12+ चित्रकूट में घूमने की जगह | भगवान कामतानाथ के दर्शन
चित्रकूट धाम हिंदुओ के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। चित्रकूट को भारत का प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है इसका शहर का वर्णन वाल्मीकि रामायण में देखने को मिलता है। चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश राज्य और मध्यप्रदेश राज्य के बीच सतना जिले में स्थित है। चित्रकूट धाम की पावन भूमि में कई धार्मिक दर्शनीय स्थल मौजूद है। जहां दूर दूर से लोग घूमने और दर्शन करने के लिए आते हैं। Chitrakoot भारतीय तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों द्वारा भी पसंद किया जाता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि चित्रकूट में घूमने की जगह (Chitrakoot Me Ghumne Ki Jagah) कौन सी हैं जहां आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं।
चित्रकूट धाम प्रभु राम की पावन स्थली मंदाकिनी नदी के किनारे बसा भारत के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है। यहां पर बहुत ही सुंदर प्राकृतिक और आध्यात्मिक स्थान है। जहां पर भारी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं।चित्रकूट का इतिहास महाकाब्य रामायण से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम 14 वर्ष बनवास के समय 11 वर्ष चित्रकूट स्थान पर अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता माता के साथ गुजारा था। चित्रकूट में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कामदगिरि की परिक्रमा और देव दर्शन सबसे महत्वपूर्ण माने जाते है।
चित्रकूट में घूमने की जगह | Chitrakoot Me Ghumne Ki Jagah
चित्रकूट धाम अनेकों तरह के पर्यटन स्थलों से भरा हुआ है। यह स्थान भौतिक विशेषताओं के साथ साथ संस्कृति और ऐतिहासिक स्थानों को सहेजे हुए है।
इस लेख में हम आपको 10 से भी अधिक चित्रकूट में घूमने की जगह (Chitrakoot me ghumne ki jagah) बताएंगे। इसके अलावा चित्रकूट कैसे पहुंचे, और कहां पर ठहरे अगर आप चित्रकूट में घूमने की योजना बना रहे हैं तो यह जानकारी आपके चित्रकूट यात्रा को सुलभ बनाने में मदद कर सकती है। इसलिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें ताकि आपको चित्रकूट धाम से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त हो सके।
चित्रकूट का परिचय - Introduction Of Chitrakoot in Hindi
- चित्रकूट मंदाकिनी नदी के किनारे बसा एक धार्मिक प्राचीन तीर्थ स्थल है। इसका इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। चित्रकूट शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। जिसमे चित्र का अर्थ दृश्य और कूट का अर्थ पर्वत होता है। अर्थात पर्वतीय दृश्यों का अनुपम केंद्र।
- भगवान कामता नाथ का मंदिर कामदगिरि पर्वत पर स्थित है। यह पर्वत चारो दिशाओं से धनुष के आकार का दिखाई देता है। त्रेता युग का यह तीर्थ स्थल अपने गर्भ में अनेकों तरह के धार्मिक स्थल संजोए हुए है।
- चित्रकूट अनेकों साधु, संतो ऋषि, मुनियों का यह आध्यात्मिक केंद्र भी रहा है। जिसकी वजह से चित्रकूट की भूमी पावन हो गई।
- चित्रकूट में प्रभु श्री राम 14 वर्ष के वनवास काल के दौरान अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता जी के साथ निवास किया था। भगवान राम के चरणों से चित्रकूट की भूमि पवित्र हो गई है।
चित्रकूट में घूमने की जगह संक्षिप्त परिचय (Chitrakoot Ke Dharmik Sthal in Hindi)
- कामदगिरि पर्वत चित्रकूट
- लक्ष्मण पहाड़ी
- रामघाट चित्रकूट
- गुप्त गोदावरी
- हनुमान धारा
- स्फटिक शिला
- वाल्मीकि आश्रम
- भरत मिलाप
- भरत कूप
- जल प्रपात और दंतेवाड़ा काली माता मंदिर
- सती अनुसुइया
- जानकी कुंड चित्रकूट
चित्रकूट यात्रा का प्लान
