11+ अयोध्या में घूमने की जगह | अयोध्या राम जन्मभूमि के दर्शन
सरयू नदी के तट पर बसा अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक धार्मिक स्थल है। अयोध्या उत्तर प्रदेश राज्य का एक पश्चिमी जिला है। जिसको पहले फैजाबाद के नाम से जाना जाता था। लेकिन 2018 में जब योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या रख दिया। अयोध्या वह स्थान है जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। अयोध्या की पावन स्थली अपनी सभ्यता, संस्कृति और इतिहास से सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है लेख में आपको बताएंगे कि अयोध्या में घूमने की जगह (Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah) कौन सी हैं।
अयोध्या एक धार्मिक स्थल होने के कारण भक्तो और पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग अयोध्या नगरी घूमने के लिए आते हैं। प्रभु राम की ख्याति इतनी फैली हुई है की कोरिया जैसे देश से भक्त अयोध्या नगरी में घूमने आते हैं।
Ayodhya Temple बनने की प्रक्रिया के कारण अयोध्या पूरे भारत में लोकप्रिय धार्मिक स्थल बन गया है। अयोध्या हिंदू धर्म के सात पवित्र स्थानों में से एक है जिनमें प्रमुख है मथुरा, काशी, हरिद्वार, उज्जैन, कांचीपुरम, और द्वारिका। अयोध्या को घाटों और मंदिरों का शहर कहा जाता है।
यदि आप अयोध्या की धार्मिक यात्रा में शामिल होना चाहते हैं तो लेख को पढ़कर अयोध्या के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। लेख में हमने अयोध्या में घूमने की जगह (Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah) के साथ साथ बताया है कि अयोध्या पहुंचने का आसान रास्ता क्या है? और किस मौसम में अयोध्या की यात्रा करनी चाहिए? और अयोध्या में रुकने के लिए क्या सुविधा उपलब्ध है। हमारे द्वारा प्रदान की गई जानकारी अयोध्या की यात्रा करने में मददगार साबित हो सकती है।
अयोध्या में घूमने की जगह | Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah
अयोध्या का परिचय - Introduction of Ayodhya
- जैसा कि आपको पहले पता है अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है। ऐसा कहा जाता है की अयोध्या नगरी की रूपरेखा और इसका निर्माण मनु ने किया था। अयोध्या में ही भगवान राम के जीवन पर आधारित रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी।
- अयोध्या का पहले नाम फैजाबाद था। लेकिन 2018 में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बने तब उन्होंने फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या रख दिया।
- अयोध्या नगरी को मंदिरों का शहर कहा जाता है। इसका पुराना नाम कौशल देश था। अयोध्या में आपको छोटे से लेकर बड़े मंदिर हजारों की संख्या में दिख जायेंगे।
- अयोध्या में बहती सरयू नदी के तट पर अनेकों तरह के घाट है। जिनमें से कुछ प्रसिद्ध घाट गुप्तार घाट, लक्ष्मण घाट, जानकी घाट, राम घाट हैं। अयोध्या में घाटों का विशेष पौराणिक महत्व है। अयोध्या में आने वाले भक्त इन घाटों में स्नान जरूर करते हैं। मान्यता है घाटों पर नहाने से व्यक्ति के पाप घुल जाते है।
- पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मनु अयोध्या नगरी का निर्माण करने के लिए एक उचित पवित्र स्थान की तलाश कर रहे थे। मदद मांगने के लिए वह भगवान ब्रह्मा जी के पास जाते हैं। तब भगवान ब्रह्मा मनु को साथ लेकर भगवान विष्णु के पास जाते है।
- भगवान विष्णु ने अयोध्या नगरी बसाने के लिए साकेत धाम में एक उचित स्थान बताते हैं। अयोध्या नगरी का निर्माण करने के लिए भगवान विष्णु ने विश्वकर्मा जी और महर्षि वशिष्ठ को धरती पर ब्रह्मा जी और मनु के साथ भेजा और इस तरह अयोध्या नगरी का निर्माण हुआ।
