11+ ऋषिकेश में घूमने की जगह : योग नगरी के धार्मिक और मनोरंजन स्थल
ऋषिकेश, ऋषियों का धाम भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित हिंदुओ का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बहुत ही पवित्र धाम माना जाता है। झर झर बहती गंगा नदी के तट पर बसा ऋषिकेश तपस्वियों की भूमि और पावन गंगा नदी की पवित्रता के कारण पूरे भारत से लोग तीर्थ यात्रा करने के लिए जाते है और गंगा नदी में स्नान करके अपने पापों से मुक्त होने की कामना करते हैं। ऋषिकेश अपने धार्मिक स्थलों के साथ साथ मनोरंजन स्थल के रूप में भी काफी लोकप्रिय हैं। लेख में आपको जानकारी देंगे की ऋषिकेश में घूमने की जगह (Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah) कौन कौन सी हैं। जहां पर आप कम बजट में ऋषिकेश के धार्मिक और पर्यटन स्थलों का भ्रमण अच्छी तरह कर सकें।
ऋषिकेश को दुनियां में योग नगरी के नाम से भी जाना जाता है जहां प्राचीन काल में साधु संत योग किया करते थे। अध्यात्म और शांति की तलाश में देश विदेश से बड़ी संख्या में लोग जाते है। यदि आप अध्यात्म और योग में रुचि रखते हैं तो ऋषिकेश में ऐसे बहुत से आश्रम है जहा पहुंचकर आप अध्यात्म और योग की दीक्षा ले सकते हैं।
योग नगरी में आपको देखने के लिए प्रकृति से भरपूर नजारों के साथ साथ बड़ी संख्या में धार्मिक स्थल को देखने का मौका मिलेगा। ऋषिकेश को यमनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने का प्रवेश द्वार माना जाता है। ऋषिकेश में स्थित गढ़वाल को हिमालय का प्रवेश द्वार माना जाता है।
ऋषिकेश की पावन धाम की की यात्रा करना चाहते है तो इस लेख को पूरा पढ़कर ऋषिकेश में घूमने की जगह के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल कर लिजिए ताकि ऋषिकेश घूमने पर किसी भी परेशानी का सामना नही करना पड़े।
ऋषिकेश में घूमने की जगह | Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah
1. त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का दर्शनीय स्थल (Triveni Ghat Rishikesh)
त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में गंगा के किनारे स्थित सबसे पवित्र घाटों में से एक है। यह घाट गंगा, यमुना, और सरस्वती तीनों पवित्र नदियों का संगम है। त्रिवेणी घाट का निर्माण 1748 में पेशवा बाजीराव द्वारा बनवाया गया था। पवित्र घाट पर सालो से चली आ रही परंपरा के अंर्तगत माता गंगा की शाम को प्रतिदिन होने वाली आरती दर्शनीय है। गंगा आरती शाम को 0630 से शुरू होती है बाकी सीजन के हिसाब से समय में बदलाव किया जाता रहता है। गंगा आरती के बाद जलते दीपक को नदी की जलधारा में प्रवाहित किया जाता है जिसका दृश्य सौंदर्य से परिपूर्ण होता है।
त्रिवेणी घाट पर गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए भारत के कोने कोने से श्रद्धालु तीर्थ दर्शन करने के लिए जाते है। श्रद्धालुओं की मान्यता है की गंगा नदी में डुबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। लोग गंगा में डुबकी लगाकर मंगल कामना की आग्रह करते है। ऋषिकेश की यात्रा पर गए हैं तो प्रातः काल गंगा मईया में डुबकी जरूर लगाएं।
2. ऋषिकुंड रघुनाथ मंदिर ऋषिकेश उत्तराखंड (Rishikund Rishikesh)
ऋषिकुंड रघुनाथ मंदिर में त्रिवेणी घाट के नजदीक एक बहुत ही पवित्र कुंड है। यह कुंड 500 साल से भी अधिक पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कुंड का निर्माण ऋषि कुब्ज ने किया था। और इसी कुंड में तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा जी कुंड में दर्शन दिए थे। ऋषिकुंड का जल हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में भी गर्म बना रहता है। कहा जाता है इस कुंड में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का जल सम्मानित रहता है।