चित्रकूट में दर्शन करने के लिए गए हैं तो सबसे पहले रामघाट में स्नान करने के बाद भगवान कामता नाथ के दर्शन करना शुभ माना जाता है। कामता नाथ के दर्शन करने से पहले कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा की जाती है इसके बाद दर्शन करने होते हैं। कामदगिरि की परिक्रमा करते हुए रास्ते में सभी मंदिरो में दर्शन कर सकते हैं। भगवान कामता नाथ के दर्शन करने के बाद चित्रकूट के बाकी दर्शनीय स्थलों में जा सकते हैं।
1. कामदगिरि पर्वत चित्रकूट धाम - KamadGiri Parvat Chitrakoot Famous Dharmik Sthal
इसलिए यहां प्रति वर्ष दूर दूर से लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। भक्त रामघाट पर स्नान करने के बाद अपनी परिक्रमा की शुरुआत करते है। भगवान कामतानाथ की परिक्रमा का मार्ग बहुत ही सरल है। समतल रास्ता है जिसमे पक्का चकरोड़ बना हुआ है।
भक्तों को परिक्रमा करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती। रास्ते में बहुत से छोटे मंदिर और दर्शनीय स्थलों में दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। परिक्रमा के रास्ते बहुत सी दुकानें भी है जहां खरीदारी भी कर सकते हैं। परिक्रमा का मार्ग 5 किलोमीटर दूर है जो कामतानाथ पर्वत के चारो गोलाकार बना हुआ है।
परिक्रमा को पूर्ण करने में एक से दो घंटे का समय लग जाता है। भगवान कामतानाथ की परिक्रमा कामतानाथ मंदिर के मुख्य द्वार से शुरू होते हुए मुख्य द्वार पर आकर खत्म होती है। इसके बाद आप कामतानाथ मंदिर में पूजा करके भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की अर्जी लगा सकते हैं।
2. लक्ष्मण पहाड़ी चित्रकूट का धार्मिक स्थल - Lakshman Pahadi Chitrakoot
Tourist Place
लक्ष्मण पहाड़ी चित्रकूट धाम में प्रमुख स्थल है यह पहाड़ी कामदगिरि पर्वत से काफी नजदीक पर स्थित है। लक्ष्मण पहाड़ी कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा के रास्ते पर पड़ता है। लक्ष्मण पहाड़ी में आपको भगवान राम, लक्ष्मण और उनके छोटे भाई भरत का मंदिर देखने को मिल जायेगा। मंदिर में खंभे बने हुए जिन्हें गले लगाने की मान्यता है। लक्ष्मण पहाड़ी पर जाने के लिए 150 सीढ़ियां बनी हुई हैं। अगर आप चलने मे असमर्थ है तो यहां रोपवे के द्वारा पहाड़ी पर पहुंच सकते हैं।
3. रामघाट चित्रकूट का दर्शनीय स्थल - Ramghat
घाट के किनारे बहुत से देवी देवताओं के मंदिर बने हुए हैं जिसमें गजेंद्रनाथ शिव मंदिर प्रमुख हैं स्नान करने के बाद दर्शन कर सकते हैं। राम घाट में तैरती हुई सैकड़ों की संख्या में नाव देखने को मिल जाएंगी। जहा पर तीर्थयात्री नौका विहार का आनंद ले सकते हैं। चित्रकूट धाम में आने वाले पर्यटक रामघाट में स्नान करके कामतानाथ भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं। चित्रकूट में ही भगवान राम ने गोस्वामी तुलसीदास जी को दर्शन दिए थे। राम घाट पर भक्तो की भीड़ सुबह से लगने लगती है।
4. गुप्त गोदावरी गुफा चित्रकूट
जलधारा ज्यादा गहरी नही है जो लोग अंदर दर्शन करने के लिए जाते हैं वह नंगे पैर जूते उतार कर जलधारा को पार करते हुए गुफा के अंदर जाते हैं। गुफा के अंदर हिंदू देवी देवताओं के मंदिर बने हुए है। जिसमें दुर्गा माता, हनुमान मंदिर और भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है। यह धार्मिक स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। गुप्त गोदावरी में जानें का टिकट शुल्क 20 रूपए का लगता है।
5. हनुमान धारा चित्रकूट की प्रसिद्ध जगह - Hanuman Dhara Chitrakoot Famous Tourist Place
