12+ मेहंदीपुर बालाजी में घूमने की जगह, संकट मोचन हनुमान जी के दर्शन

मेंहदीपुर बालाजी जी धाम राजस्थान के दौसा जिले के मेंहदीपुर नामक जगह पर स्थित है। बालाजी मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। बालाजी का प्राचीन मंदिर हिंदुओ के धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। लोकप्रिय होने के कारण देश के अलग अलग राज्य और शहरो से लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते है। इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि मेहंदीपुर बालाजी में घूमने की जगह (Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah) कौन कौन सी हैं और बालाजी मंदिर के विषय में रोचक तथ्य क्या है।

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

जिन्हे संकट होता है वह भूत प्रेत की बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए बालाजी महाराज के चरणों में जाते है। जिसमे बालाजी महाराज में पेशी लगती है। प्रेतराज सरकार भूत प्रेत को दंड देकर उनको कैद करने का काम करते है। मंगलवार और शनिवार को बालाजी मंदिर में इतनी भीड़ होती है की पैर रखने तक की जगह नही होती है फिर भी बालाजी महाराज झलक पाने के लिए भक्त लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार करते हैं।


मेहंदीपुर बालाजी में घूमने की जगह | Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

मेंहदीपुर बालाजी में दर्शन करने के पश्चात घूमने की अनेकों जगहें हैं जहा पर आप अपने परिवार या दोस्तो के साथ जाकर यात्रा को सफल बना सकते हैं।


मेंहदीपुर बालाजी में घूमने की जगह संक्षिप्त परिचय

  1. बालाजी महाराज मंदिर
  2. राम सीता मंदिर
  3. समाधि स्थल
  4. शंकर जी मंदिर
  5. तीन पहाड़ प्राचीन मंदिर
  6. राधा कृष्ण मंदिर
  7. तीन मुखी हनुमान
  8. काली माता मंदिर
  9. सात पहाड़
  10. हनुमान मंदिर
  11. जानकी माता मंदिर
  12. चांद बावड़ी


बालाजी मंदिर का रहस्य (Mystery Of Balaji Temple Rajsthan)

  1. लोगों की मान्यता के अनुसार कहा जाता नकारात्मक बुराइयों और भूत प्रेत के साया से छुटकारा पाने के लिए लोग Mehandipur Balaji जी की शरण में जाते है। जहां बालाजी दरबार में पेशी लगती है। बुरी बाधाओं को कैद करके प्रेतराज सरकार दंड देने का काम करते है। जिसमे प्रेतराज सरकार कोड़े बरसाते है।
  2. यह मंदिर देश के बाकी मंदिरों से बिलकुल अलग माना जाता है। यहां पहुंचकर आपको विचित्र नजारे देखने को मिलते हैं। बालाजी धाम पर कहते हैं भूतो की अदालत लगती है।
  3. देखा जाता है जिसमे संकट आते है वह व्यक्ति अपने आप चिल्लाता रहता है। ऐसा लगता है जैसे कोई उन्हें दंड दे रहा हो। और कुछ समय मंदिर परिसर में बैठने के बाद जिन्हे संकट आते है वह अपने आप नॉर्मल हो कर ठीक हो जाता है।
  4. यह मंदिर विज्ञान और डॉक्टरों को चुनौती देता है। मंदिर के रहस्य को सुलझाने के लिए डॉक्टर और वैज्ञानिक शोध करने के लिए भी आते है। अभी तक वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझा नहीं पाए है। वैसे जो लोग नास्तिक होते हैं वह इन सब चीजों को नहीं मानते है।


मेहंदीपुर में बालाजी कौन हैं?