अयोध्या यात्रा में दर्शन का क्रम - Ayodhya Ram Mandir Darshn
अयोध्या के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करने के लिए सबसे पहले सरयू नदी पर स्नान करने की परंपरा है। हिंदू ग्रंथो के अनुसार सरयू नदी में स्नान करने से जीवन के पापों और परेशानियों से छुटकारा मिलता है। स्नान करने के लिए नदी के तट पर अनेकों घाट बने हुए हैं जिनमें प्रमुख घाट जानकी घाट, राम की पैड़ी, लक्ष्मण घाट, राज घाट और दशरथ घाट हैं। सरयू नदी में स्नान करने के बाद तट पर स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर में जल अर्पित करने के बाद हनुमान गढ़ी में जाकर हनुमान जी के दर्शन करने के बाद शुरू किए जाते हैं।
1. अयोध्या राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya)
भारत में अयोध्या नगरी की पहचान भगवान राम से है। अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है यह मंदिर अगले साल बनकर तैयार हो जाएगा। हम सबके भगवान प्रभु श्री राम जी का मंदिर 12वी शताब्दी पुराना बताया जाता है। राम मंदिर इतना भव्य बन रहा है कि यह दुनियां का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा। अगले साल मंदिर के गर्भ गृह में राम लला विराजमान हो जायेंगे। राम मंदिर हनुमान गढ़ी से पैदल दूरी पर स्थित है।
खुलने का समय: सुबह 7 बजे से दोपहर 11:30 तक फिर 2 बजे से 7 बजे तक
राम जन्म भूमि में दर्शन के नियम
- मोबाइल, या किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान ले जाने की अनुमति नहीं है।
- बेल्ट, पर्स ले जाने की अनुमति नहीं है। अगर आपके पास समान है तो क्लॉक रूम में जमा करने के बाद दर्शन करने जा सकते हैं।
2. राजा दशरथ महल
अयोध्या में राजा महल भगवान राम के पिता राजा दशरथ का निवास स्थल है। इसी महल पर राम जी का बचपन गुजरा था। महल की सुंदरता अद्भुत है यह महल राम लला के रास्ते पर पड़ता है। महल के खंभों में अलंकृत चित्रकारी अद्भुत है जो देखने वाले लोगो को आकर्षित करती है। महल के अन्दर कई छोटे छोटे मंदिर बने हुए हैं जहां दर्शन कर सकते है।
महल दर्शन समय : सुबह 8 से 12 बजे और शाम 4 से रात्रि 10 बजे तक
3. राजा दशरथ समाधि स्थल - Raja Dashrath Samadhi Sthal
राजा दशरथ की मृत्यु के पश्चात उनके छोटे पुत्र भरत और शत्रुघ्न ने उनका अंतिम संस्कार अयोध्या नगरी में किया था। उस समय भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता 14 वर्ष के वनवास में थे। मंदिर में आपको समाधि के आलावा दशरथ जी की मूर्ती के साथ भरत और शत्रुघ्न की मूर्ती एक साथ देखने को मिलेगी। मंदिर के अंदर दशरथ जी के गुरू वसिष्ठ की प्रतिमा के दर्शन करने को मिलते हैं।
राजा दशरथ समाधि स्थल शनिवार को दर्शन करने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। मंदिर परिसर पर बरगद पेड़ के नीचे शनि भगवान का मंदिर भी बना हुआ है। राजा दशरथ समाधि स्थल अयोध्या से लगभग 13 किलोमीटर की दूर पूरा बाजार के बिल्लाहारी गांव पर स्थित है। समाधि स्थल पहुंचने के लिए बस, ऑटो रिक्शा या कैब बुक करके पहुंच सकते हैं।
4. कनक महल या कैकेयी महल अयोध्या (Kanak Mahal)
कनक महल में भगवान राम और उनकी पत्नी माता सीता सोने से बना हुआ मुकुट पहने मूर्ति के रूप में विराजमान हैं। सोने का बने मुकुट के कारण इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर भी कहते हैं। कनक भवन अयोध्या के धार्मिक स्थलों में से प्रमुख है।
पुराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है की कनक भवन को माता कैकई ने सीता जी को मुंह दिखाई के तौर पर तोहफे के रूप में दिया था। बनवास जाने से पहले भगवान राम माता सीता के साथ इसी भवन में रहा करते थे। कनक मंदिर के एक हिस्से में गीत संगीत का अद्भुत प्रदर्शन किया जाता है।
खुलने का समय: सुबह 8 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
शाम 04:30 से रात्रि 9 बजे तक
5. सीता रसोई मंदिर, अयोध्या में देखने की जगह (Sita Rasoi)
मंदिर में प्रभु श्री राम और लक्ष्मण की मूर्ति के साथ साथ उनके भाई और हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है। सीता रसोई को मंदिर की तरह बनाया गया है दुसरे हिस्से में लडडू गोपाल, नंदी महराज और माता दुर्गा के दर्शन करने को मिलते हैं। सीता रसोई में जाकर प्राचीन समय की रसोई को देख सकते हैं। सीता रसोई छोटी छावनी के जानकी घाट पर स्थित है।
6. सूरज कुंड अयोध्या (Suraj Kund Ayodhya Tourist Place)
सूरज कुंड राजा दशरथ की समाधि के पास ही स्थित है। सूरज कुंड एक प्राकृतिक जल कुंड है जो अयोध्या में धूमने की पसंदीदा जगहों में से एक है। कहा जाता है भगवान राम के जितने भी वंशज हुए हैं वह सभी इसी जलकुंड में स्नान करके सूर्य भगवान की उपासना करते थे। सूर्य कुंड के पास ही भगवान सूर्य का भव्य मंदिर बना हुआ है।
लोगों की मान्यता है कि सूरज कुंड में स्नान करने से त्वचा संबंधित रोग जैसे चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। सूर्य कुंड का परिसर काफ़ी बड़ा बना हुआ है जहां बैठकर आराम फरमा सकते हैं। रात के समय सूरज कुंड लाईट की रोशनी से जगमग हो जाता है। रात में लेजर शो भी होता है जिसमें देखकर बहुत ही अच्छा लगता है। अगर अयोध्या घूमने जाएं तो सूरज कुंड जरूर विजिट करें।
7. मणि पर्वत अयोध्या की लोकप्रिय जगह (Mani Parwat Ayodhya Tourist Places)
रामायण में मणि पर्वत का वर्णन मिलता है। कहा जाता है लंका में रावण के साथ युद्ध में जब लक्ष्मण मुर्छित हो गए थे। तब हनुमान जी लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी बूटी की तलाश में अयोध्या पधारे थे। लेकिन पर्वत में जड़ी बूटी खोज रहे थे।
जब वह जड़ी बूटी नही खोज पाए तो उन्होंने पूरे पर्वत को अपने हाथों से उठाकर युद्ध क्षेत्र में ले गए थे जहां पर लक्ष्मण मूर्क्षित हो गए थे। अयोध्या नगरी घूमने जाने वाले सभी लोग मणि पर्वत को देखने के लिए जरूर जाते हैं। सावन के मौसम में झूला महोत्सव पर्यटकों को बहुत ही आकर्षित करता है।
मणि पर्वत पर जाने के लिए 108 सीढ़ियों को चढ़कर जाना होता है। मंदिर के ऊपर आपको मणि भगवान के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार सीता जी के विवाह के बाद उनके पिता जनक जी ने असंख्य मणि उपहार के रूप में दी थी जिससे मणि का ढेर लग गया था और पर्वत के रूप में आकार हो गया था जिस कारण इसे मणि पर्वत कहा जानें लगा।
मणि पर्वत लोकेशन : अयोध्या से 8 किमी दूर
पहुंचने का माध्यम: ऑटो रिक्शा और बस
8. मोती महल (Moti Mahal, Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah)
मोती महल का निर्माण 1743 में करवाया गया था। महल में शुजा-उद दौला की पत्नी रानी बेगम उन्मातुजोहरा बनो रहा करती थी। मोती महल को पर्ल पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। वक्त के साथ साथ यह महल अब खंडहर के रूप में तब्दील हो चुका है। महल की कुछ हिस्सा ही है जो देखने लायक है।
मोती महल में मुगल वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। मोती महल की दीवारों पर अद्भुत कारीगरी देखने को मिलती है। महल की दीवारों पर खूबसूरत डिजाइन अलंकृत की गई हैं जो देखने में बहुत ही भव्य लगती हैं।
