10+ जोधपुर में घूमने की जगह,मारवाड़ी रजवाड़ों की शान जोधपुर के ऐतिहासिक स्थल
सूर्य नगरी नाम से प्रसिद्ध रेगिस्तान की गोद में बसा मारवाड़ी रजवाड़ों की शान जोधपुर राजस्थान राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। जोधपुर में घूमने के लिए मंदिर, ऐतिहासिक भवन, हवेली और प्राचीन किले शामिल हैं। जोधपुर में पर्यटन स्थलों के आलावा जोधपुर की प्रसिद्ध पारंपरिक संस्कृति, संगीत, लोक नृत्य कला मन को मोह लेगी। प्रत्येक वर्ष राजस्थान की संस्कृति और पर्यटन स्थलों की झलक पाने के लिए लाखो की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। आर्टिकल में जोधपुर में घूमने की जगह (Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah) के दर्शन करवाएंगे।
जोधपुर शहर में घूमने के लिए एक लंबी पर्यटन स्थलों की सूची है। यह सभी स्थल जोधपुर के शाही इतिहास और संस्कृति की अदभुत झलकियां प्रस्तुत करते है। जोधपुर में मेहरानगढ़ किले के चारों ओर बसे नीले घर आश्चर्य चकित कर देते है।
जोधपुर की सुंदरता को देखते हुए अनेक फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है। प्रसिद्ध साउथ की फिल्म आई की भी शूटिंग जोधपुर में की गई थी जिसमे अभिनेता चियान विक्रम ने महत्वपूर्ण फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
जोधपुर में घूमने की जगह | Jodhpur Me Ghumne Ki Jagah
जोधपुर शहर की महत्वपूर्ण जानकारी
जोधपुर में आज तक का सबसे अधिकतम तापमान 25 मई 1932 में रिकार्ड किया गया था जो 48.9° C था।
1. मेहरानगढ़ का किला ( Jodhpur Mehrangarh Durg)
जोधपुर में स्थित मेहरानगढ़ का किला राजस्थान के सबसे खूबसूरत किलों में से एक है। मेहरानगढ़ किला भारत में सबसे बड़े किले के लिए जाना जाता है। जोधपुर के पर्यटन स्थलों में सबसे ज्यादा मेहरानगढ़ के किले को देखने के लिए लोग जाते है। प्राचीन शाही किले का निर्माण 1459 में महाराजा राव जोधा ने करवाया था।
युद्ध के दौरान शत्रु से बचने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से किले बहुत ही उपयोगी साबित होते थे। मेहरानगढ़ किले के अंदर अनेक भव्य महल विराजमान है जिसमे मोती महल, शीश महल, दौलत खाना, शस्त्रागार और किले की ऊंचाई पर रखी तोप को देख सकते हैं।
पहाड़ी पर 5 किमी की लंबाई पर बना किला दूर से देखने पर बहुत ही भव्य लगता है। किले में प्रवेश करने के लिए सात द्वार बनाए गए हैं। किले में प्रवेश करते ही दीवारों पर अलंकृत हाथी, घोड़े, नक्काशीदार मेहराब, किले की दीवारों पर राजसी सजावट सभी चीजों को देख सकते हैं।
किले को देखने के लिए 2 से 3 घंटे का समय लग जाता है। यह किला सुबह 9 बजे से शाम को 5 बजे के बीच खुला रहता है किले में प्रवेश शुल्क 100 रुपए लिया जाता है। मेहरानगढ़ किले को घूमने के लिए आप गाइड की मदद ले सकते हैं जो किले की सभी जगहों पर आसानी से घुमाते हुए उनके बारे में जानकारी उपलब्ध करवा देते है।
2. चामुंडा माता मंदिर (Jodhpur Chamunda Mata Mandir)
चामुंडा देवी मंदिर का निर्माण राव जोधा ने करवाया था। यह जोधपुर के सबसे प्राचीन मंदिरो में एक है। चामुंडा माता को जोधा राजवंश की कुल देवी के रूप में जाना जाता है। जोधपुर किले के पास स्थित मंदिर में काफी संख्या में पर्यटक आते है और दर्शन करते है।
चामुंडा माता मंदिर का निर्माण राव जोधा ने उस समय करवाया था जब उन्होंने अपनी राजधानी मंडोर से जोधपुर किया था। प्रति वर्ष नवरात्रि के पवित्र दिनों में चामुंडा माता मंदिर भक्तो से भर जाता है।
3. बाल समद झील (Bal samad Lake)
बाल समद झील जोधपुर से 5 किमी की दूरी मंडोर मार्ग पर स्थित मानव निर्मित झील है। झील का निर्माण गुर्जर प्रतिहार वंश के शासक बलक राव ने आज़ादी के समय 1949 में करवाया था। झील में घूमने के लिए बड़ी संख्या में लोग जाते हैं। परिवार के साथ घूमने के लिए बढ़िया जगहों की सूची में गणना की जाती है। बाल समद झील के किनारे पर बाल समद पैलेस भी स्थित है।