3. लक्ष्मण झूला (Laxman Jhula Rishikesh)
अंग्रेजो द्वारा 1930 में निर्मित लक्ष्मण झूला ऋषिकेश में सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। 450 फीट लंबा झूला गंगा नदी के ऊपर बना टिहरी गढ़वाल और पोड़ी गढ़वाल को आपस में जोड़ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस स्थान पर भगवान लक्ष्मण जी ने जूट का पुल बनाया था। लक्ष्मण झूला त्रयंबकेश्वर मंदिर या तेरह मंजिला मंदिर के बिलकुल ठीक सामने बना हुआ है।
लक्ष्मण झूला के पास में भगवान लक्ष्मण और रघुनाथ जी का मंदिर बना हुआ है। लक्ष्मण झूला के ऊपर से बहती शीतल हवा का आनंद लेते हुए आसपास के सुंदर नजारे देख सकते हैं। सेल्फी लवर के लिए लक्ष्मण झूला अत्यधिक फेमस स्थान है। झूले के बीच में खड़े होकर अपने यादगार पल को कैमरे में कैद कर सकते हैं। हालांकि लक्ष्मण झूला काफी पुराना होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है।
4. नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple)
मानिकूट पर्वत पर स्थित भगवान नीलकंठ महादेव मंदिर का अति प्राचीन मंदिर है जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है यह वही जगह है जहां समुद्र मंथन से विष निकलने के बाद भगवान शिव ने विष को पिया था और उनका गला नीला हो गया था। इसी कारण मंदिर को नीलकंठ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर तीनों ओर से मानिकूट, ब्रह्मकूट और विष्णुकूट पर्वतों से घिरा हुआ है। भगवान महादेव के दर्शन करने के लिए सुबह 6 बजे के पहले जाना चाहिए नही तो भक्तो की काफी भीड़ जमा हो जाती है जिससे दर्शन करने में बहुत समय लग जाता है। जल्दी पहुंचने से आप सुबह की आरती में शामिल हो सकते हैं।
5. स्वर्ग आश्रम (Swarg Ashram Rishikesh)
भारत के सबसे प्राचीन आश्रमों में शामिल 'स्वर्ग आश्रम' लक्ष्मण झूला और राम झूला के बीच में स्थित है। आश्रम का निर्माण स्वामी विशुद्धानंद ने करवाया था। आश्रम में योग और अध्यात्म से जुड़ी जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं। स्वर्ग आश्रम में साधु संत भक्ति में लीन और चारो ओर धार्मिक स्थल देखने को मिल जायेंगे। नाम के अनुसार ही स्वर्ग आश्रम पहुंच कर स्वर्ग की अनुभूति होती है।
6. भरत मंदिर (Rishikesh Bharat Mandir)
भरत मंदिर ऋषिकेश के बिलकुल बीचों बीच स्थित एक धार्मिक स्थल है जो रेलवे स्टेशन से महज 2 किलोमीटर दूर और ऋषिकेश बस स्टैंड से एक किमी की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है भरत मंदिर का निर्माण 12वी शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने करवाया था।
मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान है। भगवान राम के छोटे भाई भरत को समर्पित मंदिर परिसर में 250 सालों से अधिक पुराना बट वृक्ष स्थित है। बट वृक्ष श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए पूजनीय है।
रभ्या ऋषि और सोम ऋषि की कठोर तपस्या के बाद भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर माया रूप दर्शन इसी स्थान पर दिए थे। साल के पंचमी और महाशिव रात्रि के पावन अवसर पर मंदिर में भक्तो का तांता लगता है। मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए सुबह 5 बजे से 12 बजे के बीच जा सकते हैं या फिर शाम को 5 बजे से 9 बजे के बीच जा सकते हैं। मंदिर में प्रवेश शुल्क निशुल्क है।
7. वशिष्ठ गुफ़ा (Vashishtha Gufa)