चित्रकूट के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में हनुमान धारा एक प्रसिद्ध प्रमुख पर्यटन स्थल है। चित्रकूट कामतानाथ भगवान मंदिर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हनुमान धारा एक जंगल में पहाड़ी के ऊपर स्थित है। हनुमान जी के दर्शन करने के लिए तीर्थयात्रियों को 360 सीढ़ी चढ़ कर जाना होता है। जो लोग चलने में असमर्थ हैं वह रोपवे से हनुमान धारा पहुंच सकते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है हनुमान जी लंका में आग लगाने के बाद इसी पहाड़ी पर छलांग लगाई थी और अपना गुस्सा शांत करने के लिए पहाड़ी से बहती ठंडी धारा में खड़े होकर गुस्सा शांत किया था। तभी से इस प्रसिद्ध जगह को हनुमान धारा कहा जाता है। हनुमान धारा की पहाड़ी के ऊपर ही सीता रसोई बनी हुई है जहां माता सीता भोजन बनाती थी। रसोई में खाना बनाने की प्राचीन वस्तुएं जैसे बेलना, चिमटा, चूल्हा देख सकते हैं।
जाने का निर्धारित समय: हनुमान धारा में भक्त सुबह 5 बजे से 12 बजे तक और शाम 4 बजे से 8 बजे तक जा सकते हैं।
6. स्फटिक शिला चित्रकूट में घूमने की प्रसिद्ध जगह - Sphatik Shila Chitrakoot
स्फटिक शिला चित्रकूट धाम में मंदाकिनी नदी के किनारे पर स्थित है। यह शिला जानकी कुंड के काफी नजदीक बनी हुई है। स्फटिक शीला में ही भगवान राम माता सीता के साथ विश्राम किया करते थे। स्फटिक शिला पर भगवान राम के पैरों के निशान देखने को मिलते है। इस स्थान पर भगवान राम ने सीता जी का श्रृंगार किया था। दूसरी मान्यता है कि भगवान राम ने इसी जगह पर इंद्र के पुत्र जयंत को दंड दिया था।
7. वाल्मीकि आश्रम चित्रकूट - Valmiki Ashram Chitrakoot Famous Place
वाल्मीकि आश्रम चित्रकूट जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर प्रयागराज रोड़ पर स्थित है। यह आश्रम वाल्मीकि नदी के तट पर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम 14 वर्ष का बनवास काटने के बाद जब माता सीता का त्याग कर दिया था। तब माता सीता इसी आश्रम में आकर रूकी थी। यही पर लव कुश का जन्म हुआ था।
8. भारत मिलाप चित्रकूट का प्रसिद्ध स्थल - Bharat Milap Chitrakoot
चित्रकूट धाम के दर्शनीय स्थलों में से एक भरत मिलाप वह स्थान है। जहा भरत भगवान राम के वन जाने के बाद उनसे मिलने के लिए इसी स्थान पर आए थे और अयोध्या वापस लौट जानें का आग्रह किया था। मान्यता है की राम और भरत जी का मिलाप इतना भावुक था की चट्टान तक पिघल गए थे। आज भी पत्थर की शिलाओ पर भगवान राम और भरत जी के चरणों के निशान देखने को मिलते हैं। भरत मिलाप वह जगह है जहां छोटे भाई का अटूट प्रेम बड़े भाई के लिए दर्शाता है।
9. भरत कूप चित्रकूट - Bharat Kup Chitrakoot Tourist Places
चित्रकूट में देखने लायक भरत कूप एक लोकप्रिय स्थल है। चित्रकूट से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर भरतपुर गांव में एक कुआं है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भरत श्री राम जी को वन से वापस लाने में असमर्थ हो जाते है तब महर्षि अत्रि की आज्ञानुसार सभी पावन स्थलों का जल ला कर कुएं में डालते हैं। कहा जाता है इसी कारण इस कुएं का जल मीठा और पवित्र है। कुएं के जल से नहाने से शरीर के त्वचा संबधी रोग ठीक हो जाते है।
10. जल प्रपात और दंतेवाड़ा काली माता मंदिर
चित्रकूट धाम में यात्रा करने के लिए चित्रकूट जलप्रपात एक प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है। पर्यटन स्थल पर पहुंचना साधारण नही है। क्योंकि जलप्रपात पहुंचने के लिए साधन उपलब्ध नहीं हैं। इसके लिए आपको जगदलपुर से वाहन बुक करना पड़ेगा। जलप्रपात के अतिरिक्त चित्रकूट के दर्शनीय स्थलों में से दंतेवाड़ा में मां काली का मंदिर है जहा प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं।
11. सती अनुसुइया मंदिर - Sati Anusuiya mandir Chitrakoot Dham