4. उमेद भवन (Umaid Bhawan Place)
संगमरमर और बलुआ पत्थरो से निर्मित उमेद भवन जोधपुर के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों की सूची में शुमार है। राजसी भवन का निर्माण आज़ादी के संघर्ष से पहले 1929 में महाराज उमेद सिंह ने करवाया था। उन्ही के नाम पर ही इस महल का नाम रखा गया। उमेद भवन को चित्तौड़ पैलेस के नाम से भी जाना जाता है।
महल की रूपरेखा अंग्रेजी वास्तुकार H V Lanchester द्वारा तैयार की गई थी। भवन को बनने में 16 साल का वक्त लगा था। महल के एक हिस्से में संग्रहालय भी बनाया गया है। जिसमे प्राचीन काल की वस्तुओं को संभाल कर रखा गया है। संग्रहालय में प्राचीन समय के राजा महाराजाओं के चित्र, तलवारे, शाही पोशाक अनमोल धरोहर को देख सकते हैं।
इसके अलावा यदि आप घूमने के लिए जा रहे हैं तो महल के एक भाग को होटल में तब्दील कर दिया गया है। जिसमे आप राजस्थानी व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। उमेद भवन पैलेस सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। जिसमे घूमने के लिए पर्यटकों से मामूली प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
5. कायलाना झील (Kay lana Lake)
जोधपुर शहर से 11 किमी की दूरी पर स्थित कायलाना झील पिकनिक स्पॉट के लिए सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक है। अपने परिवार और बच्चों के साथ छुट्टियों के दिनों पर पिकनिक मनाने के लिए कायलाना झील पर जा सकते हैं।
इस मानव निर्मित झील का निर्माण 1872 में करवाया गया था। झील के चारों ओर हरे हरे पेड़ लगे हुए है जो झील की सुंदरता को बढ़ाते हैं। कायलाना झील में आप मोटर बाइक और नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
6. जसवंत थाडा (Jaswant Thada Jodhpur)
जसवंत थाडा जोधपुर में स्थित एक शाही स्मारक के तौर पर पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यह स्मारक महाराज जसवंत सिंह की समाधि स्थल है। स्मारक का निर्माण महाराज जसवंत सिंह की स्मृति में उनके पुत्र महाराज सरदार सिंह ने 1899 में करवाया था। जसवंत थाडा का रखरखाव Mehrangarh Museum Trust के द्वारा किया जाता है।
सफेद संगमरमर से बना यह भव्य शाही स्मारक पर्यटकों को आकर्षित करता है। जसवंत थाडा का स्मारक राठौर शासकों की वीर गाथा प्रस्तुत करता है। जसवंत थाडा को जोधपुर का ताजमहल भी कहा जाता है जो symbol of Love के लिए एक बेटे का अपने पिता के लिए प्रेम को दर्शाता है।
7. रानीसार पदमसार (Ranisar Padamsar Lake)
रानीसार पदमसार जोधपुर की खुबसूरत झील हैं। दोनो झील आपस में एक दुसरे से जुड़ी हुई हैं। झील मेहरानगढ़ किले के फतेह पोल के पास स्थित है। रानीसार झील का निर्माण 1459 में महाराजा राव जोधा की महारानी जसमदे हाड़ी के आदेशानुसार करवाया गया था।
वही पदमासर झील का निर्माण राव गंगा की पत्नी रानी पदमिनी के आदेश से करवाया गया था। रानी पदमिनी मेवाड़ के महाराजा राणा सांगा की पुत्री थी। दोनों झीलें पर्यटकों हेतु शानदार परिदृश्य प्रदान करती हैं।
8. जोधपुर का सरकारी संग्रहालय (Government Museum Jodhpur)
जोधपुर में स्थापित सरकारी संग्रहालय जो जोधपुर की संस्कृति और सभ्यता और इतिहास से परिचय कराता है। इतिहास को क़रीब से जानना चाहते हैं तो Government Museum में घूमने के लिए जा सकते है। संग्रहालय में अमूल्य धरोहर का विशाल संग्रह है।
म्यूज़ियम में राजाओं की शाही तलवार, पोशाक, पेंटिंग, जोधपुर शासकों की तस्वीर, प्राचीन ग्रंथ जैसी इतिहास से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सरकारी संग्रहालय उमेद गार्डेन के पास स्थित है। पास में ही जोधपुर का चिड़ियाघर बना हुआ है।