मेहंदीपुर में विराजित बालाजी महाराज भगवान हनुमान के बाल रूप है। बालाजी महाराज कलयुग में लोगों की दुःख दर्द और पीड़ा को हरने का काम करते हैं। जीवन में कष्ट, दरिद्रता, रोग पीड़ा, गरीबी से परेशान लोग बालाजी महाराज की शरण में जाते हैं। और मन मांगी मुराद पा कर जीवन में सफल होते हैं।


मेंहदीपुर बालाजी मंदिर का परिचय

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास 1008 साल पुराना बताया जाता है। कहा जाता है मंहत श्री गणेशपुरी महाराज जी के सपने में बालाजी आए थे और मंदिर बनाने को कहा था।

पहले इस स्थान पर घने जंगल, हुआ करते थे। घनी झाड़ियों में जंगली पशु घुमा करते थे। यह मंदिर दो पहाड़ यानी घाटी के बीच स्थित है इसलिए बालाजी को घाटा बालाजी नाम से पुकारा जाता है।

बालाजी की मूर्ति को किसी कारीगर ने नही बनाया बल्कि यह पहाड़ का ही एक अंग है। बालाजी महाराज के बाएं छाती के नीचे से एक जलधारा निरंतर बहती रहती है।

बालाजी मंदिर में प्रमुख तीन देवता है बालाजी महाराज, प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा जिन्हे भैरव कोतवाल कहा जाता है क्योंकि वह बालाजी महाराज की सेना के सेनापति है। भैरव कोतवाल को उड़द से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।

बालाजी महाराज के दरबार में दंड नायक के रूप में प्रेतराज सरकार जी रहते हैं। कहते है बुरी आत्माओं को दंड देने की जिम्मेदारी इन्हीं को रहती है। प्रेतराज सरकार को पके चावल और खीर का भोग लगाया जाता है।

बालाजी महाराज मेहंदीपुर में राजा के रूप में विराजमान हैं और भगवान शंकर जी के अवतार हैं। बालाजी के दरबार में बुरी आत्माओं की पेशी लगती है। बालाजी को लड्डूओ का भोग लगाया जाता है।


1. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur Balaji Temple)

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

घाटा बालाजी मंदिर मेहंदीपुर में हिंदुओ का सबसे मुख्य दर्शनीय स्थल माना जाता है। यह मेहंदीपुर में बालाजी का मुख्य मंदिर है जो शहर के बीच में स्थित है। बालाजी धाम में विराजमान साक्षात हनुमान जी भक्तो के दुख दर्द को हर लेते हैं।

बालाजी मंदिर के अंदर तीन प्रमुख देवताओं का दर्शन करने को मिलता है जिसमे बालाजी महाराज, भैरव बाबा (कोतवाल), प्रेतराज सरकार। बालाजी मंदिर में प्रसाद लेने के बाद सबसे दर्शन करने की प्रक्रिया में पहला काम होता है दर्शन के लिए लाइन पर लगना। भक्तो की सुविधा हेतु लाइन में लगने के लिए लोहे की रेलिंग बनी हुई हैं।

लाइन पर लग कर आप धीरे धीरे मंदिर तक पहुंच जाते हैं। जिसमें आपको सबसे पहले बालाजी महाराज के दर्शन होंगे जहां पर आप दर्शन करके अपनी अर्जी लगा सकते हैं और मन्नत मांग सकते है। इसके बाद सीढ़ियों से चढ़कर आगे बढ़ेंगे तो आपको भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार के दर्शन होंगे। और आगे बढ़ते हुए आप मंदिर के पीछे दरवाजे से बाहर निकल पाएंगे।

मेहंदीपुर बालाजी में होने वाली शाम की आरती बहुत ही महत्वपूर्ण है जो शाम 6:30 से 07:00 तक के बीच में होती है। सर्दियों और गर्मियों के मौसम में आरती का समय बदलता रहता है जिसको संकट आते हैं उसे यह आरती में जरूर शामिल होना चाहिए क्योंकि यदि जिसे संकट आते है आरती के समय संकट वाले व्यक्ति के ऊपर भूत प्रेत सवार हो जाते है। और प्रेतराज सरकार के द्वारा उन्हें दंड दिया जाता है। 