वशिष्ठ गुफ़ा ऋषिकेश में 3000 साल पुरानी 60 फिट गहरी प्राकृतिक गुफा है जो ऋषिकेश शहर से 20 किमी दूर बद्रीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर बनी हुई है। गुफ़ा में बहुत से साधु संत को ध्यान की मुद्रा में देख सकते हैं। वशिष्ठ गुफ़ा में ही वशिष्ठ ऋषि ने ध्यान लगाया था।
महा ऋषि वशिष्ठ सप्तऋषि और भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र माने जाते है। यह गुफा गंगा नदी के तट पर स्वामी पुरुषोत्तम नंद आश्रम में स्थित है। जो लोग योग साधना में रुचि रखते हैं उनके लिए यह स्थान रमणीय है। यह गुफा श्रद्धालुओ के लिए सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक खुला रहती है और 3 बजे से 6 बजे तक खुला रहती है।
8. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, ऋषिकेश (Rajaji National Park)
राजाजी नेशनल पार्क ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से 17 किमी की दूरी पर स्थित है। राष्ट्रिय उद्यान में पशुओं और पक्षियों की अनेक प्रजातियों को देखने का अवसर प्राप्त होता है। सफारी का आनंद लेते हुए हुए जंगली जानवर जैसे शेर, चीता, तेंदुआ, भालू, हिरन, हाथी को करीब से देख सकते हैं।
9. शिवपुरी (Jumping Heights Rishikesh)
ऋषिकेश की वादियों में सहासिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए शिवपुरी किसी स्वर्ग के समान है। यदि आपको एडवेंचर करने का मन है तो जंपिंग हाइट्स और रिवर राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं। नदी की बहती जल धारा में रिवर राफ्टिंग करने का अलग ही अनुभव प्राप्त होता है। गंगा नदी की जल धारा में कयाकिंग भी करने के लिए सही रहता है।जंपिंग हाइट में रस्सियों से बांध कर ऊपर से छलांग लगा सकते है। जंपिंग हाइट्स 83 मीटर ऊंची एडवेंचर स्पॉट है यह थ्रिल ऐक्टिविटी करने के लिए मशहूर स्थान है। बंजी जंपिंग और तरह तरह की एडवेंचर एक्टिविटी करने के लिए शिवपुरी में निर्मित एडवेंचर पार्क Thrill Factory में जा सकते हैं। जिन्हे ऊंचाई से डर लगता है उन्हे बंजी जंपिंग नही करना चाहिए।
10. परमार्थ निकेतन आश्रम ( Parmarth Niketan Ashram)
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश का सबसे बड़ा और प्रमुख आश्रम है। आश्रम में भक्तों और श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 1000 से अधिक करने बनाएं गए हैं। गंगा नदी के किनारे स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के घाट के ठीक सामने गंगा नदी की जल धारा के बीच में बनी 14 फिट ऊंची भगवान शिव की बैठे हुए ध्यान मुद्रा में विराजमान मूर्ति को देखने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इसके अलावा धर्म और अध्यात्म को समर्पित इस आश्रम में योगा, सतसंग, कीर्तन, प्रवचन में शामिल होकर ऋषिकेश की यात्रा को सफल बना सकते हैं।
11. नीरगढ़ वाटरफॉल ऋषिकेश (Neergarh waterfall)
नीरगढ़ वाटर फॉल ऋषिकेश बस स्टैंड से 9 किमी की दूरी पर पहाड़ियों की गोद में स्थित है। खूबसूरत जलप्रपात का नजारा देखने के लिए बस स्टैंड से ऑटो रिक्शा के माध्यम से पहुंच सकते हैं। 25 फुट ऊंचाई से गिरते नीरगढ़ वाटरफॉल का निर्माण तीन वाटरफॉल को मिलकर बना हुआ है।
जलप्रपात तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर 10 मिनट की ट्रेकिंग करते हुए सुन्दर वाटरफॉल तक पहुंच सकते हैं। वाटर फॉल में घूमने का नजारा देखने का सबसे अच्छा समय बरसात के मौसम के बाद का रहता है। बरसात होने के बाद जलप्रपात में पानी का बहाव बहुत ही तेज रहता है।
