15+ पुष्कर में घूमने की जगह | भारत के एकमात्र ब्रह्मा जी मंदिर में दर्शन
भारत में राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर प्राचीन धार्मिक स्थल है। अजमेर से करीब 15 किमी की दूरी पर स्थित पुष्कर में देश का एकमात्र भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर है जिसके कारण पुष्कर को देश और दुनियां में ख्याति प्राप्त है। इसके अलावा भगवान ब्रह्मा के मंदिर कंबोडिया, इंडोनेशिया जैसे देशों में बने हुए हैं। यह धार्मिक स्थल हिंदुओ का पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है। पुष्कर में प्रति वर्ष लगने वाले पुष्कर मेले में लाखों की संख्या में पर्यटक आते है। पुष्कर में दर्शन करने के लिए अनेक धार्मिक स्थल मौजूद है। यदि आप पुष्कर में घूमने की जगह (Pushkar Me Ghumne Ki Jagah) को खोज रहे हैं तो इस लेख में आपको पुष्कर के मुख्य पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे।
पुष्कर अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है जिसे गुलाब उद्यान के रूप में जाना जाता है। पुष्कर शहर का नामकरण फूल के नाम पर रखा गया अक्टूबर और नवंबर माह में लगने वाला पुष्कर का ऊंट मेला बहुत प्रसिद्ध है जिसे धूमधाम से मनाया जाता है। लाखों की संख्या में लोग इस मेले का गवाह बनते हैं।
महाभारत काल के दौरान पांडवो के अज्ञातवास के समय पांडवो द्वारा निर्मित पांच कुंड नाग पहाड़ पर जिसकी वजह से पुष्कर की धार्मिक महात्वता और बढ़ जाती है।साथ ही पुष्कर झील में बने अनेकों घाट पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। प्रत्येक माह की पूर्णिमा को घाट श्रद्धालुओं से भर जाते हैं। इन घाटों में तीर्थ यात्री स्नान करके पूजा अर्चना करते हैं और मोक्ष प्राप्ति की मंगल कामना करते हैं।
पुष्कर में घूमने की जगह | Pushkar Me Ghumne Ki Jagah
पुष्कर में घूमने वाली जगहों की सूची
- ब्रम्हा मंदिर
- पुष्कर झील
- रंग जी मंदिर
- पुष्कर का मान महल
- वराह घाट पुष्कर
- आत्मतेश्वर मंदिर
- सावित्री माता मंदिर
- गायत्री देवी मंदिर
- वराह मंदिर
- पुष्कर ऊंट मेला
- पुष्कर में घूमने की जगह गुरुद्वारा
- दिगंबर जैन मंदिर पुष्कर जी
- रोज गार्डन
- मेड़ता सिटी
- नाग पहाड़ पुष्कर
पुष्कर धार्मिक स्थल का परिचय
- पुष्कर के प्राचीन इतिहास का वर्णन पद्मपुराण में मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है। पुष्कर शहर को भगवान ब्रह्मा ने बसाया था। पुष्कर में स्थित भारत का एकमात्र भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर है। पुष्कर के अलावा भारत में कहीं भी भगवान ब्रह्मा के मंदिर स्थापित नही है।
- मुगल शासक औरंगजेब ने अपने शासन काल के दौरान पुष्कर में बने कई प्राचीन मंदिरों को नष्ट किया था। पुष्कर में मौजूद 500 से अधिक मंदिर है जिस वजह से पुष्कर को मंदिरों का शहर कहा जाता है।
1. ब्रम्हा मंदिर (Brahma Mandir Pushkar)
पुष्कर में स्थित 14वी शताब्दी में निर्मित देश का इकलौता भगवान ब्रह्मा का लोकप्रिय मंदिर है। संगमरमर के पत्थर से निर्मित यह मंदिर 600 साल पुराना बताया जाता है। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान ब्रह्मा की चतुर्मुख मूर्ति स्थापित है। ब्रह्म मंदिर में स्थापित भगवान इंद्र और कुबेर की मूर्तियां मंदिर को और खास बनाती हैं।
ब्रह्मा भगवान के दाएं ओर सावित्री और बाएं ओर गायत्री देवी का मंदिर स्थित है साथ ही मंदिर में भगवान नारद की मूर्ति, कुबेर की मूर्ति और सन कादिक की मूर्ति स्थापित है। ब्रह्मवैवर्त पौराणिक कथाओं के अनुसार नारद मुनि द्वारा भगवान ब्रह्मा को श्राप दिया गया था की तीनो लोक में आपकी पूजा नही की जाएगी तभी से भगवान ब्रह्मा की पूजा नही की जाती है।
