तिरुपति में घूमने की जगह : तिरुपति बालाजी संपूर्ण यात्रा विवरण
भारत के सबसे समृद्ध मंदिरो की सूची में शामिल तिरुपति बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर आंध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले की तिरुपति नामक जगह पर स्थित है। तिरुपति बालाजी साक्षात भगवान विष्णु के रूप में तिरूपति से 26 किमी दूर तिरुमलय पर्वत पर विराजमान है जिन्हे भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के नाम से जाना जाता है। तिरूपति बालाजी हिंदुओ के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार है। आगे आपको तिरुपति में घूमने की जगह (Tirupati Me Ghumne Ki Jagah) और तिरुपति बालाजी की यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी देंगे।
Tirupati Balaji Mandir में विदेशों से भी लोग आकर दर्शन करते हैं और चढ़ावा चढ़ाते हैं। बड़े बड़े नेता, उद्योगपति, फिल्मी सितारे तिरूपति बालाजी धाम पहुंच कर भगवान के गुण गाते है और दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की मन्नत मांगते हैं।
तिरुपति बालाजी धाम में दर्शन करने के बाद तिरुपति के आसपास अनेकों धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल मौजूद हैं भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने के बाद बचे समय पर अन्य मंदिरों में घूमने के लिए जा सकते हैं।
तिरुपति में घूमने की जगह | Tirupati Me Ghumne Ki Jagah
तिरुपति बालाजी मंदिर का परिचय (Brief Introduction About Balaji Temple)
तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास 9वी शताब्दी पुराना माना जाता है। बेंकट पहाड़ की सातवी चोटी में मंदिर स्थित होने के कारण बालाजी को श्री वेंकटेश्वर नाम से जाना जाता है।
तिरूपति बालाजी मंदिर का लड्डु प्रसादम बहुत ही प्रसिद्ध है। रोजाना 3 लाख से अधिक लड्डू का वितरण किया जाता है।
तिरुपति बालाजी की मूर्ति को किसी भी कारीगर द्वारा नही बनाया गया है। कहते हैं यह मूर्ति जमीन से निकाली गई थी।
1. तिरुपति बालाजी मन्दिर (Tirupati Balaji Mandir)
मंदिर का निर्माण दक्षिण वास्तुशैली में किया गया है। बालाजी मंदिर के गर्भ गृह में भगवान वेंकटेश्वर पूरब दिशा में खड़ी मुद्रा में विराजमान है। भगवान वेंकटेश्वर के साथ माता लक्ष्मी और मां पद्मावती विराजमान हैं। भगवान वेंकटेश्वर के साथ दोनों देवी मौजूद होने के कारण भगवान को स्त्री और पुरूष दोनों के कपड़े पहनाएं जाते हैं ऊपर साड़ी पहनाई जाती है और नीचे धोती पहनाने की परंपरा है।
तिरुपति बालाजी धाम में दर्शन करने गए सभी भक्त मन में श्रद्धा लेकर जाते है की भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन अच्छी तरह हो जाए। शाम को भगवान वेंकटेश्वर की पालकी निकाली जाती है जो देखने योग्य है।
तिरूपति बालाजी मंदिर का अदभुत रहस्य (Tirupati Balaji Mandir Ka Rahasya)
- मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर को पसीना आता है। भगवान की पीट पोछने के बाद भी पीट हमेशा गीली बनी रहती है।
- तिरुपति बालाजी के बाल कहते है रेशम के है वह कभी उलझते नहीं है।
- भगवान का गर्भ गृह पूरा सोने का बना हुआ है।
- मंदिर के गर्भ गृह में दीपक कई सालो से बिना तेल के जल रहा है। और आज तक कभी बुझा नही है।
तिरुपति बालाजी में दर्शन के नियम (Tirupati Balaji Temple)
- भगवन वेंकटेश्वर के दर्शन करने जाने से पहले अच्छी तरह आराम करके नींद ग्रहण कर ले क्योंकि मंदिर में दर्शन करने के लिए यदि आप निशुल्क लाइन में लग कर जाते है तो 10 से 18 घंटे का टाइम लग जाता है। तिरुपति यात्रा पर जा रहे हैं तो अपना आधार कार्ड साथ जरूर लेकर जाए।