नीरगढ़ जलप्रपात एक पिकनिक स्पॉट के रूप में भी खूब लोकप्रिय है।यदि आप इस वाटरफॉल में घूमने जाते है तो अपने साथ कुछ कपड़े लेकर जा सकते हैं। क्योंकि बहते पानी का नज़ारा देख कर अपका मन पानी में नहाने का जरूर करेगा साथ ही अपने साथ कुछ खाने पीने का सामान और पानी की बॉटल लेकर जरूर जाए।
अन्य ऋषिकेश में घूमने की जगह की सूची (Reshikesh Tourist Places List in Hindi)
- राम झूला
- जानकी झूला
- त्रयंबकेश्वर मंदिर या तेरह मंजिला मंदिर
- बीटल आश्रम
- मधुबन आश्रम
- निर्मल आश्रम
- वीरभद्र टेंपल
- कैलाश निकेतन
- कौड़ियाल बीच
- मोहन चट्टी
- गीता मंदिर
दोस्तो के साथ ऋषिकेश में घूमने की जगह
- रिवर राफ्टिंग
- नीर गढ़ जलप्रपात
- जंपिंग हाइट्स
- चोटी वाला रेस्टोरेंट
- हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा
- कौड़ियाल बीच
ऋषिकेश में करने के लिए एडवेंचर एक्टिविटी
- रिवर राफ्टिंग
- ट्रेकिंग
- बंजी जंपिंग
- कैंपिंग
- रैपलिंग
- क्लिप जंपिंग
- कायकिंग
ऋषिकेश कब जाना चाहिए (Best Time To Visit Rishikesh)
ऋषिकेश घूमने जाने के लिए साल के किसी भी मौसम में जा सकते हैं। साल भर ऋषिकेश शहर घूमने गए पर्यटकों की मेजबानी करता है। लेकिन यदि आप अलग से समय निकाल सकते है तो ऋषिकेश की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर महीने से लेकर मार्च महीने तक रहता है। इन महीने में ऋषिकेश में पर्यटकों के घूमने लायक मौसम अनुकूल रहता है।
जिन लोगों को ऋषिकेश में रीवर राफ्टिंग करना चाहते है उन्हे मानसून सीजन में नही जाना चाहिए क्योंकि मानसून में नदी का जल स्तर बढ़ जाता है इस कारण रिवर राफ्टिंग करने की पाबंदी रहती है। अगर सर्दियों के मौसम में ऋषिकेश की यात्रा कर रहे हैं तो पहनने के लिए अच्छे गर्म कपड़े लेकर जाएं। क्योंकि सर्दियों में ऋषिकेश में काफी ज्यादा ठंडी पड़ती है।
ऋषिकेश कैसे पहुंचे (How To Reach Rishikesh)
योग नगरी ऋषिकेश की यात्रा करने के लिए आप वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग में से अपनी सुविधानुसार किसी एक का चुनाव कर सकते हैं। तीनों मार्ग के द्वारा ऋषिकेश पहुंचने के माध्यम उपलब्ध हैं।
वायु मार्ग
वायु मार्ग के द्वारा ऋषिकेश की यात्रा करना चाहते है तो हवाई जहाज द्वारा ऋषिकेश पहुंचने के लिए सबसे निकटतम देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। यह एयरपोर्ट ऋषिकेश से 45 किमी की दूरी पर स्थित है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रोजाना नियमित रूप से इंडिगो और स्पाइसजेट की घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध रहती हैं जो आपको ऋषिकेश 45 मिनट में पहुंचा देती हैं। एयरपोर्ट पहुंचकर टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बस के माध्यम से आसानी से ऋषिकेश पहुंच सकते है।
रेल मार्ग
यदि ऋषिकेश ट्रेन से सफर करना चाहते हैं शहर में ही "ऋषिकेश रेलवे स्टेशन" मौजूद है। आप अपने शहर से सीधा ऋषिकेश के लिए ट्रेन टिकट बुक करके ट्रेन पर सफर करके पहुंच सकते हैं। अगर आपके शहर से ट्रेन का कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता है तो उसके लिए देहरादून रेलवे स्टेशन पहुंचकर ऋषिकेश पहुंचा जा सकता है। या फिर हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुंचकर सड़क मार्ग से बस द्वारा ऋषिकेश पहुंच सकते हैं। हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी 22 किमी है। बस द्वारा 30 से 45 मिनट में पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग
ऋषिकेश सड़क मार्ग के रास्ते अपने निजी वाहन या सार्वजनिक वाहन से जा सकते हैं। चंडीगढ़ शहर से ऋषिकेश के लिए नियमित रूप से बस चलती रहती हैं। या फिर दिल्ली के कश्मीरी गेट आईएसबीटी से ऋषिकेश के लिए रोजाना बसों का संचालन किया जाता है।