बुरी आत्माओं को कैद करने के लिए लोग मंदिर परिसर में ताले लगा कर बुरी आत्माओं को कैद कर देते है। शाम को आरती के समय Balaji Temple में पानी के छींटे दिए जाते है। आरती के समय इन पानी के छीटें ग्रहण करना बालाजी का प्रसाद और आशीर्वाद माना जाता है। पवित्र पानी बालाजी की भुजा से निकला हुआ होता है। पानी के छीटें शरीर में पड़ना शुभ माना जाता है।


2. राम सीता मंदिर (Mehandipur Balaji)

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

बालाजी मंदिर में दर्शन करने के बाद आप पीछे के रास्ते होते हुए बालाजी मंदिर की मुख्य गली में आ जाएंगे जहा पर बालाजी मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक सामने राम सीता का मंदिर स्थित है। जहा पर आप राम और सीता माता के अलौकिक दर्शन कर पाएंगे हैं। यहां कुछ समय रूककर राम दरबार का अलौकिक नजारा देखने को मिलेगा।

सुबह शाम होने वाली आरती सबसे पहले राम मंदिर में होती है इसके बाद बालाजी महाराज की आरती की जाती है। बालाजी मंदिर के ठीक सामने राम जी का मंदिर इसलिए बनाया गया है। की हर समय हनुमान जी अपने प्रभु राम के दर्शन कर सके।


3. समाधि वाले बाबा (Samadhi Sthal Balaji)

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

समाधि स्थल बालाजी मंदिर से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। यह समाधि स्थल बालाजी मंदिर के पहले महंत गणेशपुरी महाराज जी की समाधि है। यहां पर भक्तो द्वारा जलेबी का प्रसाद और घी के दीपक जलाया जाता है। यह समाधि स्थल इसलिए प्रसिद्ध है। क्योंकि महंत गणेशपुरी महाराज जी ने बालाजी के चमत्कारों को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया था।

इस समाधि में भूत प्रेत बाधाओं से ग्रसित व्यक्ति जाते हैं और ठीक होकर वापस अपने घर जाते है। कहते हैं समाधि स्थल में जाए बिना बालाजी धाम की यात्रा पूर्ण नही मानी जाती। इसलिए यदि आप बालाजी की यात्रा पर जाएं तो अवश्य समाधि वाले बाबा की स्थली पर जाएं।


4. शंकर जी मंदिर बालाजी | Shankar ji Mandir Mehandipur Balaji

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

शंकर जी मंदिर तीन पहाड़ पर स्थित बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर पर पहुंचने के लिए खड़ी सीढ़ियों की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। मंदिर के अन्दर भगवान शिवलिंग को स्थापित किया गया है। मंदिर शिवलिंग में दूध और बेल पत्री को चढ़ाने की मान्यता है। दूध चढ़ाने के लिए बहुत से लोग 10 रुपए गिलास दूध बेचते नजर आ जायेंगे। और बेल पत्री का दोना भी 10 रूपए में मिल जाता है।

मंदिर के अंदर प्रवेश करके आप शिवलिंग के दर्शन करके मन्नत मांग सकते हैं। इसके बाद इस मंदिर में गणेश भगवान, मां पार्वती, और भगवान राम की मूर्ति स्थापित की गई है। मंदिर में दर्शन करने के बाद आप पीछे की सीढ़ियों से उतर कर तीन पहाड़ घूमने के लिए जा सकते हैं।


5. तीन पहाड़ (Teen Pahad Mehandipur Balaji)

बालाजी मंदिर में दर्शन करने के बाद और राम सीता जी के दर्शन करने के बाद ट्रैकिंग करते हुए तीन पहाड़ मंदिर में दर्शन करने के लिए जा सकते है। दरअसल तीन छोटी पहाड़ियों का समूह मिलकर तीन पहाड़ कहलाता है। तीन पहाड़ के ऊपर अनेकों मंदिर लाइन से बने हुई है। तीन पहाड़ में शिव मंदिर, काली मंदिर, पंचमुखी हनुमान, और कई अन्य देवी देवताओं के मंदिर में दर्शन करने को मिलते हैं।