- मंदिर में दर्शन करने के लिए सफेद धोती कमर के नीचे पहनना होता है या फिर कुर्ता पैजामा पहन सकते हैं। तिरुपति की यात्रा में जा रहे हैं तो पहले से ही कपड़े साथ में रख ले या फिर आपको मंदिर परिसर में स्थित अनेकों दुकानों में लुंगी मिल जायेगी। भगवान वेंकटेश्वर को अन्न का भोग लगाया जाता है।
- भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करते समय जब गर्भ गृह के करीब पहुंच जाएं तो बिलकुल सीधा देखते रहे क्योंकि भगवान के दर्शन मात्र 5 सेकंड के अंदर ही करने को मिलते है। इसलिए पहले से सीधा देखते रहेंगे तो दर्शन आपको कुछ क्षण ज्यादा देर तक होंगे।
- तिरुपति बालाजी मंदिर में पारंपरिक दर्शन करने के लिए सबसे पहले वराह मंदिर में दर्शन किया जाता है। इसके पश्चात अपनी श्रद्धा अनुसार अपने केश कल्याण कट्टा में दान करके पुष्करणी सरोवर में स्नान करने के बाद नारियल हुंडी में नारियल चढ़ाते हुए दीपक जलाया जाता है। और फिर बालाजी के दर्शन के लिए आगे प्रस्थान किया जाता है।
- मंदिर में दर्शन करने के बाद जैसे आप बाहर निकलते हैं। लड्डू का काउंटर बना हुआ है जहां Tirupati Balaji का प्रसाद लिया जाता है। जिन लोगो ने 300 रुपए में बालाजी के दर्शन ऑनलाइन टिकट के माध्यम से किए है तो एक लड्डू निशुल्क दिया जाता है।
- इसके आलावा आप मंदिर का प्रसाद काउंटर से खरीद सकते हैं। लड्डू बड़ा या छोटा के आधार पर उसका मूल्य सुनिश्चित होता है। आपको लड्डू 200 रुपए, 100 रुपए और 50 रूपए में मिल जाता है।
तिरुपति बालाजी में दर्शन कैसे करें? (Tirupati Balaji Darshan)
तिरुपति बालाजी के दर्शन आप दो तरह से कर सकते हैं। एक VIP टिकट लेकर और दूसरा लाइन में खड़े होकर। यदि आप बालाजी के दर्शन वीआईपी टिकट लेकर करना चाहते है तो आपको पैसे देकर ऑनलाइन टिकट बुक करवाना होगा टिकट बुक होने के बाद 4 से 5 घंटे में आप भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर पाएंगे।
सप्ताह में शुक्रवार को बालाजी के दर्शन करना मुश्किल होता है क्योंकि इस दिन तिरुपति में भक्तो की सबसे लंबी कतार लगती है। शुक्रवार को भगवान वेंकटेश्वर के पूर्ण दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इसके बाद आप निशुल्क लाइन में लग कर तिरूपति बालाजी के दर्शन कर पाएंगे।
यदि आप लाइन में लग कर दर्शन करना चाहते है तो आपको 10 से 18 घंटे तक लाइन में लगना पड़ सकता है यह निर्भर करता है की भक्तों की भीड़ कितनी है साथ ही दिब्यांगों के लिए अलग से महा द्वारम प्रवेश द्वार से दर्शन करने की सुविधा उपलब्ध है। जिसमे Tirupati Balaji Trust के कर्मचारी दिब्यांगों के दर्शन करने में मदद करते हैं।
तिरुपति में बाल कैसे देते हैं? (Tirupati Balaji Mandir mein Kesh Dan)
तिरूपति बालाजी मंदिर में केश दान करने की आस्था है। केश दान करने का मतलब होता है मनुष्य घमंड को त्याग कर जीवन मरण के चक्र से मुक्त होने की कामना करता है। मनोकामना पूर्ण होने के लिए मुंडन करवाने की परंपरा है। तिरुपति में जो भी व्यक्ति अपने बाल का दान करता है उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही उसके जीवन में आई सभी परेशानियों का निवारण अपने आप ही खत्म हो जाता है।
श्रद्धालु कल्याण कट्टा में अपने बाल मुंडवा कर पुष्करणी सरोवर में स्नान करके भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए जाते है। तिरुपति बालाजी धाम में पुरूषों के साथ साथ महिलाएं भी अपने केश भगवान वेंकटेश्वर को दान करती हैं।
कल्याण कट्टा Tirupati Balaji Temple से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। बाल मुंडवाने के लिए सबसे पहले आपको पर्ची कटवानी पड़ती है जिसमे एक पर्ची जिसमे अपना नंबर लग जाता है और आपको एक ब्लेड दिया जाता है। इसके बाद आपकी मुंडन की प्रक्रिया की जाती है। बालाजी में सिर मुंडवाने की प्रक्रिया बिलकुल निशुल्क है आप चाहे तो अपनी इच्छानुसार नाई को न्योछावर के रूप में पैसे दे सकते हैं।
2. श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर (Padmavathi Ammavari Temple)