उत्तराखंड और दिल्ली राज्य परिवहन की बसे नियमित रूप से ऋषिकेश और उत्तराखंड राज्य के अनेक शहरों में आवागमन को सफल बनाती रहती है। दिल्ली से ऋषिकेश की दूरी 240 किमी है यह दूरी आप 5 घंटे के सफर में पूरा कर सकते हैं। निजी वाहन द्वारा ऋषिकेश पहुंचने के लिए दो रास्ते है। पहला राष्ट्रिय राजमार्ग 9 से दिल्ली, हापुड़, हरिद्वार के रास्ते पहुंच सकते हैं।
इस मार्ग से पहुंचने में आपको 5 से 6 घंटे का समय लग जायेगा। NH 9 के रास्ते यह दूरी 236 किमी की है। और यदि आप दूसरे रास्ते का चुनाव करते है तो राष्ट्रीय राजमार्ग 334 है। मेरठ, मुज्जफर नगर, रुड़की, हरिद्वार के रास्ते 6 घंटे में पहुंच सकते हैं।
ऋषिकेश में रुकने की सुविधा (Best Place To Stay in Rishikesh)
ऋषिकेश की यात्रा पर जा रहे है तो आपको ठहरने से संबंधित किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नही है। ऋषिकेश में रुकने के लिए कम बजट से महंगे बजट में होटल, रिजॉर्ट और बहुत सारी धर्मशाला बनी हुई है। आप चाहें पहले से ही ऑनलाइन होटल बुक कर सकते हैं या फिर ऋषिकेश पहुंचकर होटल ले सकते हैं। होटल खोजने के लिए आपको परेशान नहीं होना पड़ेगा। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन उतरते ही आपको बहुत से होटल मिल जायेंगे।
इसके अलावा गीता भवन, परमार्थ निकेतन आश्रम, स्वर्ग आश्रम में ठहरने के लिए रूम मिल जायेगा। इसके अलावा आप कैंपिंग करना चाहें तो कम बजट में आसानी से कर सकते हैं। ऋषिकेश तपोभूमि होने के कारण यहां देवी देवताओं का महत्वपूर्ण स्थान है इसी कारण यहां पर खाने के लिए आपको शुद्ध शाकाहारी भोजन मिल जायेगा।
ऋषिकेश नगरी कैसे घूमे (How To Explore Rishikesh)
ऋषिकेश में घूमने के लिए आपको कम से कम 3 दिन का प्लान बनाना चाहिए। ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस का भ्रमण करने के लिए आप स्कूटी या बाइक किराए पर ले सकते हैं। स्कूटी या बाइक आपको किराए पर 400 से 500 रुपए की रेट में मिल जायेंगी। दो पहिया वाहन किराए पर लेने के लिए आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस और आपको कोई वैलिड पहचान पत्र होना चाहिए।
अगर आप वाहन किराए पर लेते है तो वाहन को अच्छी तरह जांच कर ले हो सके तो दो पहिया वाहन का विडियो बना ले ताकि बाद में वाहन के डैमेज होने का क्लेम न सहना पड़े। इसके अलावा ऋषिकेश में आप ऑटो शेयरिंग करके घूम सकते है।
योग नगरी ऋषिकेश के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न - FAQ on Rishikesh Me Ghumne Ki Jagah
1. ऋषिकेश में घूमने का क्या क्या है?
ऋषिकेश में घूमने के लिए अनेक प्राचीन आश्रम और मंदिर स्थित है। ऋषिकेश को ऋषियों मुनियों की तप स्थली के नाम से जाना जाता है। योग नगरी के नाम से विश्व प्रसिद्ध ऋषिकेश में धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने के साथ अनेक पर्यटन स्थल है जिसमे आप एडवेंचर एक्टिविटी का मजा ले सकते हैं।
2. ऋषिकेश से हरिद्वार की दूरी?
ऋषिकेश से हरिद्वार की दूरी करीब 25 किमी की है? 40 से 45 मिनट में ऋषिकेश से हरिद्वार पहुंच सकते हैं।
3. ऋषिकेश का पुराना नाम क्या है?
ऋषिकेश का प्राचीन नाम कुब्जामृक है।
4. ऋषिकेश कहा है?
ऋषिकेश भारत में उत्तराखंड राज्य के संथाल जगह पर स्थित एक तीर्थ स्थल है। हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए आते हैं और आसपास के मंदिरो और पर्यटन स्थलों का भ्रमण करके अपनी यात्रा को सफल बनाने का कार्य करते है।
5. ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस
- रिवर राफ्टिंग
- जंपिंग हाइट्स
- राजाजी नेशनल पार्क
- नीर गढ़ वॉटरफॉल
- कौड़ियाल बीच