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

तीन पहाड़ के ऊपर माता अंजनी का प्राचीन मंदिर स्थापित है निःसंतान महिलाएं मन्नत मांगने के लिए पूजा करने के लिए जाती हैं। तीन पहाड़ का रास्ता बालाजी मंदिर की मुख्य गली के बाज़ार से होता हुआ जाता है। पहाड़ के रस्ते पर आपको अनेकों खाने पीने की दुकानें और होटल मिलते जायेंगे और ऊंट की सवारी का आनंद लेते हुए राजस्थानी पहनावे में फोटो खींचा सकते हैं।


6. राधा कृष्ण मंदिर |Radha Krishna Mehandipur Balaji

तीन पहाड़ की ऊंचाई पर जाते समय रास्ते में राधा कृष्ण का मंदिर देखने को मिलता है। जिसमे राधा और कृष्ण की बहुत सुंदर मूर्ति विराजमान है। जो पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है। राधा कृष्ण मूर्ती के दर्शन करने के बाद आप फ़ोटो भी खींच सकते हैं। तीन पहाड़ के आखिरी छोर पर शक्ति स्थल बना हुआ है। जहां भैरव बाबा की पूजा की जाती है। मंदिर की भभुति बहुत ही कष्ट हारी होती है। जो व्यक्ति दर्शन करने के लिए जाते हैं वह भभूति लेकर जरूर आते हैं।


7. पंचमुखी मुखी हनुमान (Hanuman Temple Bala Ji)

पंचमुखी हनुमान मंदिर तीन पहाड़ पर स्थित भक्तो के लिए दर्शनीय स्थल है। तीन पहाड़ की चढ़ाई चढ़ते समय पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर स्थित हैं। मंदिर में हनुमान जी की पांच मुख रूपी में मूर्ति स्थापित की गई है। मंदिर में हनुमान जी को लड्डूओ का भोग लगाने के बाद आप दर्शन कर सकते हैं और हनुमान जी से मन्नत मांग सकते हैं।

 

8. काली माता मंदिर - Kali Temple Balaji

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

तीन पहाड़ में स्थित काली माता मंदिर बहुत ही प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर भी भक्तो से घिरा रहता है। काली माता मंदिर में सिर पर नींबू रखकर काटने को शुभ माना जाता है। पहाड़ चढ़ते समय माता के दर्शन कर सकते हैं। माता के मंदिर में भक्त लोग हमेशा भजन कीर्तन गाते हैं। 

कहते है काली माता मंदिर में वे संकट वाले लोग आते है। जिन्हे करतब करवाया गया होता है। काली माता मंदिर में भक्तो की बहुत भीड़ लगती है चलते चलते थक गए हैं तो माता के मंदिर में बैठकर विश्राम करते हुए गीत सुन सकते हैं। माता के भक्त दरबार में ढोल बाजे के साथ बड़े उत्साह से गीत गाते हैं।


9. सात पहाड़ ( Saat Pahad Mehndipur)

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

बालाजी मंदिर के ठीक पीछे से रास्ता है जो सात पहाड़ तक जाता है। अगर आपको ट्रेकिंग का शौक है तो दो किलोमीटर पैदल चलकर ट्रैकिंग का मजा ले सकते है। पहाड़ में चढ़ते समय रास्ते में अनेक मंदिर मिल जाएंगे जिनमें से मुख्य मंदिर शेष नाग भगवान और गणेश जी का मंदिर है। सात पहाड़ में चढ़ने के बाद ऊंचाई से मेंहदीपुर का दृश्य बहुत आकर्षण दिखता है। पहाड़ पर चढ़ कर आप तस्वीर खींच सकते हैं। और अपनी यात्रा के यादगार लमहों और पलों को कैमरे में कैद कर सकते हैं।