तिरुपति बालाजी धाम में श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर की पत्नी देवी पद्मावती का निवास स्थल माना जाता है। Tirupati Balaji धाम की यात्रा तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर में दर्शन नहीं किया जाता है यही कारण है की श्रद्धालु सबसे पहले देवी पद्मावती के दर्शन करने के बाद तिरुपति बालाजी जी के दर्शन के लिए जाते हैं। यह तिरूपति बालाजी मंदिर से 5 किमी की दूरी पर स्थित है।
3. श्री गोविंदराजा स्वामी मंदिर (Govind Raja Temple Tirupati Balaji)
तिरुपति के सबसे प्राचीन मंदिरो में शुमार श्री गोविंदराजा स्वामी मंदिर का निर्माण संत रामानुज के द्वारा 11वी शताब्दी में निर्मित करवाया गया था। द्रविड़ वास्तुशैली में बना सात मंजिला यह मंदिर भक्तो की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में धन लाभ की इच्छा हेतु लोग मन्नत मांगने की कामना करते हैं। गोविंदराजा स्वामी को भगवान वेंकटेश्वर का बड़ा भ्राता माना जाता है।
4. श्री हनुमान मंदिर (Hanuman Temple Tirupati Balaji)
तिरुपति बालाजी मंदिर के नजदीक ही हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है। हनुमान मंदिर को जपाली नाम से भी जाना जाता है कहा जाता है इस मंदिर में हनुमानजी ने जाप किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार मंदिर में प्रभु राम भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ आकर रुके थे। दर्शन करने के लिए भक्तो की लंबी लाइन लगी रहती है।
5. श्री परशुर्मेश्वर मंदिर : Tirupati Me Ghumne Ki Jagah
तिरुपति बालाजी मंदिर से 20 किमी की दूरी पर विराजमान श्री परशुर्मेश्वर् मंदिर काफी प्रसिद्ध है। मंदिर की ख्याति सबसे पहले खोजे गए गर्भ गृह में स्थापित लिंगम के कारण और बढ़ जाती है। मंदिर में दर्शन करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहता है। बालाजी की यात्रा में इस मंदिर में घूमने के लिए जा सकते हैं।
6. श्री कपिलेश्वर स्वामी मंदिर (Kapileshwar Temple Tirupati)
तिरुमला की पहाड़ियों की तलहटी पर और कपिला तीर्थाम नामक नदी के तट पर स्थित श्री कपिलेश्वर स्वामी मंदिर 108 शक्ति पीठों में से एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। तिरुपति में यह एक मात्र शिव मंदिर है। कहते है इस धार्मिक स्थल पर कपिल मुनि ने भगवान शिव की आराधना की थी इसी कारण इस मंदिर को कपिलेश्वर स्वामी मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर तिरुपति से 3 किमी की दूरी पर स्थित है।
7. तालकोना जलप्रपात (Taalkona Waterfall)
तालकोना जलप्रपात में 82 मीटर की ऊंचाई से गिरते पानी का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है। यह प्रसिद्ध वाटरफॉल आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा जलप्रपात है जो श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। यह जलप्रपात में अनेक वनस्पतियों और पौधों को चीरता हुआ ऊंचाई से गिरता है जिसमे का कारण तालकोना जलप्रपात के पानी में औषधीय गुण पाए जाते हैं।
8. श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान (Sri Venkateshwara National Park)
वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान 1987 में निर्मित पर्यटकों और श्रद्धालुओं द्वारा सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में से एक है। इस नेशनल पार्क में विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों की प्रजाति को देखा जा सकता है। अगर आप तिरुपति की यात्रा पर गए हैं तो अपने परिवार के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं।
9. शिला थोरानाम (Tirupati Mein Ghumne Ki Jagah)