सती अनुसुइया मंदिर चित्रकूट से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों में स्थित है। सती अनुसुइया जाने के लिए बहुत से वाहन मिल जाएंगे जिनमें जीप, ऑटो रिक्शा, कार, आदि प्रमुख है। चित्रकूट आने वाले तीर्थयात्री पवित्र धार्मिक स्थल का दौरा करने जरूर आते है। माना जाता है कि यही से माता सती ने तपस्या करके मंदाकिनी नदी को धरती पर उतारा था।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि अत्रि अपनी पत्नी अनुसुइया और तीन पुत्रों के साथ इसी स्थान पर रहा करते थे। बनवास के दौरान भगवान राम पत्नी सीता के साथ इसी स्थान पर गए थे जहा देवी अनुसुइया ने माता सीता को सतित्व का महत्व बताया था।
12. जानकी कुंड चित्रकूट - Janki Kund Chitrakoot Dharmik Sthal
जानकी कुंड मंदाकिनी नदी के किनारे पर स्थित है। जानकी कुंड के तट पर सीढ़ियां बनी हुई है। ऐसा माना जाता है कि वनवान के समय माता जानकी स्नान करने के लिए आती थी। कुंड का पानी शांत और निर्मल है लोगों की मान्यता है कि जल में स्नान करने से सभी पापों से मुक्त मिलती है। तट पर अनेकों पैरों के निशान देखने को मिलते हैं माना जाता है। यह पैरों के निशान जानकी माता के है। जानकी कुंड चित्रकूट से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
चित्रकूट घूमने के लिए सबसे बढ़िया मौसम - Best Time to Visit chitrakoot
चित्रकूट धाम एक धार्मिक स्थल होने के कारण आप यहां कभी भी घूमने जा सकते हैं। रामनवमी और दीपावली जैसे त्योहारों पर यहां बहुत भीड़ होती है। दीपावली त्योहार में चित्रकूट में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है यह मेला धनतेरस से लेकर दीपावली के एक दिन बाद तक लगता है।
दीपावली के बाद प्रत्येक महीने की अमावस्या को चित्रकूट धाम में दर्शन करने के लिए हज़ारों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन यदि आप चित्रकूट धाम में दर्शन करने और घूमने का प्लान बना रहें हैं तो फरवरी से लेकर अप्रैल और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक मौसम अच्छा रहता है। इस दौरान यहां गर्मी ज्यादा नहीं पड़ती।
चित्रकूट धाम कैसे पहुंचे? - How to Reach Chitrakoot Dham in hindi
चित्रकूट धाम में घूमने की योजना बनाने से पहले आपको जान लेना चाहिए की चित्रकूट कैसे पहुंचा जा सकता है। क्योंकि इससे आपको आपकी जगह के हिसाब से चित्रकूट पहुंचने में आसानी रहेगी। और अपनी बजट के अनुसार आप यात्रा का प्लान बना पाएंगे।
चित्रकूट हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे? - How To Reach Chitrakoot By Air
चित्रकूट जाने के लिए हवाई मार्ग सबसे जल्दी पहुंचाने वाला माध्यम हैं। चित्रकूट धर्मनगरी में 10 मार्च 2024 को भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए हवाई अड्डे का लोकार्पण किया है जो 145 करोड़ की लागत में बना टेबल टॉप देवांगना हवाई अड्डा है। देवांगना हवाई अड्डे से अभी लखनऊ के लिए सप्ताहिक उड़ाने संचालित की जाती हैं जो सप्ताह के शुक्रवार और मंगलवार को उपलब्ध रहती हैं।
इसके अलावा चित्रकूट जिले से सबसे निकटतम एयरपोर्ट प्रयागराज हवाई अड्डा या बमरौली हवाई अड्डा है। बमरौली एयरपोर्ट चित्रकूट से 135 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर आप दूसरे देश से आ रहे हैं तो यह विदेशी पर्यटकों के लिए आसान रहेगा। प्रयागराज पहुंच कर चित्रकूट सड़क मार्ग से जा सकते हैं।
चित्रकूट सड़क मार्ग द्वारा से कैसे पहुंचे? - How To Reach Chitrakoot By Road
चित्रकूट अच्छी तरह सड़क मार्ग द्वारा इलाहाबाद, लखनऊ, बांदा, झांसी, कानपुर, सतना और भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप चाहें तो सार्वजनिक वाहन में आ सकतें है या फिर निजी वाहन में चित्रकूट धाम पर दर्शन के लिए आ सकते हैं।
ट्रेन द्वारा चित्रकूट कैसे पहुंचे? - How To Reach Chitrakoot by Train