पुष्कर ही एकमात्र ऐसा स्थल है जहां साल में एक बार ब्रह्मा भगवान की पूजा की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में दर्शनार्थी आते हैं। भगवान ब्रह्मा के दर्शन कर मन्नत मांगते हैं। जगत पिता ब्रह्मा जी के मंदिर को 2005 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया है।
2. पुष्कर झील (Pushkar Lake, Rajasthan)
अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित पुष्कर झील या पुष्कर सरोवर हिंदुओ के लिए पवित्र झील मानी जाती है। पुष्कर झील को सभी तीर्थस्थलों का राजा कहा जाता है। यह झील 50 से अधिक पवित्र घाटों से घिरी हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान ब्रह्मा जी के हाथ से जमीन पर कमल का पुष्प पुष्कर में गिर गया था इसके बाद इस झील का निर्माण हुआ।
प्रत्येक वर्ष अक्टूबर और नवंबर के महीने में कार्तिक माह की पुर्णिमा को होने वाले पुष्कर मेले में देश विदेश से लाखो पर्यटक आ कर इस झील में स्नान कर भगवान ब्रह्मा की पूजा अर्चना करते हैं। माना जाता है सरोवर में स्नान करने से त्वचा संबंधित रोग ठीक हो जाते हैं। खूबसूरत पहाड़ियों की गोद में बसी पुष्कर सरोवर पुष्कर के मुख्य आकर्षण पर्यटक स्थलों में से एक है।
3. रंग जी मंदिर (Rang Ji Mandir Pushkar)
पुष्कर में स्थित रंग जी मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत की वास्तुशैली का अदभुत उदाहरण है साथ ही मुगल और राजपूताना वास्तुशैली का मिला जुला स्वरूप देखने को मिलता है। इस मंदिर का निर्माण 1823 ई का बताया जाता है जिसको हैदराबाद के सेठ पुरनमल गनेरीवाल ने बनवाया था।
भगवान विष्णु के अवतार रंग जी को समर्पित यह मंदिर देखने में भव्य लगता है। मंदिर में राजस्थानी राजपूत और मुगल काल की वास्तुशैली का मिश्रित संयोजन देखने को मिलता है जो अपने आप में अदुतीय है। मंदिर में भगवान कृष्ण, माता लक्ष्मी जैसे अन्य देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित है। रंग जी भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर के कपाट सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहते हैं।
4. पुष्कर का मान महल (Maan Palace)
पुष्कर सरोवर के तट पर स्थित मान महल पुष्कर में घूमने की जगह के रूप में बेहद खूबसूरत स्थलों में से एक है। पुष्कर के मान महल का निर्माण राजा मान सिंह प्रथम के द्वारा करवाया गया था। मान महल का निर्माण पारंपरिक राजस्थानी वास्तुशैली में करवाया गया है।
मान महल शाही निवास का प्रमुख महल माना जाता है। यहां घूमने के लिए विदेशी शैलानी बड़ी संख्या में आते है। मान महल पुष्कर झील से थोड़ी दूर पर स्थित है। पुष्कर झील से महल तक पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है। मान महल को होटल के रूप में तब्दील कर दिया गया है जिसकी देखरेख राजस्थान पर्यटन विभाग निगम द्वारा की जाती है।
5. वराह घाट पुष्कर (Varah Ghat Pushkar)
पुष्कर झील के तट पर अनेकों घाट मौजूद है जिनमे से वराह घाट बहुत ही अहमियत रखता है। शाम को ढलते सूरज के समय झील का शानदार नजारा देखने को मिलता है। घाट पर होने वाली शाम की आरती दर्शनीय है। वराह घाट पर स्थित अनेकों दुकानें जहां पर आप राजस्थानी खाने का आनंद ले सकते हैं।
6. आत्मतेश्वर मंदिर पुष्कर (Atmte shwar Mandir)
आत्मतेश्वर मंदिर भगवान शंकर को समर्पित पुष्कर का प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। 12वी शताब्दी में निर्मित मंदिर सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। हेमाड़ पंथी वास्तुशैली में बना अनोखा मंदिर है। मंदिर के गर्भ गृह में जमीन के अंदर ताबे से बने सर्प शिवलिंग में लपेटे हुए विराजमान है।