9. तुलसी स्मारक भवन अयोध्या (Tulsi Museum Ayodhya)
तुलसी स्मारक भवन का निर्माण महान कवि गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में करवाया गया था। स्मारक भवन अयोध्या शहर में राज गांव क्रॉसिंग नेशनल हाईवे के पूरब दिशा में स्थित है। कहा जाता है इसी स्थान पर गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की थी।
यहां हर रोज राम कथा का पाठ किया जाता है। तुलसी स्मारक भवन एक संग्रहालय भी है। साहित्य में रुचि रखने वाले लोगों को यहां आवश्य जाना चाहिए। साथ ही यह एक अनुसंधान केंद्र भी है। इसमें अयोध्या के साहित्य, संस्कृति और आध्यात्मिक विषयों पर खोज की जाती है।
10. अयोध्या का दर्शनीय स्थल हनुमान गढ़ी - Hanuman Gadhi Ayodhya
हनुमान गढ़ी मंदिर पहाड़ की चोटी पर बना हुआ है। इसका निर्माण अवध के नवाब द्वारा करवाया गया था। हनुमान गढ़ी जाने के लिए 76 सीढियां चढ़ कर जाना पड़ता है। हनुमान मंदिर में भगवान श्री राम की 6 फिट ऊंची मूर्ति को स्थापित की गई है। हनुमान गढ़ी में भगवान हनुमान कलयुग के राजा के रुप में विराजमान हैं। साकेत धाम जानें से पहले भगवान राम ने हनुमान जी को आदेश दिया था कि कलयुग में राजा के रुप में लोगों का कल्याण करेंगे।
माता अंजनी के साथ हनुमान जी की भी मूर्ति स्थापित करी गई है। पहाड़ पर चढ़ कर जाने से चारों तरफ़ का दृश्य बहुत ही शोभनीय लगता है। हनुमानगढ़ी अयोध्या रेलवे स्टेशन से महज एक किमी की दूरी पर पड़ता है। अयोध्या की यात्रा पर रामलला के दर्शन करने से पहले हनुमान गढ़ी में हनुमान जी के दर्शन करना शुभ माना जाता है। हनुमान गढ़ी में भक्तो द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन चलता रहता है। भक्ति संगीत में खोकर प्रभु की भक्ति में लीन होना चाहते हैं तो भक्ति संगीत का आनंद उठा सकते हैं।
11. बहु बेगम का मकबरा - Tomb of Bahu Begum
बहु बेगम का मकबरा जो कि 1816 में बनवाया गया था। इस मकबरे को पूर्व का ताजमहल कहा जाता है। यह मकबरा अयोध्या में सबसे ऊंचा स्मारक है जो अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मकबरे के भूतल में बेगम उन्मातू जोहरा की कब्र बनी हुई है। जिसे बाहर से ही देखा जा सकता है। मोहर्रम के पर्व पर यह कब्र खोली जाती है।
मकबरे में तीन गुम्बद बने हुए हैं जिन्हें अदभुद नक्काशी से सजाया गया है। उस जमाने में इस मंदिर को बनवाने में लगभग 3 लाख का खर्चा आया था। यह मकबरा नवाब शुजा उद दौला की पत्नी बेगम उन्मातू जोहरा बानो को समर्पित है। बहु बेगम का मकबरा फैजाबाद शहर में मकबरा रोड पर स्थित है।
12. त्रेता के ठाकुर अयोध्या का दर्शनीय स्थल (Treta Ke Thakur Ayodhya)
नेत्रा के ठाकुर मंदिर का निर्माण 300 साल पहले राजा कुल्लू द्वारा करवाया गया था। मंदिर में बलुआ पत्थर को तरांश कर लगाया गया है। यह मंदिर फैजाबाद में नया घाट पर स्थित है। कहा जाता है इसी स्थान पर भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था। और एक घोड़ा छोड़ा था जिसे बाद में लव कुश ने पकड़ा था। घोड़ा छोड़ने का मकसद होता था की जो भी घोड़े को अपने कब्जे में लेगा उसे युद्ध करना पड़ेगा। भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था इसलिए मंदिर भगवान राम त्रेता युग के भगवान के रूप में दर्शाया गया है।