ट्रेन द्वारा चित्रकूट पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन कर्बी है जो चित्रकूट धाम से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत के प्रमुख शहर कानपुर, बांदा, लखनऊ, दिल्ली, भोपाल, प्रयागराज, इंदौर, झांसी जैसे शहरों से ट्रेन आसानी से मिल जायेगी।
जिनमे से एक ट्रेन Chitrakoot Exp लखनऊ से चलती है। ज्यादातर यात्री चित्रकूट घूमने के लिए जाते हैं तो रेलगाड़ी का ही चुनाव करते हैं क्योंकि रेलगाड़ी द्वारा पहुंचना आसान है और यात्रा का किराया भी कम रहता है। कर्बी रेलवे स्टेशन उतर कर ऑटो रिक्शा या बस द्वारा चित्रकूट पहुंच सकते हैं।
चित्रकूट में कहां ठहरें? - Where to Stay in Chitrakoot
चित्रकूट में घूमने के बाद आपको यहां कम कीमत से लेकर अधिक रूपए तक के होटल में रूम आसानी से मिल जायेंगे। कर्बी रेलवे स्टेशन के आसपास बहुत से सस्ते दामों में होटल मौजूद हैं। बहुत से होटल में ऑनलाइन रूम बुक कर सकते है। आप ऑनलाइन खोज कर अपने हिसाब से रूम बुक कर सकते हैं। इसके अलावा चित्रकूट धाम में आपको बहुत से निशुल्क धर्मशाला मिल जायेंगे आप चाहे तो रात व्यतीत कर सकते हैं। चित्रकूट में धनुष बाण चौराहे पर अनेकों होटल है।
चित्रकूट में दर्शनीय स्थल कैसे घूमे?
चित्रकूट के ज्यादातर दर्शनीय स्थल 10 किमी के दायरे में स्थित है। एक स्थान से दूसरी जगह तक पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा बड़ी संख्या में चलते हैं जिसमें शेयर करके पहुंच सकते हैं। आप चाहें तो रिक्शा बुक करके घूम सकते हैं। जो सभी स्थानों का दर्शन करवाने के बाद होटल तक वापस छोड़ देते हैं।
चित्रकूट का प्रसिद्ध स्थानीय भोजन - Chitrakoot Famous Local Food
चित्रकूट धार्मिक स्थल होने की वजह से यहां आपको शुद्ध शाकाहारी भोजन ही खाने के लिए मिलेगा। यहां होटलों और रेस्टोरेंट में खाने के लिए दाल, चावल, रोटी, सब्जी, पापड़, जलेबी, समोसा, कचौड़ी खाने के लिए मिल जायेंगी।
चित्रकूट घूमने मे कितना खर्चा आएगा?- Chitrakoot Tour Budget
चित्रकूट छोटी और कम बजट वाली तीर्थ यात्रा है। लेकिन चित्रकूट में घूमने और रहने का खर्चा अपने ऊपर और रहने के दिनों पर निर्भर करता है। यदि आप चित्रकूट धाम में 2 दिन के घूमने का प्लान बना रहे हैं तो प्रति व्यक्ति के हिसाब से 4000 से 6000 रुपए में आपकी यात्रा पूरी हो सकती है।
FAQs
1. चित्रकूट में देखने लायक क्या क्या है?
चित्रकूट में देखने लायक बहुत से प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल है इसने से प्रमुख है- कामदगिरि पर्वत, हनुमान धारा, लक्ष्मण पहाड़ी, रामघाट, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी आदि।
2. चित्रकूट घूमने के लिए कितने दिन चाहिए?
चित्रकूट घूमने जाने के लिए 2 दिन पर्याप्त है। चित्रकूट की दो दिन की यात्रा में आप यहां के प्रमुख धार्मिक स्थल को देख पाएंगे।
3. चित्रकूट घूमने कब जाना चाहिए?
चित्रकूट घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च और अक्टूबर से दिसंबर का रहता है। इसके अलावा महीने की प्रत्येक अमावस्या को भी लोग चित्रकूट धाम में दर्शन और स्नान करने के लिए जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
लेख में हमने आपको चित्रकूट के सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी दी है। यह धार्मिक स्थल लोगों के लिए बहुत ही पवित्र और पूजनीय है। चित्रकूट ऐसा धार्मिक स्थल है जहां कम बजट में यात्रा को सफल बना सकते हैं।अगर आप कम बजट में छोटी यात्रा करना चाहते हैं तो चित्रकूट धाम यात्रा करने के लिए सर्वोत्तम दर्शनीय स्थल है। आशा है की चित्रकूट में घूमने की जगह (Chitrakoot Me Ghumne Ki Jagah) के विषय में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो अपने मित्रो और सगे संबंधियों को जरूर शेयर करें।