10. हनुमान जी मंदिर | Balaji Hanuman ji Mandir

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

बालाजी मंदिर परिसर से पैदल चलकर महज 10 मिनट में हनुमान मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यहां पर हनुमान जी की 151 फिट की ऊंचाई पर बनी मूर्ति घूमने आने वालो का आकर्षण का केंद्र है।

हनुमान जी की मूर्ति के नीचे एक छोटी सी 10 मीटर की सुरसा नामक गुफा है। जिसमे अंदर प्रवेश करने पर आपको दीवार पर अनेकों देवी देवताओं की मूर्तियां बनी हुई है। यहां पर घूमने आने पर मन को एक अलग शांति की अनुभूति होती है।


11. अंजनी माता मंदिर | Anjani Mata Mandir Mehandipur

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

बालाजी मंदिर की गली से आगे एक किलोमीटर दूरी पर और हनुमान मंदिर से भी आगे गली में माता अंजनी का मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर हनुमान जी की माता अंजनी को समर्पित है। अंजनी माता मंदिर सफेद संगमरमर से बनाया गया है जो देखने में बेहद सुंदर लगता है। मंदिर परिसर में अनेकों तरह की मूर्तियां और पार्क बना हुआ है जहा पर कुछ समय विश्राम करके आनंद प्राप्त कर सकते हैं।


12. चांद बावड़ी (Chand Bawdi Abhaneri Rajasthan)

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

चांद बावड़ी एक ऐतिहासिक पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है। यह स्थान Mehandipur Balaji धाम से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर आभानेरी गांव में स्थित है। और बांदीकुई रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। इस बावड़ी का निर्माण 9 वी शताब्दी में गुर्जर प्रतिहार वंश के राजा मिहिर भोज ने करवाया था जिन्हे चांद के नाम से जाना जाता था।

यह एशिया की सबसे पुरानी और दुनियां की सबसे गहरी बावड़ी अपने गर्भ में अनेकों रहस्यों को दबाए हुए है। क्षेत्रीय लोगो के द्वारा कहा जाता है की इस बावड़ी का निर्माण रातों रात भूतों ने किया था। इस बावड़ी में प्राचीन मूर्तियों में अद्भुत शिल्पकारी देख सकते हैं। यह जगह पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है।


मेहंदीपुर बालाजी में अर्जी कैसे लगाएं? (Mehandipur Balaji Me Arji kaise Lagaye)

बालाजी मंदिर में दर्शन करने जाने पर सुबह सुबह जल्दी उठकर स्नान करना पड़ता है। इसके बाद सबसे पहले आपको बालाजी मंदिर के दर्शन करने होते है। जिसमे आपको कई तरह के प्रसाद चढ़ाने के लिए दुकानों में देखने को मिल जायेंगे जिसमे दरखास प्रसाद, अर्जी का प्रसाद, और चोला रहता है।

यदि आप Mehandipur Balaji मंदिर में मात्र दर्शन करने के लिए गए हैं तो आप दरखास प्रसाद चढ़ा कर बालाजी भगवान के दर्शन कर सकते हैं। यदि आप कोई मन्नत मांगते हैं तो आप अर्जी का प्रसाद चढ़ा सकते है। और यदि आपकी मन्नत पूर्ण हो जाती है तो चोला चढ़ाया जाता है।


मेहंदीपुर बालाजी में सवामनी (Mehandipur Balaji Sawamani)

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में सवामनी चढ़ाई जाती है। जिसमे हलुआ पूरी, खीर पूड़ी, लड्डू पूड़ी प्रसाद रहता है। सवामणि भोग चढ़ाने का समय 11:30 से 2 बजे तक रहता है। दरअसल सवामनी सवा मन अन्न को कहा जाता है। जिसमे आप सवा मन राशन का प्रसाद बना कर बालाजी महाराज को भोग चढ़ाते है।

बालाजी जी परिसर में बहुत सी दुकानें हैं जहा पर आप सवा मन राशन न देकर आप सवा मन राशन के हिसाब से पैसे दे दीजिए। दुकानदार आपको सवामणि का प्रसाद दे देगा। और आप जाकर बालाजी महाराज को भोग लगा सकते हैं। या फिर आप सवामणि का पैसा देकर रसीद प्राप्त कर सकते हैं।