संध्या की मधुर बेला में बजती घंटियों में Pushkar का सुंदर वातावरण गुंजायमान हो जाता है। भक्तो के लिए मंदिर के कपाट सुबह 9 बजे से 01:30 तक खुले रहते है और शाम 4 बजे से 7 बजे तक खुले रहते है। शिवरात्रि और सावन के महीने में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
7. सावित्री माता मंदिर (Mata Savitri Devi Mandir)
सावित्री मंदिर पुष्कर में रत्नागिरी पहाड़ियों पर स्थित एक दर्शनीय मंदिर है। सावित्री मंदिर में ब्रह्मा भगवान की पहली पत्नी सावित्री माता और दूसरी पत्नी गायत्री की मूर्ति स्थापित है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है जब यज्ञ के दौरान ब्रह्मा जी ने माता गायत्री से विवाह कर लिया था तब गुस्से में आकर ब्रह्मा जी की पहली पत्नी माता सावित्री ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया था की पुष्कर के अलावा कही भी भगवान ब्रह्मा जी की पूजा नही की जाएगी और कहते है इसी श्राप के कारण भारत में ब्रह्मा जी का इकलौता मंदिर है।
सावित्री मंदिर ब्रह्मा मंदिर के पीछे मंदिर एक पहाड़ पर स्थित है। मंदिर में दर्शन करने के लिए पैदल सीढ़ियों द्वारा पहाड़ चढ़ कर जाना होता है। मंदिर में पहुंच कर नीचे का सुंदर नजारा देख सकते हैं।
8. गायत्री देवी मंदिर (Gayatri Devi Mandir)
गायत्री माता मंदिर पुष्कर में एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है। मंदिर को पाप मोचन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भारत के अन्य शहरों में भी माता गायत्री के मंदिर स्थापित है परन्तु पुष्कर में बना माता गायत्री का सबसे प्राचीन मंदिर है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है की भगवान ब्रह्मा जब कार्तिक मास में यज्ञ कर रहे थे उस समय ब्रह्मा भगवान की पत्नी माता सावित्री अनुपस्थित थी। तभी यज्ञ को संपन्न करने के लिए ब्रह्मा जी ने गायत्री देवी से विवाह कर यज्ञ संपन्न किया था। कार्तिक माह में यज्ञ करने के कारण प्रत्येक वर्ष पुष्कर मेला आयोजित किया जाता है।
9. वराह मंदिर (Varah Mandir)
पुष्कर को मंदिरों का नगर भी कहा जाता है। इस पवित्र धार्मिक स्थल में 500 से अधिक प्राचीन मंदिर स्थित है। वराह मंदिर हिंदुओ के देवता भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित है। वराह मंदिर में भगवान विष्णु जंगली सुअर के रूप में विराजमान है।
मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मंदिर को नष्ट करने के बाद मंदिर का निर्माण 1727 में महाराज सवाई मानसिंह द्वितीय द्वारा करवाया गया था। मंदिर की धार्मिक पवित्रता के कारण यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है। मंदिर का निर्माण गुंबद नुमा स्तंभों से युक्त अदभुत वास्तुशैली में बनाया गया है। भगवान विष्णु के वराह अवतार के दर्शन करने के लिए इस मंदिर में जरूर जाएं।
10. पुष्कर ऊंट मेला (Pushkar Mela)
पुष्कर में पांच दिवसीय लगने वाला मेला भारत के साथ साथ अन्य देशों में प्रसिद्ध है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा को लगने वाले मेले में देश और दुनियां से लाखो की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पुष्कर झील में स्नान करके मोक्ष प्राप्त की मंगल कामना करते हुए पुष्कर के अन्य मंदिरों के दर्शन करके आत्मिक शांति प्राप्त करते है।
मेले में सजी खाने पीने की दुकानें, फल मिठाई की दुकानें, खिलौने, बर्तन गहने की दुकानें, और झूले पुष्कर मेले को अनोखा बनाती है। मेले में मटकी फोड़, मूंछ प्रतियोगिता, दुल्हन प्रतियोगिता मेले को आकर्षण बनाते हैं। मेले को आनंदमय बनाने के लिए अनेक सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मेले में ऊंट नृत्य काफी प्रसिद्ध है जिसमे ऊंटों को रंग बिरंगी परिधान पहना कर सजाया जाता किया जाता है।
11. पुष्कर में घूमने की जगह गुरुद्वारा (Pushkar Gurudwara)