मंदिर में भगवान राम सहित सीता, लक्ष्मण, हनुमान जी, भरत, सुग्रीव की मूर्तियां स्थापित की गई है। त्रेता के ठाकुर महीने की दोनो एकादशी को दर्शन करने के लिए खोला जाता है। इसके अलावा कार्तिक की एकादशी पर यह मंदिर खोला जाता है।एकादशी पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। लोगों की आस्था है कि यदि लगातार 74 एकादशी पर दीपक जलाते हैं तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
दर्शन करने का समय : 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक गर्मियों में सर्दियों में 6 बजे से रात 9 बजे तक
13. नागेश्वर नाथ मंदिर
राम जी की पैड़ी पर स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्राचीन मंदिर है। भगवान शिव अयोध्या के कण कण में विराजमान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मंदिर का निर्माण भगवान राम के बड़े पुत्र कुश द्वारा करवाया गया था। कहते हैं नाग कन्या को उपहार में देने के लिए इस मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर के प्रति भक्तो की अपार श्रद्धा जुड़ी हुई है।
लोगों का मानना है कि मंदिर में मांगी गई सभी मान्यता पूर्ण होती हैं। मंदिर में ही भगवान नंदी की मूर्ती विराजमान है। भक्ति अपनी मनोकामनाएं मांगने के लिए नंदी के कान में बोलते हैं। इतिहासकारों का मत है की मंदिर को राजा विक्रमादित्य ने पुनः निर्माण करवाया था।
नागेश्वर नाथ मंदिर का पता : राम की पैड़ी, लता मंगेशकर चौक के पास
14. छोटी देव काली मंदिर
अयोध्या में देवकाली मंदिर माता सीता की कुलदेवी के रूप में जानी जाती हैं। माता सीता जब प्रभु श्री राम जी से जनकपुर से विवाह कर अपने ससुराल गई थी तब अपने साथ अपनी कुलदेवी देव काली को अपने साथ ले गई थी।
मंदिर की लोकेशन : रामकोट से 300 मीटर दूर
15. बड़ी देव काली मंदिर
बड़ी देव काली मंदिर भगवान राम की कुल देवी के रुप में जानी जाती हैं। मंदिर में तीन देवी महाकाली, महालक्ष्मी, और महा सरस्वती विराजमान है। अयोध्या में बड़ी देव काली भी बहुत ही पूजनीय मानी जाती हैं।
मंदिर लोकेशन : अयोध्या से 5 किमी दूर
16. गुप्तार घाट
गुप्तार घाट अयोध्या का बहुत ही पवित्र घाट है। गुप्तार घाट पर ही प्रभु श्री राम जी ने शरद पूर्णिमा के दिन अपनी जीवन लीला को समाप्त करके वैकुंठ धाम प्रस्थान किया था। गुप्तार घाट हमेशा भक्तो से भरा हुआ रहता है। गुप्तार घाट में नाव की सवारी करने की सुविधा उपलब्ध है। घाट के किनार बहुत सी नाव वाले रहते हैं जो नाव में बैठकर सैर करवाते हैं। गुप्तार घाट में स्नान करने के बाद अपनी अयोध्या यात्रा का समापन कर सकते हैं।
गुप्तार घाट लोकेशन : अयोध्या से 10 किमी दूर
17. अयोध्या, नंदीग्राम
नंदीग्राम वह स्थान है जहां प्रभु श्री राम जी के छोटे भाई भरत ने भगवान राम का सिंहासन कायम रखा जब भगवान राम 14 साल के वनवास में थे। उन्होनें अपने बड़े भ्राता की चरण पादुका को रख कर सिंहासन को उज्ज्वलित रखा। नंदीग्राम में चार मुख्य तीर्थ स्थल है। भरत कुंड, श्री भरत हनुमान मिलाप मंदिर, श्री राम भरत मिलाप मंदिर, और श्री भरत जी मंदिर।
नंदीग्राम का पता : अयोध्या से 25 किमी दूर, प्रयागराज मार्ग पर
अयोध्या में घूमने लायक मौसम (Best Season to Visit in Ayodhya)
अयोध्या धार्मिक स्थल होने के कारण यहां साल भर लोग घूमने के लिए आते रहते हैं। लेकिन यदि आप अयोध्या में अच्छे से घूमना चाहते है तो सितंबर से लेकर फरवरी महीने तक अच्छा मौसम रहता है। सितंबर से फरवरी तक काफी मात्रा में देश विदेश से लोग घूमने के लिए आते रहते हैं। वही अप्रैल से जून तक काफी गर्मी पड़ने लगती है।
जिससे लोगों का आवागमन कम रहता है। हालांकि आप बरसात के मौसम में भी अयोध्या में घूम सकते हैं। लेकिन बारिश में कीचड़ की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दशहरा और दीपावली में अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