9. जोधपुर का घंटाघर (Clock Tower Jodhpur)
जोधपुर के सबसे व्यस्त इलाका सदर बाजार में स्थित घंटाघर एक क्लॉक टॉवर है। क्लॉक टॉवर का निर्माण श्री सरदार सिंह जी के द्वारा करवाया गया था। क्लॉक टॉवर को देखने के बाद सदर बाजार में आप खरीदारी भी कर सकते हैं। सदर बाजार की तंग गलियों में मिट्टी के बर्तन, राजस्थानी परिधान, मार्वल की बनी मूर्तियां, चांदी के आभूषण जैसी वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं।
10. मंडोर की छतरी
मंडोर जोधपुर के पश्चिम दिशा में बसा प्राचीन काल में मारवाड़ की राजधानी था। मंडोर शाही स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। मंडोर में जोधपुर के शासकों के स्मारक बनाएं गए हैं जिन्हें छतरी कहा जाता है। गोल आकार में हिंदू मंदिरों की भांति छतरी का निमार्ण किया गया है। बहुत कम लोग ही स्मारकों को देखने के लिए जाते हैं। शाम होते ही स्मारकों को देखने की अनुमति नहीं दी जाती है।
11. गुलाब सागर झील (Gulab Sagar Lake Jodhpur)
गुलाब सागर झील जोधपुर की खुबसूरत झीलों में एक है। झील का निर्माण 1788 में महाराजा विजय सिंह के पुत्र गुलाब राय द्वारा करवाया गया था। झील को निर्मित करने का उद्देश्य पानी की कमी को पूरा करना था। क्योंकि बावड़ी में ज्यादा पानी एकत्र नही किया जा सकता था।
झील को पूरी तरह बनने में 8 साल का समय लगा था। झील में पानी नहर के रास्ते बाल समद झील से आता है। झील के पास ही भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कुंजबिहारी जी का मंदिर बना हुआ है। शाम को झील में घूमने के साथ भगवान श्री कृष्ण के दर्शन भी कर सकते हैं।
12. तूरजी का झालरा जोधपुर
तुरजी का झालरा एक शाही कुंआ है जिसका निर्माण 1740 में जोधपुर के महाराजा अभय सिंह की पत्नी तंवर जी द्वारा करवाया गया था। पुराने ज़माने में शाही महिलाओ द्वारा पानी भरने के लिए कुएं का उपयोग किया जाता था। पानी की उपलब्धता को पूरा करने के लिए रानी के आदेश द्वारा निर्मित 20 मीटर कुआं एक अच्छी पहल थी।
जोधपुर के अन्य दर्शनीय स्थलों की सूची
- मंडोर बाग
- गणेश भगवान मंदिर
- उमेद गार्डन
- चोखेलाओ बाग
- राव जोधा रॉक गार्डन
- Mhilla बाग का झालरा
- राव जोधा डिजर्ट रॉक पार्क
- चामुंडा माता मंदिर
- मंडलेश्वर महादेव
- कदम कांडी पिकनिक स्पॉट जोधपुर से 15 किमी दूर
- शास्त्री सर्किल
- मचिया सफारी पार्क
- मसूरिया हिल
- सरदार समद झील और महल
- राव जोधा जी की मूर्ति
- भीम भड़क
- अरना झरना
जोधपुर घूमने लायक सबसे अच्छा मौसम (Best Time to Visit Jodhpur)
जोधपुर एक रेगिस्तानी क्षेत्रों की सूची में शामिल है। जिस वजह से जोधपुर में गर्मी ज्यादा पड़ती है। जोधपुर में भारी गर्मी पड़ने के कारण इसे सूर्य नगरी के नाम से जाना जाता है। जोधपुर का तापमान अप्रैल, मई और जून में सबसे अधिक रहता है। बारिश का मौसम आते ही वर्षा की बूंदे तापमान को कम कर देती हैं जिससे थोड़ा रहता का ऐहसास होता है।
जोधपुर में गर्मी के मौसम में दिन में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती हैं और रात में मौसम ठंडा रहता है। जोधपुर घूमने के लिए आप अपने समय के अनुसार कभी भी घूमने के प्लान बना सकते हैं। पर यदि आप रेगिस्थान की चिलचिलाती गर्मी से बचना चाहते हैं तो सर्दियों का मौसम घूमने लायक बेहतर रहता है।
सर्दियों में अक्तूबर से मार्च के बीच जोधपुर घूमने के लिए अनुकूल मौसम रहता है। अगर आप मानसून में घूमने का प्लान बनाएं है तो सावन का महीना सबसे अच्छा रहता है। बड़ी तीज और बेंतमार का मेला देखने योग्य है।
जोधपुर में करने की मनोरंजन गतिविधियां (Things to Do in jodhpur)
ऊंट की सवारी
फ्लाइंग फॉक्स
कैंपिंग