पुष्कर में स्थित गुरुद्वारा जिसका निर्माण दसवें गुरु नानक और गुरु गोविंद सिंह की यात्रा की यादगार के तौर पर किया गया था। पुष्कर में घूमने के लिए अच्छी जगह है। गुरुद्वारा सिखों के लिए बहुत पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। गुरुद्वारा को गुरुनानक धर्मशाला के नाम से भी जाना जाता है।
12. दिगंबर जैन मंदिर पुष्कर जी (Digamber Jain Mandir Pushkar)
जैन धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले दिगंबर जैन मंदिर का निर्माण 19 वी शताब्दी मे करौली के लाल बलुआ पत्थरो द्वारा किया गया था। अजमेर में स्थित मुख्य आकर्षण का केंद्र है मंदिर को सोने की नसिया नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के कक्ष का निर्माण 1000 किलो ग्राम सोने का उपयोग करके किया गया है। यह मंदिर आदिनाथ को समर्पित है। सोने से सजे मंदिर को भारत का सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है।
13. रोज गार्डन (Rose Garden Pushkar)
प्राकृति प्रेमियों के लिए रोज गार्डन किसी अदभुत से कम नहीं है। रेगिस्थान की भूमि में स्थित रोज गार्डन रमणीय आकर्षण गार्डेन है। गार्डन में गुलाब की कई प्रजातियों के फूल देखने को मिलते है। पुष्कर के गुलाब के फूल अन्य देशों में निर्यात किए जाते हैं साथ ही इत्र भी बनाया जाता है। रोज गार्डन कपल्स के घूमने के लिए बढ़िया जगह है। रोज गार्डन में आप फोटो खींचकर अपनी यात्रा के यादगार पलो को कैद कर सकते हैं।
14. मेड़ता सिटी (Medta City)
पुष्कर शहर से मेड़ता सिटी करीब 60 किमी की दूरी पर स्थित है। मेड़ता सिटी का महत्व भगवान कृष्ण की भक्ति में दीवानी मीराबाई के कारण है। मीराबाई कृष्ण भगवान की परम भक्त थी। कृष्ण की भक्ति में लीन उन्होंने अपने घर को त्याग दिया था। मेड़ता सिटी में स्थित चारूजा मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
15. नाग पहाड़ पुष्कर (Nag Pahad)
नाग की तरह बलखाय खड़ा नाग पहाड़ पुष्कर और अजमेर के बीच स्थित है। नाग पहाड़ अगस्त्य मुनि का निवास स्थल माना जाता है। नाग पहाड़ पुष्कर और अजमेर के बीच स्थित घूमने के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। नाग पहाड़ को भगवान ब्रह्मा के पुत्र वातु का निवास स्थल भी माना जाता है। नाग पहाड़ में आप ट्रेकिंग का मजा ले सकते हैं।
पुष्कर घूमने कब जाना चाहिए? (Best Time To Visit Pushkar)
पुष्कर राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है। जहां का इलाका रेगिस्तानी है। पुष्कर घूमने जाने से पहले पुष्कर के मौसम की जानकारी होनी चाहिए। गर्मियों के मौसम में पुष्कर में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। गर्मियों में दिन के समय अधिक गर्मी होती है और रात के समय ठंडी पड़ती है।
यदि गर्मी से बचना चाहते हैं तो आप ठंडी के मौसम में घूमने का प्लान बना सकते हैं। हालाकि पुष्कर में घूमने के लिए कभी भी जा सकते हैं। लेकिन पुष्कर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी का होता है। क्योंकि यह मौसम पर्यटकों के घूमने के लिए अनुकूल रहता है।
अक्टूबर से फरवरी के मौसम में न गर्मी अधिक पड़ती है और न ही ज्यादा सर्दी होती है। अक्टूबर और नवंबर महीने के बीच कार्तिक पूर्णिमा को होने वाला पुष्कर मेले में जरूर जाना चाहिए। इस दौरान पुष्कर में भारी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
पुष्कर में घूमने के लिए एक दिन पर्याप्त है। जल्दी आप सुबह पहुंच कर पुष्कर के मुख्य दर्शनीय स्थल घूम करके शाम तक वापस आ सकते हैं। लेकिन यदि आपको पुष्कर के अन्य स्थलों को देखना है तो आप दो दिन की यात्रा की योजना बना सकते हैं।
पुष्कर कैसे पहुंचे? - How To Reach Pushkar
बस से पुष्कर कैसे पहुंचे? (How to Reach Pushkar By Road)
