुर के त्योहार और मेले (Famous Festival in Udaipur)
- जल झूलनी एकादशी का त्योहार
- उदयपुर की प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा
- गण गौर उत्सव
- बसंत का मेवाड़ महोत्सव
- सावन माह में मनाए जाने वाला त्योहार हरियाली अमावस्या
- शिल्प ग्राम उत्सव
उदयपुर घूमने का सही मौसम | Best Season To Visit Udaipur
उदयपुर घूमने की योजना बना रहे है तो उदयपुर घूमने का सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से मार्च के बीच में रहता हैं। इन महीनों के बीच उदयपुर का मौसम पर्यटकों के घूमने हेतु सुखद मौसम रहता है। अप्रैल से जून के महीनों में उदयपुर रेगिस्तानी इलाका होने के कारण गर्मी चरम सीमा पर पड़ती है। गर्मी में उदयपुर का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। जिस कारण गर्मी के मौसम में घूमने पर उमस और पसीने से परेशानी सहन करनी पड़ेगी।
उदयपुर कैसे पहुंचे (How To Reach Udaipur)
उदयपुर ट्रेन से कैसे पहुंचे
यदि आप उदयपुर का सफर ट्रेन के रास्ते करना चाहते हैं तो उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन स्थित है। ट्रेन मार्ग द्वारा दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, अलवर, जैसे शहरों से पहुंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन से 500 मीटर की दूरी पर बस स्टैंड भी है। रेलवे स्टेशन पहुंचकर आसपास जाने के लिए स्टेशन के बाहर बहुत से ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा, कैब ड्राइवर मिल जायेंगे।
हवाई जहाज से उदयपुर कैसे जाएं
हवाई जहाज से उदयपुर पहुंचने के लिए सबसे पास में उदयपुर हवाई अड्डा बना हुआ है जिसे महाराणा प्रताप हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता है। यह एयरपोर्ट उदयपुर शहर से 20 किमी की दूरी पर डबोक नामक जगह पर स्थित है।
राजस्थानी की राजधानी जयपुर से रोजाना फ्लाईट का आवागमन होता रहता है। जिनसे इंडिगो एयरलाइंस, स्पाइसजेट, एयर इंडिया जैसे विमान घरेलू सेवाएं उपलब्ध हैं। बैंगलोर, भोपाल, औरंगाबाद, सूरत, जोधपुर, दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में स्थित एयरपोर्ट से घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग से उदयपुर की ट्रिप
उदयपुर सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए आप अपने नज़दीक शहर से निजी वाहन द्वारा जा सकते हैं। यदि आप दूर शहर से है तो उदयपुर पहुंचने के लिए सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। सार्वजनिक के तौर पर राजस्थान राज्य परिवहन की बस पड़ोसी राज्यों तक संचालित की जाती हैं।
इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, से प्राइवेट बस जाती रहती है। दिल्ली से बस द्वारा 14 घंटे की यात्रा करके उदयपुर पहुंच सकते हैं। उदयपुर शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्थित है जिसमे सड़के चिकनी बनी हुई है जो सफ़र को आरामदायक बनाती है।
उदयपुर में रुकने के लिए होटल
उदयपुर में रुकने के लिए होटल और रिसॉर्ट बड़ी संख्या में मिल जायेंगे। उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन के पास ही उदय पोल इलाक़े में बहुत से होटल बने हुए है। जिनमें ठहरने का किराया बिलकुल नॉर्मल रहता है। उदयपुर में बहुत से शाही होटल भी है यदि आपका बजट ज्यादा है तो शाही होटल में ठहर सकते हैं।
FAQs
1. उदयपुर को सफेद शहर क्यों कहा जाता है?
उदयपुर को सफेद शहर इसलिए कहा जाता है क्योंकि उदयपुर के अधिकतर भवन सफेद संगमरमर से बने हुए है।
2. क्या उदयपुर घूमने लायक है?
उदयपुर निसंदेह राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल है। उदयपुर में घूमने लायक झील, मंदिर, संग्रहालय, वन्य जीव अभयारण्य, प्रसिद्ध किले मुख्य रूप से लोकप्रिय है।
3. उदयपुर को किसने बसाया था?
उदयपुर शहर को सिसोदिया राजवंश के शासक महाराज उदय सिंह ने 1558 में बसाया था। उदयपुर सिसोदिया राजवंश के शासक काल में मेवाड़ की राजधानी था।
4. उदयपुर का प्राचीन नाम क्या था?
उदयपुर का प्राचीन नाम शिवी था। चारो ओर खूबसूरत झीलों से घिरा होने के कारण इसे झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।