तिरुमला के पास एक रहस्यमय शिलाथोरनम स्थित है। यह दुनियां के प्राकृतिक पत्थर के मेहराबों में से एक है। यह दो पहाड़ियों के बीच बना प्राचीन पुल है। शिलाथोरनम गार्डन चारों ओर फैली प्राकृतिक सुंदरता मन को मोह लेती है। परिवार के साथ घूमने की जगहों से से एक है।
10. श्रीवरी संग्रहालय (Srivari Museum)
श्रीवरी संग्रहालय तिरुमला के बीते इतिहास की गाथा प्रस्तुत करता है। जो लोग तिरुपति के इतिहास को बारीकी से जानने का शौक रखते हैं उन्हें श्रीवरी म्यूजियम देखने जरूर जाना चाहिए।
तिरुपति बालाजी धाम में अन्य प्रसिद्ध मंदिर (Tirupati Me Ghumne Layak Jagah)
- श्री वेणुगोपाल मंदिर
- श्री कल्याण वेंकटेश्वर मंदिर
- वेद नारायण स्वामी मंदिर
- प्रसन्ना वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर
- वराह स्वामी मंदिर
- आकाशगंगा तीर्थम
तिरुपति बालाजी मंदिर जाने का सही समय (Best Time to Visit Tirupati Balaji)
तिरुपति बालाजी आंध्रप्रदेश का एक प्रसिद्ध मंदिर है जिसकी ख्याति दूर दूर तक दूसरे देशों में तक फैली हुई है। भगवान वेंकटेश्वर में भक्तो की अपार श्रद्धा है जिस कारण प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। तिरुपति बालाजी धाम के कपाट साल भर भक्तो के लिए खुले रहते है। अपने समय के अनुसार आप किसी भी मानसून में Tirupati Balaji Darshan के लिए प्लान बना सकते हैं।
तिरुपति बालाजी में सितंबर से अक्टूबर के महीने में आयोजित किए जाने वाला ब्रम्होत्सव सबसे बड़ा पर्व है जिसे देखने के लिए जरूर जाना चाहिए। अगर तिरूपति घूमने की योजना बना रहे है तो बेहतर होगा सितंबर से फरवरी महीने के लिए दर्शन के लिए पहुंचे क्योंकि गर्मियों के मौसम में तिरुपति में गर्मी अधिक पड़ती हैं।
तिरुपति बालाजी कैसे जाएं (How To Reach Tirupati Balaji Temple)
Tirupati Balaji धाम में दर्शन करने के लिए जा रहे हैं तो आप अपनी सुविधानुसार वायु मार्ग, रेल और सड़क मार्ग का चुनाव कर सकते हैं। किसी भी माध्यम से आप आसानी से तिरुपति बालाजी धाम की यात्रा कर सकते हैं। तिरूपति पहुंचकर तिरुमला की यात्रा आप बस से कर सकते हैं हर 10 मिनट में तिरुमला के लिए बस मिल जाती है।
तिरूपति से दो किमी चलने के बाद तिरुपति के सप्तगिरी टोल प्लाजा में सभी यात्रियों के समान की जांच और पूरे वाहन की जांच की जाती हैं ताकि कोई भी अवैध सामग्री साथ लेकर न जा सके। इसलिए जितना संभव हो तिरुपति की यात्रा में सामान कम लेकर जाएं। तिरूमला में बालाजी मंदिर के आसपास घूमने के लिए टीटीडी द्वारा निशुल्क बस सेवा उपलब्ध है।
बस से तिरुपति बालाजी धाम की यात्रा (How To Reach Tirupati Balaji by Road)
आंध्रप्रदेश के पड़ोसी राज्यों से यदि तिरुपति की यात्रा करना चाहते हैं तो APSRTC परिवहन की बसे पड़ोसी राज्यों तक चलती रहती है। तिरुपति राष्ट्रीय राजमार्ग 71 पर स्थित है। आसानी से बस, टैक्सी, निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है।
तिरुपति बालाजी की हवाई जहाज से यात्रा (How To Reach Tirupati Balaji by Air)
तिरुपति बालाजी धाम की यात्रा यदि आप हवाई जहाज से करते है तो सबसे नजदीक तिरुपति हवाई अड्डा है। दिल्ली, बैंगलौर, चेन्नई, और हैदराबाद से घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध रहती हैं। आप तिरुपति पहुंचकर तिरूमला के लिए बस पकड़ सकते हैं। यह बस आपको 40 से 45 मिनट में तिरुमला देवस्थानम पहुंचा देती है।
ट्रेन से तिरुपति बालाजी मंदिर कैसे पहुंचे (Nearest Railway Station To Tirupati Balaji)
रेल गाड़ी से तिरुपति पहुंचने के लिए रेनीगुंटा रेलवे जंक्शन सबसे पास में पड़ता है यह तिरुपति से 10 किमी की दूरी पर स्थित है। भारत के विभिन्न शहरों में रेनीगुंटा रेलवे जंक्शन तक पहुंचा जा सकता है। बस या टैक्सी से तिरुपति बालाजी मंदिर पहुंच सकते हैं। इसके अलावा तिरूपति बालाजी धाम के पास तिरुपति रेलवे स्टेशन मौजूद है। बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई जैसे शहरों से सीधा रोजाना ट्रेन चलती रहती है।