जगह जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से रामायण के किरदारों की प्रस्तुति की जाती है। यदि आप दशहरा और दीवाली के समय घूमने के लिए जाते है तो आपको बहुत ही मजा आने वाला है। लेकिन दशहरा और दीपावली में पर्यटकों की बहुत भीड़ होती है।
अयोध्या में कैसे पहुंचे, जाने का सुविधाजनक माध्यम - How To Reach Ayodhya
अयोध्या या फैजाबाद जाने के लिए तीनो तरह के माध्यम उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश राज्य का अयोध्या जिला राज्य के अधिकतर शहरों से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग (By Train): अगर आप ट्रेन के द्वारा अयोध्या घूमने के लिए जाना चाहते है तो अयोध्या में मुख्यता दो रेलवे स्टेशन हैं एक हैं अयोध्या जंक्शन जिसका नाम बदलकर अयोध्या धाम जंक्शन कर दिया गया है और दुसरा अयोध्या कैंट है। दोनो रेलवे स्टेशन देश के शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अयोध्या धाम जंक्शन को बहुत ही सुंदर ढंग से मंदिर की तरह निर्मित किया गया है। अयोध्या के लिए ट्रेन से सफर करना बहुत ही सस्ता माध्यम है।
अयोध्या लखनऊ से 120 किमी की दूरी पर स्थित है। लखनऊ से ट्रेन द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। अयोध्या धाम जंक्शन से राम जन्म भूमि मंदिर 1 किमी है और Ayodhya Cantt स्टेशन से मंदिर 11 किमी दूर पड़ता है। अधिकतर यात्री अयोध्या जंक्शन के लिए यात्रा टिकट बुक करते हैं क्योंकि मंदिर नजदीक पड़ता है।
वायु मार्ग (By Air): फ्लाइट्स से जाने के लिए अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम हवाई अड्डा स्थित है जिसका नाम बदलकर महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशन एयरपोर्ट किया गया है। 1450 करोड़ रुपए की लागत से बना हवाई अड्डा जिसका उद्घाटन 30 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने किया है। Ayodhya Airport नाका एनएच 27 और NH-330 के निकट स्थित है। वर्तमान में भारत के तीन शहर दिल्ली, मुंबई, और अहमदाबाद शहर से उड़ान की सुविधा उपलब्ध है।इसके अलावा आप चाहें तो हवाई मार्ग द्वारा लखनऊ पहुंच जाएं और वहां से सड़क मार्ग द्वारा अयोध्या पहुंच सकते हैं या फिर गोरखपुर हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर सकते हैं।
सड़क मार्ग (By Road): अयोध्या में घूमने जाने के लिए सड़क मार्ग बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। अयोध्या देश के विभिन्न शहर गोरखपुर, लखनऊ प्रयागराज से रोड़ द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जहां पर टूरिस्ट बस आती जाती रहती हैं। लखनऊ से अयोध्या 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अयोध्या जाने के लिए रोड़ भी अच्छी तरह हैं।
अयोध्या घूमने जाने पर कहां ठहरे?
अयोध्या उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी है। Ayodhya घूमने के लिए जाते हैं तो आपको रुकने के लिए राम मंदिर के आसपास बहुत से होटल बने हुए हैं जिनमे एक रात ठहरने का किराया 700 रुपए से लेकर 1500 रूपए तक रहता है। होटल में एसी और नॉन एसी दोनो तरह के रूम मिल जायेंगे। यदि आप कम बजट में रुकना चाहते हैं तो धर्मशाला में ठहर सकते हैं। अयोध्या जंक्शन उतरते ही आसपास काफ़ी विकल्प मौजूद हैं जहां कम बजट में होटल बुक कर सकते हैं।
अयोध्या के लोकप्रिय होटल
- पर्यटक आवास गृह
- श्री राम अतिथि निवास
- श्री बाला जी धर्मशाला
- गुजराती धर्मशाला
अयोध्या शहर में कैसे घूमें?