बालाजी मंदिर में दर्शन करने पर जो भक्त मन्नत मांगते हैं और सवामणि चढ़ाने का वचन देते हैं। और उनकी मन्नत पूर्ण हो जाती है तो वह सवामणि चढ़ाते हैं। सवामनी मंगलवार या शनिवार को चढ़ती है।


मेहंदीपुर बालाजी जाने के नियम (Mehandipur Balaji Jane Ke Niyam)

  1. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन करने जाने से एक सप्ताह पहले प्याज़ लहसुन और नॉन वेज नहीं खाना चाहिए। हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार प्याज लहसून और नॉन वेज, तामसिक भोजन की श्रेणी में आते है।
  2. फोन कैमरा का इस्तेमाल निषेध है बालाजी मंदिर में दर्शन करने जाने पर फोन या कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं है।
  3. मंदिर में दर्शन करने जाने पर पुजारी या पंडित किसी को पैसे न दें अगर आपको दान करना है तो मंदिर परिसर में स्थित दानपेटी में अपना पैसा डालें।
  4. दर्शन करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा जाता और घर पहुंच कर 21 दिनो तक लहसुन प्याज का सेवन वर्जित है। बहुत से भक्त हैं जो आजीवन लहसुन प्याज का त्याग कर देते हैं।
  5. मेहंदीपुर बालाजी में दर्शन करने के बाद प्रसाद घर पर नहीं लाया जाता। यदि आप कुछ खानें पीने का सामान लेकर गए हैं तो उसे वही पर छोड़ कर आया जाता है।


मेहंदीपुर बालाजी जाने का सबसे अच्छा दिन | Balaji Jane ka sahi samay

मेहंदीपुर बालाजी में दर्शन करने जाने के लिए साल भर भक्त जाते रहते हैं। लेकिन मंगलवार, शनिवार, पूर्णिमा और होली के त्योहार के मौके पर बालाजी मे बहुत भीड़ होती है। यदि भीड़भाड़ में आप दर्शन नहीं करना चाहते है। तो मंगलवार और शनिवार को छोड़ कर आप किसी भी दिन दर्शन के लिए जा सकते हैं। बालाजी मंदिर के द्वार भक्तो के लिए साल भर खुले रहते हैं आप किसी भी मौसम में घूमने के लिए जा सकते हैं।


मेहंदीपुर बालाजी कैसे पहुंचे? (How to reach Mehandipur Balaji Rajasthan)

मेहंदीपुर बालाजी जी एक हिंदुओ का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां पर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग, वायु मार्ग, और ट्रेन के द्वारा पहुंचा जा सकता है। आप अपने परिवार या दोस्तो के साथ बालाजी धाम की पावन यात्रा कर रहे हैं। तो आसानी से मेहंदीपुर पहुंच सकते हैं।


बालाजी वायुमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे? - How To Reach Mehandipur Balaji Aeroplane

यदि आप हवाई जहाज से मेहंदीपुर बालाजी जाना चाहते है तो निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में है। जयपुर से मेहंदीपुर की दूरी लगभग 100 किलामीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर पहुंच कर आप बस द्वारा मेंहदीपुर धाम पहुंच सकते हैं। जयपुर से मेहंदीपुर तक बस का किराया 120 से 150 रुपए तक रहता है। यदि आप टैक्सी बुक करके बालाजी जाना चाहते है तो इसका किराया लगभग 2000 से 2500 रुपए तक रहता है।


सड़क मार्ग द्वारा बालाजी कैसे पहुंचे? (How To Reach Mehandipur Balaji By Road)

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर सड़क मार्ग द्वारा पहुंचना आसान है। आप चाहे तो बस बुक करके बालाजी यात्रा पर जा सकते है। या फिर बहुत सी बसे बालाजी धाम तक रोजाना चलती है।