बस द्वारा पुष्कर पहुंचने के लिए आपको पहले अजमेर तक बस से पहुंचना होगा। क्योंकि कोई भी बस डायरेक्ट पुष्कर तक नहीं जाती। अजमेर बस स्टैंड में उतर कर पुष्कर जाने वाली बस द्वारा पुष्कर तक पहुंच सकते हैं। जोधपुर, जयपुर, किशनगढ़ से रोजाना अनेकों बस चलती रहती हैं।
ट्रेन से पुष्कर कैसे पहुंचे? - How To Reach Pushkar By Train
ट्रेन से पुष्कर जाने के लिए आपको अजमेर रेलवे स्टेशन पहुंच कर पुष्कर के लिए जा सकते हैं। अजमेर रेलवे स्टेशन से पुष्कर 15 किमी की दूरी पर पड़ता है। अजमेर के रेलवे स्टेशन से पुष्कर के लिए अनेकों बस, ऑटो रिक्शा नियमित रूप से चलते रहते है।
हवाई जहाज द्वारा पुष्कर कैसे पहुंचे? - How To Reach Pushkar By Aeroplane
अगर आप भारत के दूर शहर से है और हवाई जहाज से पुष्कर जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें पुष्कर में कोई एअरपोर्ट स्थित नही है। लेकिन पुष्कर से 150 किमी की दूरी पर जयपुर का सांगानेर एयरपोर्ट है। आप सांगानेर एयरपोर्ट पहुंच कर कैब बुक करके पुष्कर पहुंच सकते हैं। जयपुर से बहुत सी बसे और टैक्सी अजमेर के लिए जाती है।
पुष्कर में रुकने की जगह (Pushkar Me Rukne Ki Jagah)
पुष्कर एक तीर्थ स्थल होने के कारण आपको पुष्कर में कम बजट से लेकर महंगे बजट में होटल मिल जायेंगे। इसके अलावा पुष्कर में ठहरने के लिए बहुत सी धर्मशाला है। पुष्कर में रुकने के लिए 500 से 1500 के बीच में रूम मिल जायेगा। पुष्कर मेले के दौरान सभी होटल के चार्जेस महंगे हो जाते है। पुष्कर में बड़ी बस्ती के पास रूम लेना ज्यादा बेहतर है। क्योंकि बड़ी बस्ती में ही ब्रह्मा जी का मुख्य मंदिर स्थित है।
पुष्कर में प्रसिद्ध भोजन क्या है? (Famous Food in Pushkar)
पुष्कर एक धार्मिक स्थल होने के कारण यहां पर अधिकांश होटल और रेस्टोरेंट में आपको शाकाहारी भोजन खानें को मिलता है। आपको खाने के लिए दाल बाटी चूरमा, घेवर, पोहा, मालपुआ, राजस्थानी लस्सी, छांछ, दूध, कुल्फी, दाल तड़का, चपाती, और चावल खाने के लिए मिल जायेगा। इसके अलावा अधिकांश होटल और भोजनालय में थाली सिस्टम चलाता है। जिसमे आपको थाली 80 रुपए से 150 रुपए के बीच मिल जायेगी।
पुष्कर की यात्रा में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न : FAQ on Pushkar Me Ghumne Ki Jagah
1. पुष्कर क्यों प्रसिद्ध है?
राजस्थान राज्य के अजमेर से 15 किलोमीटर दूर पर स्थित पुष्कर भारत के अलावा अन्य देशों में भी प्रसिद्ध है। पुष्कर में भारत का एकमात्र भगवान ब्रह्मा का मंदिर है। पुष्कर के अलावा भारत में कहीं भी भगवान ब्रह्मा का मंदिर देखने को नही मिलता है। पुष्कर में ही भगवान ब्रह्मा ने यज्ञ किया था।
2. अजमेर से पुष्कर की दूरी?
अजमेर से पुष्कर की दूरी करीब 15 किलोमीटर है। अजमेर से पुष्कर पहुंचने के लिए अनेकों राजस्थान परिवहन की बस और प्राइवेट ऑटो रिक्शा और टैक्सी चलती है। जिसका किराया लगभग 30 से 60 रुपए तक रहता है।
3. पुष्कर कब जाना चाहिए?
पुष्कर के धार्मिक स्थलों में घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर फरवरी तक रहता है। यह समय पर्यटकों के घूमने के लिए अनुकूल रहता है। इस दौरान गर्मी और ठंडी नॉर्मल रहती है। हर साल अक्टूबर नवम्बर महीने में कार्तिक पूर्णिमा को होने वाला पुष्कर मेला दर्शनीय है।
4. जयपुर से पुष्कर की दूरी?
जयपुर से पुष्कर की दूरी महज 150 किलोमीटर है। जयपुर से बस या टैक्सी द्वारा 3 घंटे में पुष्कर पहुंच सकते हैं।
5. राजस्थान का पुष्कर मेला किस महीने में लगता है?
राजस्थान का पुष्कर मेला शीत ऋतु में अक्टूबर और नवंबर महीने के बीच कार्तिक मास की पूर्णिमा को लागत है। पुष्कर मेला देश विदेश में बहुत ही प्रसिद्ध है। इस में विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में आते है।
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