यदि आप Ayodhya Dham के आसपास घूमने के लिए किराए पर कोई वाहन लेना चाहते हैं तो बहुत से एजेंट है जो किराए पर वाहन देते है। लेकिन उसके लिए वैद्य दस्तावेज होने चाहिए। इसलिए जब भी घूमने के लिए जाएं और आपको घूमने के लिए कोई वाहन किराए पर लेने की आवश्यकता पड़े तो अपने साथ कोई आईडी लेकर जरूर जाए।
अयोध्या में घूमने के लिए ऑटो, टैक्सी, ई-रिक्शा, बस की सवारी ले सकते हैं। फैमिली के साथ गए है तो आप चाहे तो पूरी टैक्सी बुक कर सकते हैं। श्री राम जन्म भूमि मंदिर से 5 किमी के दायरे में अधिकतर दर्शनीय स्थल मौजूद हैं जो पैदल चलकर दर्शन किया जा सकता है।
अयोध्या में लोकप्रिय भोजन क्या है? (Ayodhya Famous Food)
अयोध्या धार्मिक स्थल होने के कारण यहां पर खानें के लिए ज्यादातर आस पास शाकाहारी भोजन मिल जायेगा। दोपहर और रात्रि में खानें के लिए भोजन की थाली 150 से लगाकर 250 में मिल जाती है। जिसमे चावल, चपाती, दाल, सब्जी और मिठाई, अचार, रायता शामिल रहता है।
अगर शाम को कुछ चटपटा खाने का मन करे तो चाट और पानीपुरी के ठेले दिख जायेंगे जहां स्ट्रीट फूड का जायका ले सकते हैं। मीठा खानें के लिए दही जलेबी बहुत सी प्रसिद्ध है। आसपास के होटल या रेस्टोरेंट में उत्तर भारत के व्यंजन के साथ साथ दक्षिण भारत के व्यंजन इडली, डोसा, उत्तपम, सांभर, खानें के लिए मिल जायेगा।
अयोध्या में निशुल्क भोजन
अयोध्या पावन यात्रा में कितना खर्चा आएगा? (Budget For Ayodhya)
अगर आप अयोध्या घूमने जानें का प्लान बना रहें है। तो आप कम बजट में भी अयोध्या घूम सकते हैं। अयोध्या में महंगे से महंगे और सस्ता होटल मिल जायेंगे। जिसमे आपको रहने के लिए 700 से लेकर 1500 रुपए में 24 घंटे रहने लायक होटल मिल जायेंगे। खाना खाने के लिए 150 से लेकर 250 तक थाली मिल जायेंगी। थाली न लेकर आप अलग से खाना ऑर्डर कर सकते हैं।
अयोध्या में ठहरने के लिए बहुत से धर्मशाला भी मिल जायेंगे जो रुकने के लिए निशुल्क रहते है। गर्मियों में यदि आप घूमने जा रहे है तो एसी (AC) वाले रूम भी मिल जायेंगे। अयोध्या ऐसा धार्मिक स्थल है जहां 2 दिन में दर्शन करके वापस लौटा जा सकता है।
FAQs
1. अयोध्या से चित्रकूट की दूरी कितनी है?
अयोध्या से चित्रकूट की दूरी लगभग 245 किलोमीटर है। सड़क मार्ग द्वारा तय करने में लगभग 7 घंटे का समय लग जाता है।
2. अयोध्या में घूमने लायक क्या क्या चीज है?
अयोध्या भगवान राम की जन्म स्थली है जहा पर अनेकों घाट और दर्शन करने के लिए मंदिर है।
3. अयोध्या किस चीज के लिए प्रसिद्ध है?
अयोध्या भगवान श्री राम की जन्म स्थली है। इसी कारण अयोध्या नगरी बहुत ही प्रसिद्ध है। अयोध्या का इतिहास हजारों साल पुराना है।
4. अयोध्या का नाम कब पड़ा?
अयोध्या का नाम 2018 में रखा गया इसके पहले अयोध्या को फैजाबाद के नाम से जानते थे। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बने तब फैजाबाद नाम बदलकर अयोध्या रख दिया।
5. अयोध्या का प्राचीन नाम क्या है?
अयोध्या का पुराना नाम कौशल देश था। यह हिंदुओ का धार्मिक स्थल में से एक है।
निष्कर्ष (Conclusion)
नमस्ते प्रिय पाठक लेख को पढ़कर अयोध्या के धार्मिक स्थलों के साथ साथ आपने जाना की अयोध्या में घूमने की जगह (Ayodhya Me Ghumne Ki Jagah) कौन सी हैं। हमने अयोध्या के सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों के बारे में बताया है। वैसे अयोध्या में तो हजारों की संख्या में छोटे छोटे मंदिर बने हुए हैं। परंतु हमनें उन्हीं धार्मिक स्थलों का वर्णन किया है जहां अधिकतर पर्यटक जाकर दर्शन करते हैं। आर्टिकल को शेयर करके अपना प्यार और समर्थन जरुर दे।