जयपुर, आगरा, मथुरा, बृंदावन, अलीगढ़ जैसे शहरों से रोजाना बसे संचालित होती है। आप अपना निजी वाहन कार या बाइक लेकर जा सकते हैं। यदि आप बांदीकुई से बस या जीप से पहुंचते हैं तो आपको मंदिर परिसर से करीब 200 मीटर पहले उतरना पड़ता है।


रेल मार्ग से बालाजी कैसे पहुंचे? (How To Reach Mehandipur Balaji By Train)

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

मेहंदीपुर बालाजी रेलमार्ग से पहुंचना सबसे आसान है। बालाजी ट्रेन द्वारा पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन बांदीकुई है। बांदीकुई रेलवे स्टेशन से मुख्यता आप दौसा मेहंदीपुर बालाजी में पहुंच सकते हैं। और करौली जिले में स्थित माता करौली देवी जा सकते हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर बांदीकुई से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है।

बांदीकुई रेलवे स्टेशन पहुंचकर आप टैक्सी, ऑटो, मैजिक, बुक करके बालाजी मंदिर पहुंच सकते हैं। बांदीकुई से बहुत से सार्वजनिक वाहन बसे, जीप 24 घंटे चलते रहते हैं। बांदीकुई से मेहंदीपुर बालाजी का किराया लगभग 45 से 60 रुपए के बीच में है।

बांदीकुई रेलवे स्टेशन अच्छी तरह दिल्ली, अजमेर, अहमदाबाद, जयपुर, कानपुर, आगरा, लखनऊ, जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है।


मेहंदीपुर बालाजी में कहां ठहरें? (Mehandipur Balaji Mein Hotal)

मेहंदीपुर बालाजी एक दर्शनीय स्थल होने के कारण यहां पर आपको कम बजट से लेकर महंगा होटल मिल जायेगा। जिसमे रूम का किराया लगभग 1400 से लेकर 1800 तक के बीच रहता है।

इसके अलावा बालाजी में ठहरने के लिए बहुत से निजी धर्मशाला गेस्ट हाउस बने हुए है जिसमे 24 घंटे और 12 घंटे के हिसाब से कमरा देते हैं। जिसमे आपको केवल ठहरने फ्रेश होने और नहाने की सुविधा रहती है। जिसमे कमरे में ठहरने का किराया 400 से लेकर 800 रुपए तक रहता है। भोजन करने के लिए आपको किसी रेस्टोरेंट में जाना पड़ेगा। बहुत से धर्मशाला ऐसे भी है जहा आपको रहने और खाने की सुविधा देते है। बालाजी पहुंच कर घूम घूम कर आप पता कर सकते है।

यदि आप अकेले या फिर दो लोग गए है तो आपके लिए होटल में रूम लेना उचित रहेगा। यदि आप बालाजी मंदिर यात्रा करने आपके साथ काफी संख्या में लोग गए हैं। तो आपके लिए धर्मशाला लेना उचित रहेगा। बहुत से दर्शनार्थी खाना बनाने के लिए अपने साथ राशन, गैस सिलेंडर, चूल्हा, लेकर जाते हैं। ऐसे में होटल में खाना बनाने की सुविधा नहीं रहती। और धर्मशाला में खाना बनाने की अनुमति रहती है।

ज्यादा लोगों के लिए खाना बनाने के लिए आप तंदूर में रोटी पका सकते हैं। तंदूर आपको किराए पर भी मिल जायेंगे। ऐसे में आपको लकड़ी की जरुरत होती है। आप चाहे तो लकड़ी साथ लेकर जा सकते हैं या फिर पास मे टोडाभीम नामक जगह है वहा पर आरामील हैं जहा से आप लकड़ी खरीद सकते हैं।


मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के प्रमुख होटल

  1. अंजनी धाम धर्मशाला
  2. बॉम्बे धर्मशाला मेंहदीपुर बालाजी
  3. मधुवन यात्री निवास
  4. श्री रामदूत आश्रम धर्मशाला
  5. अग्रवाल विश्राम गृह
  6. आशीर्वाद धर्मशाला
  7. संकट मोचन धाम आश्रम बालाजी


बालाजी मंदिर में खाने की व्यवस्था (Balaji Mein Khane Ki Byawastha)

बालाजी मंदिर के पास आपको अनेकों तरह के होटल और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे। जहा पर खाने के लिए बिना लहसुन प्याज का भोजन खाने के लिए मिल जायेगा। आपको यहां पर 150 रुपए में भर पेट खाना खा सकते हैं। और यह पर थाली सिस्टम 120 रूपए में मिल जाता है। जिसमे सब्जी, रोटी, दाल, चावल, सलाद रहता है इसके अलावा लस्सी, चाट, पानीपुरी, पराठा, छोले भटूरे, जैसे व्यंजन का स्वाद ले सकते हैं।


मेंहदीपुर बालाजी की यात्रा में कितना खर्चा आएगा? (Balaji ghumne ka kharcha)

किसी भी यात्रा की योजना बनाने से पहले यात्रा का बजट बनाना बहुत जरूरी होता है। आपको बता दे बालाजी की यात्रा आप बहुत ही कम रुपए में कर सकते हैं। यदि आप बालाजी में दो दिन की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो आपको लगभग 2000 से लेकर 3000 रुपए में यात्रा पूरी हो सकती है। यदि आप रात में बालाजी पहुंचे है तो एक रात रुक कर अगली सुबह दर्शन करने के बाद आसपास मंदिर में घूम सकते हैं और फिर शाम को या रात को वापस घर आ सकते है।


मेंहदीपुर के आसपास दर्शनीय स्थल

कैला माता मंदिर करौली    : 90 किलोमीटर दूरी पर स्थित है

खाटूश्याम दरबार.            : 190 किमी

सालासर बालाजी महाराज : मेंहदीपुर से 280 किमी दूर चूरू जिले में स्थित है।


FAQs

1. मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन का समय

भक्तो के दर्शन के लिए बालाजी का मंदिर सुबह 6:00 बजे से रात 09:00 बजे तक खुला रहता है।

2. मेहंदीपुर बालाजी नियरेस्ट रेलवे स्टेशन

मेंहदीपुर बालाजी का सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन बांदीकुई रेलवे स्टेशन है जो बालाजी धाम से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

3. मेहंदीपुर बालाजी से आने के बाद क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

मेंहदीपुर बालाजी से दर्शन करने के बाद कहा जाता है। अंडा, मीट, मदिरा, लहसून, प्याज का सेवन त्याग देना चाहिए।

4. बालाजी मंदिर कहा है?

घाटा बालाजी महाराज का मंदिर राजस्थान के दौसा जिले की मेहंदीपुर जगह पर स्थित एक धार्मिक प्राचीन मंदिर है जो हनुमान जी को समर्पित है।


निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख में आपको मेहंदीपुर बालाजी में घूमने की जगह (Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah) और बालाजी की संपूर्ण यात्रा विवरण के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है। जिसमें बालाजी मे ठहरने से लेकर कैसे पहुंचे और बालाजी महाराज के दर्शन कैसे करें और बालाजी के नियम क्या है। यदि Mehandipur Balaji के विषय में यह जानकारी आपको अच्छी लगी है तो लेख को बालाजी भक्तो के पास अवश्य शेयर करें।

Disclaimer- यह लेख किसी भी अंध विश्वास को बढ़ावा नही देता। सभी की भावनाओं का सम्मान करता है। दी गई जानकारी धार्मिक आस्थाओं और लोगों की मान्यता पर आधारित है। यह लेख मात्र जानकारी के लिए लिखा गया है।

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1 Comments
  • Anonymous
    Anonymous June 13, 2023 at 7:25 PM

    G mujhe ye jan kar acha lga ki etna kuch h dekhne ko mehandipur balaji dham me..

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