तिरुपति बालाजी में ठहरने की व्यवस्था (Places to Stay in Tirupati)
तिरूपति बालाजी में ठहरने के लिए तिरुमला में अनेकों होटल और धर्मशाला बनी हुई है। आप अपनी सुविधानुसार कही भी ठहर सकते हैं आप चाहे तो तिरुपति तिरुमला देवस्थानम की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रूम बुक कर सकते हैं।
अपनी यात्रा से 2 से तीन महीने पहले रूम बुकिंग करवाना पड़ता है। रूम बुक करने से पहले आपको ऑनलाइन दर्शन की बुकिंग करवानी पड़ती है तभी आपको रूम मिलेगा।
ऑनलाइन बुक करवाने के बाद आपको तिरूमला बस स्टैंड के पास ही CRO ऑफिस में कन्फर्मेशन के लिए जाना होता है। वही से आपको जिस जगह पर ठहरना है बता दिया जाता है।
टीटीडी की तरफ से रूम में ठहरने के लिए 1000 रूपए से लेकर 2000 रुपए तक के रूम रहते हैं। यदि आपने ऑनलाइन ठहरने के रूम बुक नही कर पाए तो तिरूमला में पहुंचकर CRO ऑफिस में पहुंचाने के बाद काउंटर पर लाइन पर लग कर रूम बुक करवा सकते हैं।
अगर ऑफलाइन रूम बुक करवाने के बाद भी रूम नही मिल पाया तो आप CRO ऑफिस के पास यात्री निवास में निशुल्क ठहर सकते हैं। जहां पर आपको सामान रखने के लिए लॉकर दिया जाता है आप ज़मीन पर लेटकर अपना समय गुजार सकते है।
यात्री निवास पर रुकने के लिए आपके पास आधार कार्ड होना चाहिए। इसके अतिरिक्त आप निजी होटल में 700 से 1000 रूपए देकर 24 घंटे के लिए रूम ले सकते हैं।
तिरूपति में भोजन की व्यवस्था (Best Food in Tirupati)
तिरूपति बालाजी धाम में श्रद्धालुओं के खाने के लिए टीटीडी द्वारा निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती है जिसमे Tirupati Balaji Mandir से 100 मीटर की दूरी पर अन्ना प्रसाद केंद्र में जाकर भोजन जरूर करें इस भोजनालय में सोलर ऊर्जा से भोजन तैयार किया जाता है।
भक्तो को खाने के लिए केले के पत्ते पर भोजन परोसा जाता है। इसके अतिरिक्त तिरुमला में भोजन करने के लिए अनेकों निजी होटल और रेस्टोरेंट उपलब्ध है। जहां पर दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। जिसमे खाने के लिए इडली, डोसा, मसाला डोसा, पेपर डोसा, उत्तपम जैसे भोजन का स्वाद चख सकते हैं।
पूछे गए सवाल
1. तिरुपति बालाजी मंदिर कहा है?
तिरुपति बालाजी मंदिर भारत में आंध्रप्रदेश राज्य के चित्तूर जिले में तिरुपति नामक जगह से 26 किमी की दूरी पर तिरूमला की पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का मंदिर है।
2. तिरुपति बालाजी जी से रामेश्वरम की दूरी कितनी है?
तिरुपति बालाजी जी से रामेश्वरम की सड़क मार्ग की दूरी 670 किमी है। सड़क मार्ग द्वारा बस से तय करने में 13 घंटे का समय लग जाता है।
3. तिरुपति बालाजी की चढ़ाई कितनी है?
तिरुपति बालाजी जी मंदिर में जाने के लिए 3500 सीढ़ियां कर जाना पड़ता है।
4. तिरुपति से मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की दूरी?
तिरुपति बालाजी जी से मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 370 किमी की दूरी पर है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है।
5. तिरुपति में सबसे पहले किस मंदिर में जाना है?
तिरुपति बालाजी जी मंदिर में पारंपरिक दर्शन करने की प्रक्रिया है की सबसे पहले भक्तों को वराह मंदिर में दर्शन करना चाहिए तत्पश्चात कल्याण कट्टा में अपने केश दान करने के बाद नारियल हुंडी में नारियल चढ़ा कर दीपक जलाया जाता हैं इसके बाद तिरुपति बालाजी जी के दर्शन हेतु जाते है।
निष्कर्ष (Conclusion)
मान्यताओं अनुसार जीवन में अपने कष्ट दूर करना चाहते हैं तो तिरुपति बालाजी के दर्शन करने जरूर जाएं। इस लेख में तिरुपति में घूमने की जगह (Tirupati Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में संपूर्ण यात्रा वृतांत सांझा किया है।