घुड़ सवारी
जोधपुर पहुंचने का साधन (How To Reach Jodhpur)
ट्रेन से जोधपुर कैसे पहुंचे भारत
जोधपुर शहर में पहुंचने के लिए जोधपुर रेलवे स्टेशन बना हुआ है। जोधपुर रेलवे स्टेशन उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के अंर्तगत आता है। भारत के मुख्य शहर जयपुर, कानपुर, अलवर, दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, भोपाल, पटना , खांसी, जैसे शहरों से नियमित रूप से सुपरफास्ट ट्रेन का संचालन किया जाता है। आप अपने शहर के अनुसार ट्रेन की खोज करके टिकट बुक कर सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा जोधपुर कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग द्वारा जोधपुर जाने के लिए आप बस, टैक्सी, कैब का सहारा ले सकते हैं। जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्यमार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। भारत के मुख्य शहरों और पड़ोसी राज्य से पहुंचने के लिए सीधा सड़क का निर्माण किया गया है। जिसमे अनेक तरह की वोल्वो बस, साधारण बस, एसी सीटर बस चलती है। जिनका किराया भी साधारण रहता है।
हवाई मार्ग से जोधपुर कैसे पहुंचे
जोधपुर हवाई जहाज से जाने के लिए जोधपुर शहर से 5 किमी दूर में हवाई अड्डा है। अपने शहर से हवाई जहाज में सफर करने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं। जोधपुर एयरपोर्ट से स्पाइस जेट एयरलाइंस, एयर इंडिया की फ्लाइट संचालित की जाती है।
जोधपुर में रुकने लायक जगह
जोधपुर शहर में घूमने के लिए जाते है तो आपको होटल खोजने के लिए किसी भी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। जोधपुर शहर में अनेक मारवाड़ी होटल बने हुए हैं जिसमे ठहरने की उत्तम व्यवस्था रहती है। जोधपुर में होटल सस्ते से लेकर शाही होटल है। अगर आपका बजट ठीक ठाक है तो आप शाही होटल में ठहर सकते हैं। इसके अलावा जोधपुर में होटल आपको 1000 रुपए में अच्छा खासा मिल जायेगा।
जोधपुर में क्या खरीदें
जोधपुर में खरीददारी करने के लिए अनेकों प्रसिद्ध वस्तुएं मिल जायेंगी। यदि आप जोधपुर घूमने के लिए गए हैं तो आप जोधपुर के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के बाद अपने लिए गिराडी कोट और सरदार बाज़ार या घंटाघर बाज़ार से समान भी खरीद सकते हैं।
जोधपुर की प्रसिद्ध बाज़ार में हस्त निर्मित वस्तुएं, चमड़े के बनी जूतियां, चूड़ियां, कपड़े, बैग, रेशम से बनी दरी, मारवाड़ी रंगीन पगड़ी, राजस्थानी साड़ी, संगमरमर के पत्थर से बने अनेक मूर्तियां, राजस्थानी शैली में घर में सजावट के लिए समान ख़रीद सकते हैं।
8 खरीदारी करने की जगह (8 best Place for Shopping)
क्लॉक टॉवर - विभिन्न प्रकार के मसाले
नई सड़क - फैब्रिक के कपड़े
कपड़ा बाजार - राजस्थानी चुनरी, पगड़ी, लहंगा, साड़ी
सर्राफा बाजार - नई डिजाइन के आभूषण
त्रिपोलिया बाजार
मोची बाज़ार - राजस्थानी जूती
सोजाती गेट मार्केट - राजस्थानी हस्त निर्मित वस्तुएं
FAQs
1. जोधपुर शहर को किसने बसाया था?
जोधपुर शहर को 1459 में राव जोधा ने बसाया था। उन्होंने अपनी राजधानी मंडोर से जोधपुर स्थानांतरित किया था।
2. जोधपुर घूमने के लिए कितने दिन चाहिए?
जोधपुर के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करने के लिए 2 दिन पर्याप्त है। पहले दिन आप जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में घूम सकते हैं और किले के आसपास बने पर्यटन स्थलों को देख पाएंगे इसके बाद दूसरे दिन जोधपुर शहर के आसपास स्थित पर्यटन स्थलों पर घूम सकते हैं।
3. जोधपुर में सबसे फेमस क्या है?
जोधपुर में खाने के लिए सबसे ज्यादा मिर्च के पकोड़े, प्याज की कचौड़ी, घेवर, मावा की कचौड़ी लोकप्रिय राजस्थानी व्यंजन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।